खरखौदा शराब मामला : गिरफ्तार आरोपित नहीं कर रहे पुलिस जांच टीम का सहयोग

हरिभूमि न्यूज : सोनीपत
खरखौदा थाना क्षेत्र स्थित माल गोदाम से शराब गायब मामले में गिरफ्तारी आरोपित शराब तस्कर पुलिस कर्मचारी प्रशानिक जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। पुलिस अधीक्षक के दिशा-निर्देशों पर डीएसपी डा. रविंद्र के नेतृत्व में प्रशासनिक टीम का गठन किया गया हैं। जो मामले में जांच कर रही हैं। उक्त टीम के तरफ से आरोपित पुलिस कर्मी सहयोग नहीं कर रहे हैं। नोटिस जारी होने के बाद सहयोग करने में आनाकानी कर रहे पुलिस कर्मचारियों को दोबारा से नोटिस भेजने की बात कही जा रही हैं। आरोपित एएसआइ जयपाल ने टीम के सामने पेश होने से इंकार कर दिया तो सस्पेंड इंस्पेक्टर अरुण कुमार ने अपना मेडिकल लगाकर समय देने की मांग की है। अब टीम जसबीर को नोटिस जारी करेगी। ताकि प्रशासनिक जांच को आगे बढ़ाया जा सके।
बता दें कि खरखौदा शराब मालगोदाम से शराब गायब करने में खाकी के जवानों ने शराब तस्करों के साथ मिलकर अपनी भूमिका निभाने में कसर नहीं छोड़ी। दौलत कमाने के चक्कर में उक्त खाकी के तस्करों अपराधियों के पकड़ने की बजाय दिन-रात शराब को ठिकाने लगाने का काम किया। जिसकों लेकर प्रदेश स्तर पर टीमें जांच कर रही हैं। उक्त मामले में पुलिस विभाग की तरफ से प्रशासनिक जांच भी करवाई जा रही हैं। जिसकी कमान डा. रविंद्र को सौंपी गई हैं। प्रशासनिक टीम की ओर से सभी आरोपितों को नोटिस जारी कर इसकी सूचना दे दी गई थी।
बना रहे बहाना
मामले में एएसआई जयपाल सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। वह जेल में है। प्रशासनिक टीम की ओर से भेजे गए नोटिस के उत्तर में जयपाल ने टीम के सामने पेश होने से इंकार कर दिया हैं। उसका कहना है कि टीम के सवालों का उत्तर मेरा वकील देगा। वहीं खरखौदा थाने के पूर्व एसएचओ और सस्पेंड इंस्पेक्टर अरुण कुमार पहले टीम के सामने हाजिर नहीं हुआ। दो सप्ताह पहले उसने मेडिकल भेज दिया था। मेडिकल में उसने एक्सीडेंट के चलते पैर चोटिल होने की बात कही थी। अब एक मेडिकल और भेजकर एक सप्ताह का समय मांगा हैं। वहीं जसबीर सहित खरखौदा थाने के पुलिसकर्मियों ने पहले सामूहिक नोटिस का उत्तर नहीं दिया था। अब उसको दोबारा से नोटिस भेजकर एक ओर मौका दिया जाएगा।
पुलिस कर्मियों को भेजे जा रहे नोटिस
पुलिस अधीक्षक की तरफ से प्रशासनिक टीम का गठन किया हुआ हैं। मामले में आरोपित पुलिस कर्मचारियों को नोटिस पर नोटिस भेजे जा रहे हैं। उक्त कर्मी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। जबकि उनकों पक्ष रखने का मौका दिया जा रहा हैं। ताकि रिपोर्ट तैयार कर विभाग के उच्च अधिकारियों के पास भेजी जा सके। कोई नोटिस के बाद हाजिर होने से मना कर रहा हैं, तो कोई मेडिकल लगाकर जांच से बचने का प्रयास कर रही हैं। -डा. रविंद्र कुमार, डीएसपी।
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