कंडेला खाप ने नया अध्यक्ष किया नियुक्त, टेकराम कंडेला बोले- फैसला मंजूर नहीं

कंडेला खाप ने नया अध्यक्ष किया नियुक्त, टेकराम कंडेला बोले- फैसला मंजूर नहीं
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टेकराम कंडेला ने ओमप्रकाश को अध्यक्ष मानने से किया इंकार, कहा पंचायत में नहीं थे खाप से जुड़े गांव के मौजिज व्यक्ति।

हरिभूमि न्यूज : जींद

कंडेला खाप की चौधर को लेकर गांव कंडेला के एतिहासिक चबूतरे पर पंचायत का आयोजन किया गया। जिसमें गांव कंडेला के पूर्व सरपंच ओमप्रकाश को कंडेला खाप का अध्यक्ष मनोनित किया गया। कंडेला खाप अध्यक्ष को लेकर साढ़े तीन माह पूर्व भी पंचायत हुई थी। अध्यक्ष पद पर रार को देखते हुए ओमप्रकाश तथा टेकराम कंडेला से इस्तीफा ले लिया गया था और दो माह में कंडेला खाप अध्यक्ष की नियुक्ति करने की बात पंचायत ने की थी। रविवार को हुई पंचायत में ओमप्रकाश को कंडेला खाप का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने की बाद टेकराम कंडेला ने उन्हें अध्यक्ष मानने से मना कर दिया। टेकराम कंडेला का कहना था कि सरकार के इशारे पर गांव के कुछ लोगाें ने नया अध्यक्ष घोषित कर दिया।

पंचायत में कंडेला खाप के अंतर्गत आने वाले गांवों के मौजिज व्यक्ति नहीं थे। कंडेला खाप अध्यक्ष को लेकर गांव के ऐतिहासिक चबूतरे पर निर्वतमान सरपंच अजमेर की अध्यक्षता में रविवार को पंचायत का आयोजन किया गया। जिसमे कंडेला खाप के नए प्रधान को लेकर विचार विर्मश किया गया। साथ ही खाप के प्रधान टेकराम कंडेला पर प्रधान पद की मर्यादा भंग करने समेत अन्य आरोप लगाए गए। लगभग तीन घंटे चली पंचायत में गांव के पूर्व सरपंच ओमप्रकाश को कंडेला खाप का नया अध्यक्ष चुन लिया। पंचायत में फैसला लिया गया कि सर्वजातिय कंडेला खाप प्रधान का पद गैर राजनीतिक रहेगा।

कंडेला खाप से अलग हो चुकी है माजरा खाप

कंडेला खाप के अंतर्गत पूर्व में लगभग 30 गांव आते थे। लगभग पांच साल पहले कंडेला खाप के अंतर्गत आने वाले कुछ गांवों ने अलग से माजरा खाप का गठन कर लिया था। जिसमे 14 गांवों के मौजिज व्यक्ति शामिल हुए थे। पंचायत में सर्वसम्मति से महेंद्र रिढाल को माजरा खाप का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। बाद में उनके कार्यकाल को बढ़ाकर पांच साल के लिए कर दिया गया।

27 वर्ष तक कंडेला खाप के चौधरी रहे टेकराम कंडेला

कंडेला खाप को मजबूत खाप माना जाता है। जिसकी चौधर की कमान टेकराम कंडेला ने 1993 में संभाली थी। इससे पूर्व मोजी नम्बरदार खाप के अध्यक्ष थे। जिनकी मौत के बाद टेकराम कंडेला को खाप का अध्यक्ष बनाया गया था। उनसे पूर्व तपेदार शादीराम नम्बरदार कंडेला खाप के अध्यक्ष थे। दमदार खाप को देखते हुए टेकराम कंडेला को सर्वजात सर्वखाप का राष्ट्रीय संयोजक बनाया गया। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ से संबंधित बड़े सम्मेलनों की अध्यक्षता उन्होंने की। हाल ही में तीन फरवरी को किसान आंदोलन के पक्ष में राकेश टिकैत की किसान महापंचायत का आयोजन कर सूर्खिया बटौरी। वर्ष 1983 में गांव कंडेला के सरपंच बने, 1991 में इनेलो की टिकट पर चुनाव भी लड़ा लेकिन हार गए। वर्ष 2003 में जींद मार्केट कमेटी के चेयरमैन बने, वर्ष 2004 में निर्दलीय चुनाव लड़ा और चुनाव हार गए। जींद उपचुनाव में उन्होंने भाजपा का दामन थामा और लेबर फेडरेशन के चेयरमैन बने। किसान आंदोलन के चलते भाजपा से किनारा कर किसानों के पक्ष में उतर आए।

सरकार के इशारे पर यह कदम उठाया : टेकराम

सर्वजात सर्वखाप के राष्ट्रीय संयोजक टेकराम कंडेला ने कहा कि पंचायत में गांव के ही कुछ लोग थे। अगर पूरी खाप से 36 बिरादरी के लोग पंचायत में होते तो उन्हें फैसला मंजूर था। वे कार्यवश बाहर गए हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के इशारे पर यह कदम उठाया गया है। ताकि कंडेला खाप को कमजोर किया जा सके। किसान आंदोलन में कंडेला खाप अग्रिण भूमिका निभा रही है।

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