Kaithal : धान की फसल में पत्ता लपेट सुंडी का प्रकोप

Kaithal : धान की फसल में पत्ता लपेट सुंडी का प्रकोप
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  • किसान स्प्रे करने में जुटे, ढूंढे नहीं मिल रहे मजदूर
  • मौसम खुश्क होने के कारण बीमारी ने दी दस्तक

Kaithal : जिले में इस समय धान की फसल में पत्ता लपेट सुंडी की दस्तक देने से किसानों और कृषि वैज्ञानियों की नींद हराम हो गई है। किसान दिन रात एक कर स्प्रे कर अपनी फसल को बचाने में जुटे हैं। यदि किसान कुछ दिन देरी करें तो यह सुंडी बड़ी तेजी से फसल को चट कर रही है। यही कारण है कि इस समय कृषि विभाग की टीम भी किसानों को जागरूक करने में जुटी है।

आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो जिले का रकबा मुख्य रूप से धान की फसल के लिए जाना जाता है। इसे धान का कटोरा भी कहा जाता है। यहां की बासमती धान की महक विदेशों तक फैलती है। किसान मुख्य रूप से धान की फसल करते हैं। इस समय जिले में डेढ़ लाख से भी अधिक हेक्टेयर में धान की फसल लहलहा रही है। अभी तक मौसम धान उत्पादक किसानों के लिए अनुकुल रहा। इस कारण धान की फसल अच्छी थी लेकिन अब मौसम खुश्क होने के कारण धान की फसल में पत्ता लपेट सुंडी का प्रकोप देखा जा रहा है। किसानों का कहना है कि यह सुंडी इतनी भयानक है कि यदि समय रहते स्प्रे न किया जाए तो यह रातोंरात फसल को चट कर जाती है।

ऐसे करें रोकथाम

कृषि वैज्ञानियों ने बताया कि मौसम खुश्क होने के कारण धान की फसल में पत्ता लपेट सुंडी का प्रकोप देखा जा रहा है। किसानों को चाहिए कि वे इसके खात्मा के लिए खेम या मोरटार दवाई का 50 एमएल प्रति एकड़ की दर से स्प्रे करें। आजकल मार्केट में ट्रैक्टर से जुडी स्प्रे मशीन आ चुकी हैं। किसानों को चाहिए यदि मजदूरों की कमी नजर आती है तो वह ट्रैक्टर वाली मशीन से भी स्प्रे करवा सकते हैं। कृषि विज्ञान केंद्र के मुख्य वैज्ञानिक डाॅ. रमेश वर्मा ने बताया कि मौसम खुश्क होने के कारण धान की फसल में इस समय पत्ता लपेट सुंडी का प्रकोप देखा जा रहा है। यदि बरसात आती है तो यह बीमारी अपने आप समाप्त हो जाएगी। किसानों को फसल बचाने के लिए खेम व मोरटार दवाई का स्प्रे करना चाहिए। किसानों को चाहिए कि यदि बीमारी है तो स्प्रे करें अन्यथा नहीं।

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