Karnal : जिसने पुलिस चौकी में जाकर सुनाई थी हैवानियत की कहानी अब डिप्रेशन बता खुद के बयान से मुकरी

तरावड़ी। राजकुमार खुराना
तरावड़ी के सात लोगों पर लगाए गए गैंगरेप के आरोप पीडित युवती (Victim maiden) ने वापिस ले लिए, जिसके बाद कई दिनों से शहर मे चल रही चर्चा का मामला इतिश्री हो गया। इस मामले में कई हैरान करने वाली चीजे सामने आए जिसमें सबसे हैरानी की बात यह सामने आई कि कथित पीडित युवती 13 जुलाई की रात को तरावड़ी थाने में पहुंची और तरावड़ी के सात लोगों व एक सहयोगी युवती पर गैंगरेप के आरोप लगाकर एफआईआर (FIR) दर्ज करवा दी।
तरावड़ी पुलिस ने युवती की शिकायत पर बिना देरी किए सातों आरोपियों को अपनी गिरफ्त में ले लिया। थाने में स्वयं जाकर एफ आर आई दर्ज करवाने वाली युवती की तबियत इतनी कैसे बिगड़ गई कि उसे अस्पताल में दाखिल करवाना पड़ा और वह कोर्ट (court) मे ब्यान दर्ज करवाने के काबिल नही रही। इसके बाद तीन दिन तक इन सातो लोगों को पुलिस की देखरेख में रहना पड़ा और परिवार व शहर के लोगों ने इनके बारे में शंकाए तथा तरह-तरह की चर्चाए की ।
तीन दिन तक मानसिक पीड़ा इन सातों लोगों को झेलनी पड़ी। इसके बाद यह युवती अचानक से ठीक होकर 16 जुलाई को महिला आयोग की चेयरमैन के सामने आई और न्याय की गुहार लगाई। इसके साथ ही उसने रोते हुए अपने साथ हुई हैवानियत की कहानी भी सुनाई। जिस पर महिला आयोग चेयरमैन नम्रता गौड का गुस्सा भी बढ़ा और उसने प्रशासन पर नाराजगी दिखाई। लेकिन उसके कुछ देर बाद ही यही युवती मजिस्ट्रेट के सामने पेश हुई और अपने आप को डिप्रेशन का शिकार बताकर लगाए आरोपों से स्वयं मुकर गई और कहा कि उसे मालूम नही कि यह मामला कैसे दर्ज हुआ।
युवती के ब्यान के बाद सातों लोग जिनमें से शहर के व्यापारी है वह इस मामले से बरी हो गए। सारे मामले में कुछ कडियां अनसुलझी रही। जिसमें पुलिस ने इस मामले को कही जानबुझकर तो तीन दिन तक लटकाए रखा। इसके साथ ही शहर में इन चर्चाओं का बाजार भी गर्म है कि कही महिला ने कुछ लालच में ही तो अपने ब्यानों को दर्ज करवाया और वापिस लिया।
युवती से आरोपो से मुकरी : थाना प्रभारी
इस मामले में तरावड़ी थाना प्रभारी सचिन कुमार ने बताया कि युवती ने मजिस्ट्रेट के सामने अपने 164 के ब्यान दर्ज करवाकर लगाए आरोपों से मुकर गई और उसने मामला कैसे दर्ज हुआ इस पर भी अनभिज्ञता जताई। पुलिस ने ब्यानों के आधार पर कार्यवाही करते हुए सातों लोगों को आरोप मुक्त कर दिया।
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