होशियार सिंह की आत्महत्या के मामले ने तूल पकड़ा : पुलिस कार्रवाई से खफा मृतक के परिजनों ने लगाया जाम, पुलिस कर्मचारियों की गिरफ्तारी मांग

हरिभूमि न्यूज. कैथल: सीआईए-टू की प्रताड़ना से तंग आकर 14 जनवरी को की गई गांव भागल के पास 45 वर्षीय होशियार सिंह की आत्महत्या का मामला तूल पकड गया है। इसे लेकर रविवार को भागल के ग्रामीण अस्पताल पहुंचे। उन्होंने मृतक के शव को लेने से इनकार कर दिया और मांग की कि जब तक सीआईए पुलिस के सभी कर्मचारियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता तब तक शव को नही लेंगे। ग्रामीण इतने क्रोधित थे की जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा मनाने पर भी नहीं माने और अपनी मांगों पर अड़े थे जिसके बाद उन्होंने कैथल के सर छोटू राम चौक पर आ कर जाम लगा दिया।
जाम की सूचना मिलते ही डीएसपी विवेक चौधरी मौके पर पहुंचे। डीएसपी विवेक चौधरी ने ग्रामीणों को बताया कि पुलिस ने उनकी मांग अनुसार 4 पुलिस कर्मचारियों के नाम एफआईआर में जोड़ लिए हैं और जल्द ही मामले की जांच का कर दोषी पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ग्रामीणों द्वारा जब डीएसपी से पूछा गया कि सभी आरोपी कहां है? तब डीएसपी ने कहा कि सीआईए के जिन पुलिस कर्मचारियों पर आरोप लगे हैं वह फिलहाल फरार चल रहे हैं जिनको जल्द ही जांच में शामिल किया जाएगा।
फिलहाल डीएसपी विवेक चौधरी द्वारा ग्रामीणों से दोषी पुलिस कर्मचारियों पर कार्रवाई करने के लिए 2 दिन का समय मांगा गया जिस पर ग्रामीण सहमत हो गए और उसके बाद उन्होंने जाम को खोल दिया।
ये था मामला
बताते चले की कैथल सीआईए-टू पुलिस ने चोरी का फोन प्रयोग करने के आरोप में शुक्रवार रात 9 बजे भागल निवासी होशियार सिंह के बेटे मलकीत को हिरासत में लिया था। परिजनों को सुबह थाने में बुला लिया था। अगले दिन जैसे ही सुबह करीब 10 बजे युवक का पिता होशियार सिंह कुछ ग्रामीणों को साथ लेकर सीआईए थाना में पहुंचा तो वहां उसे सीआईए पुलिस कर्मचारी एएसआई प्रदीप ने धमकाना शुरू कर दिया।
आरोप है कि सीआईए टू पुलिस के जांच अधिकारी एएसआई प्रदीप सिंह ने मृतक होशियार सिंह को धमकी दी कि या तो तुम अपना गुनाह कबूल कर लो या फिर हम तुम्हारी बेटी को थाने में लाकर कपड़े उतार देंगे।
इसके बाद मृतक होशियार सिंह कोई बहाना लगाकर थाने से बाहर आया और कुछ दूरी पर जाकर पेड़ से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद मृतक के भाई की शिकायत पर एएसआई प्रदीप व तीन अन्य पुलिसकर्मियों पर आत्महत्या के लिए मजबूर करने का केस दर्ज किया है।
सड़क किनारे मिला था मोबाइल
वहीं जाम लगाने पहुंच मृतक की पत्नी और बेटी का कहना है कि जिस मोबाइल के आरोप में सीआईए ने युवक को घर से उठाया वह मोबाइल खेत के पास सड़क किनारे मिला था। अनजाने में युवक ने उसमें अपनी सिम डाल ली थी और उसी शुक्रवार रात 9 बजे उनके घर तीन पुलिसकर्मी आए और उसके बेटे मलकीत के बारे में पूछा तो उन्होंने मलकीत को बुलाया और पुलिसवाले मलकीत को सीआईए टू में ले आए और शनिवार सुबह साढ़े 9 बजे मलकीत का पिता होशियार सिंह ग्रामीणों के साथ सीआईए-टू में पहुंच गए। वहां एएसआई व उसके तीन-चार सहयोगी मिले। एएसआई ने कहा कि मलकीत ने मोबाइल चोरी किया है।
परिवार ने कहा कि उनका बेटा ऐसा नहीं कर सकता।आप पूछताछ कर सकते हो। एएसआई प्रदीप ने सभी के सामने मलकीत के पिता होशियार सिंह को धमकाना शुरू कर दिया। धमकी दी कि अब तुम्हारी बेटी को उठाकर लेकर आऊंगा। बेटी को थाना में लाकर कपड़े उतारने की धमकी दी। कुछ देर बाद होशियार सिंह ने पुलिस से कहा कि बस स्टैंड पर रिश्तेदार आया है उसे लेकर आता हूं और बाइक लेकर होशियार सिंह थाना से चला गया और नए बस स्टैंड के पास ग्योंग रोड पर एक पेड़ से लटक कर अपनी जान दे दी थी। मृतक की बेटी का कहना है कि जिन पुलिस कर्मचारियों की वजह से उनके पिता ने तंग आकर अपनी जान दी है उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
डीएसपी विवेक चौधरी ने बताया की भागल निवासी हुकम सिंह को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के संदर्भ में सिविल लाइन थाने में सीआईए टू के एएसआई प्रदीप के खिलाफ कल ही मामला दर्ज कर लिया था उसके बाद अन्य तीन पुलिस कर्मचारियों को और इसमें जोड़ा गया है। फिलहाल किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। सभी आरोपी फरार चल रहे हैं। जल्द ही सभी को जांच में शामिल कर लिया जाएगा।
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