करनाल की कर्ण लेक को बनाया जाएगा पर्यटन स्थल

हरिभूमि न्यूज: करनाल
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि कर्ण लेक को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। करीब 7 करोड़ रुपये की लागत से कर्ण लेक के साैंर्दयकरण का कार्य अगले एक वर्ष में पूरा कर लिया जाएगा। इसको लेकर स्मार्ट सिटी की और से मास्टर प्लान तैयार किया गया है, जिसकी मुख्यमंत्री द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री ने रविवार को लेक के सौंर्दयकरण को लेकर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से जुडे़ अधिकारियों के साथ समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कर्ण लेक के प्रति ज्यादा से ज्यादा पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य करें। कर्ण लेक और ओसिएस को भी एक दूसरे से जोडे ताकि जीटी रोड से गुजरने वाले लोग ओसिएस पर रूकने के बाद कर्ण लेक का भी भ्रमण कर सकें। उन्होंने सुझाव दिया कि पर्यटकों व आम लोगों की सुविधा को ध्यान में रखा जाए। इसके लिए दो इंट्री प्वाईंट रखे और वहीं पर टिकट काऊंटर की व्यवस्था करवाएं। करनाल शहर के लोगों के लिए सुबह 6 बजे से 8 बजे तक तथा सायं 7 बजे से 9 बजे तक लेक पर घुमने फिरने की व्यवस्था फ्री में करवाई जाए। उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि लेक में स्वच्छ जल के लिए नहर से व्यवस्था करवाएं। इस पर अधीक्षक अभियंता ने बताया कि भाखडा चेनल से एक क्यूसिंक पानी लेक में छोड़ा जाता है, मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इससे बढ़ाकर 3 क्यूसिंक किया जाए।
लेक की 1.26 किलोमीटर पैरिफेरी को डेव्लेप किया जाएगा
करनाल स्मार्ट सिटी लिमिटेड के सीईओ एवं उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने कर्ण लेक के साैंदर्यकरण को लेकर स्मार्ट सिटी की ओर से तैयार की गई प्लान को पॉवर प्वाईंट के माध्यम से प्रैजेंटेशन दी। उन्होंने बताया कि कर्ण लेक को रिडेव्लेप कर इस पर पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए बीते वर्षों में जो प्रयास किए गए हैं, वे अब स्मार्ट सिटी के प्रोजैक्ट के साथ साकार होने जा रहे है। प्रैजेंटशन में दिखाया गया कि कर्ण लेक की 1.26 किलोमीटर पैरिफेरी को डेव्लेप किया जाएगा। हाईवे पर स्थित झिलमिल ढाबे से लेकर लेक को जाने वाले रास्ते को पर्यटकों व आगंतुकों के आने के योग्य बनाकर इसे अच्छे से तैयार करेंगे। कर्ण लेक की पैरिफेरी में साईनेज, पाथ-वे, लाईटिंग व साईकिल ट्रैक बनाया जाएगा। झील में वर्षभर पानी मौजूद रहे इसके लिए दो नलकूप लगेंगे, फूड कोर्ट और कैफे बनाए जाएंगे। झील के अंदर मौजूद एक आईलैंड यानि टापू को डेव्लेप कर वहां स्कल्पचर वॉक बनाएंगे जिसमें महाभारत जैसे थीम पर मूर्तियां लगाई जाएंगी जो अपने इतिहास की कहानी स्वयं बखान करेंगी। झील के अदंर ही संगीतमयी फुव्वारा लगेगा और किनारे पर व्यू डैक बनाए जाएंगे। नए स्वरूप से पर्यटक तो आकर्षित होंगे ही, इसके साथ-साथ स्थानीय व बाहरी दस्तकार यहां आकर अपना सामान बेच सकेंगे जिससे उन्हें रोजगार के अवसर मिलेंगे और विभाग के लिए आय के स्रोत भी बढ़ेंगे। लेक के मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट के कार्य इन्कार्पोरेट किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि डेव्लेपमेंट के कार्यों के लिए जिस कंपनी को ठेका देंगे, उसी में रखरखाव की जिम्मेदारी भी रहेगी।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS