बेहद निराले स्वरूप में नजर आएगा कलायत का 131 वर्ष पुराना रेलवे स्टेशन

रणबीर धानियां : कलायत
दिल्ली मंडल के 131 वर्ष पुराने कलायत रेलवे स्टेशन एक माह की समय अवधि में बेहद निराले स्वरूप में दिखाई देगा। पुराने ढर्रे पर चले रहा यह स्टेशन पूर्णत: कंप्यूटराइजड और वातानुकूलित होगा। पहले इस स्टेशन पर केवल एक टिकट काउंटर स्थापित था जिसकी संख्या अब दो हो चुकी है। रेलवे स्टेशन की लाइन चौड़ी की गई है। प्रतीक्षालय भवन को आकर्षक बनाया गया है।
सहायक स्टेशन मास्टर एन.के शर्मा ने बताया कि रेलवे विभाग द्वारा तैयार किए गए स्वरूप के तहत मार्डन कार्यालय, प्रतीक्षालय, टिकट घर और परिसर नए लुक में नजर आएगा। इसके साथ ही पेयजल, बिजली, पानी निकासी, शौचालय और सौंदर्य करण से जुड़ी अन्य योजनाएं भी जमीनी स्तर पर उतारी जा रही हैं।
बुजुर्गों का कहना है कि धार्मिक नगर कलायत के रेलवे स्टेशन से जुड़े पहलुओं की अगर समीक्षा की जाए तो अपने एक शताब्दी से अधिक के सफर में इसने गुलाम और आजाद भारत के इतिहास को बखूबी देखा है। जिस दौरान वर्ष 1890 में स्टेशन की शुरूआत हुई उस समय केवल दो गाडि़यां चलती थी। वर्ष 1959 के नवंबर माह में अंबाला से नरवाना अप-डाऊन ट्रेन का अध्याय इसमें जुड़ा।
इस श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए वर्ष 1970 में तत्कालीन रेल मंत्री गुलजारी लाल नंदा से शहर के धार्मिक एवं सामरिक महत्व को देखते हुए जींद से कुरुक्षेत्र चलने वाले गाड़ी का तोहफा क्षेत्रवासियों को दिया। वर्ष 2014 का फरवरी माह भी रेलवे के लिए खुशियों भरा रहा। इसी वर्ष फरवरी माह में स्टेशन को तत्कालीन सांसद नवीन जिंदल ने कुरुक्षेत्र-दिल्ली गाड़ी को हरी झंडी दी। वाया कुरुक्षेत्र, नरवाना और जींद दौड़ने वाली अप-डाऊन गाड़ी यात्रियों को बड़ी सहूलियत देने का काम कर रही है। 16 सितंबर 2014 को कंेद्र सरकार ने जयपुर-चंडीगढ़ इंटर सिटी गाड़ी के साथ स्टेशन की शान में चार-चांद लगाए। इस तरह ज्यों-ज्यों कलायत रेलवे स्टेशन की आयु बढ़ती जा रही है तरक्की की रफ्तार में साथ-साथ वृद्धि हो रही है। अब जिस प्रकार रेलवे लाइन का विद्युतीकरण किया गया उससे स्टेशन की स्थिति अपेक्षाकृत ज्यादा सबल होती जा रही है। हर कोई यह मानकर चल रहा है कि इस कदम से यात्रियों को आधुनिक स्तर की सुविधाएं जिस प्रकार उपलब्ध होंगी उससे रेलवे विभाग के राजस्व में भी बड़ा इजाफा होगा।
सुविधाओं का दायरा बढ़ाना वक्त की मांग
शंकर कौशिक, डा.हवा सिंह, रामकुमार नायक, दर्शन कौशिक, दूनी चंद, रोहताश कुमार, राजकुमार राजा और दूसरे संगठनांे से जुड़े पदाधिकारियों का कहना है कि अपनी आयु का लंबा दौर तय कर चुके स्टेशन को अपेक्षाकृत 'यादा सुधारों की जरूरत रही है। स्टेशन की स्थिति को मजबूत बनाने के लिए सुविधाओं का दायरा बढ़ाना अनिवार्य है। ताकि नगर के सामरिक महत्व को पंख लगे सकें।
सांसद नायब सैनी उठा रहे जयपुर-चंडीगढ़ इंटर सिटी ट्रेन ठहराव की मांग
जयपुर-चंडीगढ़ इंटर सिटी ट्रेन ठहराव का मुद्दा इलाके में पिछले काफी समय से गहराया हुआ है। इस मांग को लेकर व्यापक स्तर पर देवभूमि रेल यात्री संघर्ष समिति के माध्यम से हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है। अब तक असंख्य लोग इसमें अपनी सहभागिता दर्ज करवा चुके हैं। इसके मद्देनजर कुरुक्षेत्र संसदीय क्षेत्र सांसद नायब सैनी लोकसभा में जयपुर-चंडीगढ़ इंटर सिटी ट्रेन ठहराव का मुद्दा उठाया गया था।
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