हरियाणा की राजनीति में बड़ी खबर : कालका में नहीं होगा उपचुनाव, प्रदीप चौधरी की सजा पर रोक

योगेंद्र शर्मा. चंडीगढ़
हरियाणा की कालका विधानसभा सीट से विधायक प्रदीप चौधरी को फिलहाल हिमाचल हाईकोर्ट की ओर से राहत मिल गई है। उनके सियासी लंबे करियर को देखते हुए हाईकोर्ट ने निचली अदालत द्वारा दी गई सजा पर फिलहाल रोक लगा दी है। हाईकोर्ट की ओर से दिए गए फैसले के बाद में कालका विधानसभा सीट पर उपचुनाव लड़ने और विधानसभा पहुंचने की जद्दोजहद में जुटे नेताओं की गतिविधियों पर भी विराम लग गया है।
प्रदीप चौधरी के सियासी सफर को देखते हुए हिमाचल हाईकोर्ट ने बड़ी राहत देते जस्टिस संदीप शर्मा की कोर्ट ने निचली अदालत द्वारा दी गई सजा पर फिलहाल रोक लगा दी है। यह रोक उनके द्वारा लगाई गई याचिका के निस्तारण तक जारी रहेगी। हाईकोर्ट के जस्टिस ने पूरे मामले को एक्सेप्शनल कहा है। अपने फैसले में जस्टिस ने ट्रायल कोर्ट की सजा पर याचिका के निस्तारण तक रोक लगा दी है। हिमाचल हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद कालका विधानसभा से विधायक प्रदीप चौधरी की विधानसभा में सदस्यता भी सामान्य हो गई है।
यहां पर उल्लेखनीय है कि नालागढ़ हिमाचल की कोर्ट द्वारा बीती 14 जनवरी को प्रदीप चौधरी सहित 14 लोगों को दोषी करार दिया और जनवरी 28 को सजा सुनाई थी। इतना ही नहीं सभी पर जुर्माना भी किया गया था जिसके बाद में प्रदीप चौधरी को विधानसभा की सदस्यता को रद्द करने की घोषणा की गई थी। उनकी सदस्यता रद्द होते ही कालका विधानसभा पर उपचुनाव की तलवार लटक गई थी। इसके तुरंत बाद कालका विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने वाले दावेदारों ने सक्रियता शुरू कर दी थी। प्रदीप चौधरी अक्टूबर 2019 में विधानसभा के सदस्य चुने गए थे जिन्होंने इस सजा के विरुद्ध हिमाचल हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
वर्ष 2011 में युवक की मौत के बाद भड़का दंगा
पूरा घटनाक्रम वर्ष 2011 मई का था, जिसमें सूचा सिंह नामक पपलोहा गांव का एक युवक ट्रैफिक पुलिस से बचने के चक्कर में ट्रांसफार्मर में तारों में उलझ गया था। इसे गंभीर हालत में पीजीआई चंडीगढ़ भर्ती कराया गया लेकिन बाद में मृत घोषित कर दिया गया था। गुस्साए ग्रामीणों ने जमकर प्रदर्शन नारेबाजी की और वाहनों में तोड़फोड़ कर आग लगा दी थी। इस दौरान प्रदीप चौधरी भी खुलकर ग्रामीणों के पक्ष में आए, पथराव नारेबाजी प्रदर्शन के दौरान हिमाचल पुलिस के कई अफसर भी घायल हो गए थे। जिसके बाद में प्रदीप चौधरी सहित काफी लोगों के विरुद्ध मामले दर्ज किए गए।
उपचुनाव के लिए लतिका शर्मा हुई थीं सक्रिय
कालका विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने वालों की लंबी फेहरिस्त सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी में कम नहीं थी। इस सीट से इस बार कांग्रेस विधायक प्रदीप चौधरी से चुनाव में पराजित हुई लतिका शर्मा सजा सुनाए जाने के बाद अचानक सक्रिय हो गई थी। उनके अलावा भाजपा में प्रोफेसर रामविलास शर्मा पूर्व मंत्री व कद्दावर नेता ने कालका में कई विजिट की। भाजपा और संघ के पुराने नेता श्याम लाल बंसल के साथ-साथ कई पुराने लोग भी इस सीट पर भाग्य आजमाने के लिए तैयार थे। इसी प्रकार से कांग्रेस पार्टी में भी उम्मीदवारों की अच्छी खासी संख्या है, हालांकि सजा होने के बावजूद यह भी तय था कि प्रदीप चौधरी के परिवार से ही किसी को टिकट मिलेगी। उसके बावजूद पूर्व डिप्टी सीएम और पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय भजनलाल के पुत्र चंद्रमोहन व उनके समर्थक भी सक्रिय हो गए थे। फिलहाल हाईकोर्ट से प्रदीप चौधरी को राहत के बाद यह भी तय है कि अब दोबारा से अपने क्षेत्र में सक्रिय हो जाएंगे।
अदालत के फैसले का सम्मान
कालका सीट से विधायक प्रदीप चौधरी ने हिमाचल हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद जहां कालका क्षेत्र में मंदिरों में माता की पूजा अर्चना की। वहीं उन्होंने माता मनसा देवी के मंदिर में भी दर्शन किए। प्रदीप चौधरी का कहना है कि उन्हें अदालत पर पूर्ण विश्वास है, भविष्य में भी जो आदेश होगा उसका पालन किया जाएगा।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS