टेकराम को हटाकर कंडेला खाप ने बनाया नया अध्यक्ष, देखें किसे साैंपी जिम्मेदारी

हरिभूमि न्यूज. जींद
कंडेला खाप फिर से सूर्खियों में है। इस बार मामला खाप की चौधर से जुड़ा है। वीरवार को गांव कंडेला के एतिहासिक चबूतरे पर पंचायत का आयोजन कर गांव कंडेला के पूर्व सरपंच ओमप्रकाश को कंडेला खाप का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। साथ ही पंचायत में टेकराम कंडेला को खाप के अध्यक्ष पद से हटाने का फरमान जारी कर दिया। कंडेला खाप के नए घोषित किए गए अध्यक्ष ने सभी जातियों के लोगों को साथ लेकर सामाजिक बुराईयों के खिलाफ लड़ने का आह्वान किया है।
जिस समय पंचायत का आयोजन हुआ उस दौरान कंडेला खाप के अध्यक्ष टेकराम कंडेला किसान आंदोलन के सिलसिले में बाहर थे। टेकराम कंडेला का कहना था कि सरकार के इशारे पर गांव के कुछ लोगाें ने नया अध्यक्ष घोषित कर दिया। पंचायत में कंडेला खाप के अंतर्गत आने वाले गांवों के मौजिज व्यक्ति नहीं थे। अगर पूरी कंडेला खाप के सर्वजात मौजिज व्यक्ति अध्यक्ष पद को लेकर कोई फैसला लेते हैं तो वह उन्हें मंजूर होगा। कंडेला खाप अध्यक्ष को लेकर गांव के ऐतिहासिक चबूतरे पर निर्वतमान सरपंच अजमेर की अध्यक्षता में पंचायत का आयोजन किया गया। जिसमे कंडेला खाप के नए प्रधान को लेकर विचार विर्मश किया गया। साथ ही खाप के प्रधान टेकराम कंडेला पर प्रधान पद की मर्यादा भंग करने समेत अन्य आरोप लगाए गए। लगभग तीन घंटे चली पंचायत में गांव के पूर्व सरपंच ओमप्रकाश को कंडेला खाप का नया अध्यक्ष चुन लिया। जिन्हें पंचायत में मौजूद सरपंच अजमेर व ईश्वर कंडेला ने ओमप्रकाश को खाप की पगड़ी पहनाई। पंचायत में फैसला लिया गया कि सर्वजातिय कंडेला खाप प्रधान का पद गैर राजनीतिक रहेगा।
कंडेला खाप से अलग हो चुकी है माजरा खाप
कंडेला खाप के अंतर्गत पूर्व में लगभग 30 गांव आते थे। लगभग पांच साल पहले कंडेला खाप के अंतर्गत आने वाले कुछ गांवों ने अलग से माजरा खाप का गठन कर लिया था। जिसमे 14 गांवों के मौजिज व्यक्ति शामिल हुए थे। पंचायत में सर्वसम्मति से महेंद्र रिढाल को माजरा खाप का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। बाद में उनके कार्यकाल को बढ़ाकर पांच साल के लिए कर दिया गया। कंडेला खाप के अध्यक्ष बनाए गए ओमप्रकाश ने कहा कि जो जिम्मेवारी पंचायत ने उन्हें सौंपी है उस पर वे खरा उतरने का भरसक प्रयास करेंगे। खाप के अंतर्गत आने वाले गांवों के सभी जातियों के लोगों को साथ लेकर चलेंगे। खाप के इस पद का बिल्कुल भी राजनीतिकरण नहीं होगा। समाजहित में फैसले लिए जाएंगे और सामाजिक बुराईयों के खिलाफ एकजुट होकर लड़ा जाएगा।
सरकार के इशारे पर यह कदम उठाया
सर्वजात सर्वखाप के राष्ट्रीय संयोजक एवं कंडेला खाप के अध्यक्ष टेकराम कंडेला ने कहा कि पंचायत में गांव के ही कुछ लोग थे। अगर पूरी खाप से 36 बिरादरी के लोग पंचायत में होते तो उन्हें फैसला मंजूर था। वे किसान आंदोलन के सिलसिले में असंध गए हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के इशारे पर यह कदम उठाया गया है। ताकि कंडेला खाप को कमजोर किया जा सके। किसान आंदोलन में कंडेला खाप अग्रिण भूमिका निभा रही है।
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