खेदड़ विवाद सुलझा : दिनभर चली महापंचायत, 6 दौर की मीटिंग के बाद माना प्रशासन, थर्मल प्लांट की राख सहित इन मांगों पर बनी सहमति

खेदड़ विवाद सुलझा : दिनभर चली महापंचायत, 6 दौर की मीटिंग के बाद माना प्रशासन, थर्मल प्लांट की राख सहित इन मांगों पर बनी सहमति
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किसान नेता चढूनी ने बताया कि कमेटी की लगभग 100 प्रतिशत मांगें प्रशासन ने मान ली है, फिर भी गिरफ्तार युवकों के बाहर आने पर ही धर्मपाल के शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

बरवाला ( हिसार )

बीते पांच दिन से प्रशासन के गले की फांस बना खेदड़ पावर प्लांट विवाद बुधवार को सुलझ गया। प्रशासन ने धरना कमेटी की तमाम मांगों को मान लिया। उधर, किसान नेता चढूनी तथा सुरेश कौथ का कहना है कि प्रशासन मांनी गई मांगों से मुकरा तो वह फिर से धरने की रणनीति बनाएंगे। ग्रामीणों द्वारा दोपहर बाद धर्मपाल के शव को सड़क पर रखने के बाद जाम लगाने की धमकी के बाद जिला प्रशासन तथा कमेटी सदस्यों के बीच गोशाला को थर्मल प्लांट की राख देने, गिरफ्तार युवकों की रिहाई, मृतक धर्मपाल के परिजनों को मुआवजा तथा एक आश्रित को नौकरी दिए जाने पर सहमति बन गई। प्रशासन ने बेशक धरना कमेटी की मांगें मान ली हैं मगर पांच दिन पहले खेदड़ में ट्रेन रोके जाने की घोषणा पर पुलिस प्रशासन तथा ग्रामीणों की बीच झड़प में मारे गए किसान धर्मपाल के शव का अंतिम संस्कार अभी भी नहीं होगा। चढूनी का कहना है कि कमेटी ने फैसला लिया है कि पुलिस प्रशासन ने पांच दिन पहले जितने भी युवकों को गिरफ्तार किया है उनकी रिहाई के बाद ही अंतिम संस्कार होगा। खेदड़ में आज प्रस्तावित महापंचायत को लेकर प्रशासनिक अमला खेदड़ में रहा। कई दौर की वार्ता के बीच कभी यह लगा कि विवाद आज सुलझ सकता है तो कभी धर्मपाल के शव रोड पर लाकर जाम लगाने की सूचना पर प्रशासन की सांसें फूली रहीं। किसान नेता चढूनी ने बताया कि कमेटी की लगभग 100 प्रतिशत मांगें प्रशासन ने मान ली हैं। फिर भी गिरफ्तार युवकों के बाहर आने पर ही धर्मपाल के शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा। इससे पहले खाप प्रतिनिधियों तथा किसान संगठनों ने पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार बुधवार को खेदड़ में महापंचायत की, जिसमें किसान नेता राकेश टिकैत समेत विभिन्न किसान यूनियनों तथा खाप प्रतिनिधियों ने विचार रखे।

टिकैत ने कमेटी के निर्णय की महापंचायत में घोषणा की। अंसख्य ग्रामीणों की मौजूदगी में उन्होंने कहा कि सरकार तथा प्रशासन ग्रामीणों की मांगों पर अगर गंभीर नहीं है तो कमेटी के निर्णय अनुसार रोड जाम के साथ बेमियादी धरना शुरू किया जाएगा। धरना लम्बे समय तक खिंचा तो ट्रैक्टर का भी सहारा लिया जाएगा। हालांकि सुबह पंचायत शुरू होने से पहले प्रशासन के रूख में नरमी देखी गई। सबसे पहले किसानों तथा प्रशासन के गांव खेदड़ में बेरीकेट्स हटाने पर सहमति बन गई। ऐसे में लगने लगा कि खेदड़ में बीते कई दिनों से जारी तनाव में कमी आ सकती है। मगर दोपहर आते-आते कमेटी सदस्यों ने प्रशासन पर मांगें नहीं मानने का आरोप लगाते हुए धर्मपाल के शव को रोड पर रखकर जाम लगाया। इससे स्थिति फिर तनावपूर्ण हो गई। ग्रामीण प्लांट की राख को फिर से गोशाला को सुपुर्द करने, किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने तथा मृतक धर्मपाल के परिजनों के लिए मुआवजे की मांग पर अड़े रहे। शाम करीब छह बजे कमेटी ने प्रशासन से वार्ता पर संतोष जताते हुए धर्मपाल के शव के साथ रोड जाम करने का फैसला स्थगित कर शव गोशाला में रखवा दिया।

इन मांगों पर बनी सहमति

धरना कमेटी खेदड़ के अनुसार प्रसाशन और धरना कमेटी की मीटिंग सफलतापूर्वक और सोहार्दपूर्ण रही। 6 दौर की मीटिंग में सभी मांगों पर समझौता हुआ। राख बेचकर प्रति टन के हिसाब से 37 रुपये गौशाला को दिए जाएंगे, इस काम में मशीनें गौशाला कमेटी की रहेंगी। धारा 302 व 307 के सभी मुकदमे हटाकर चारों युवाओं को रिहा किया जाएगा। जब ये रिहा किए जाएंगे तभी किसान धर्मपाल के शव का दाह-संस्कार किया जाएगा। 15 दिन में सभी केस रफा-दफा कर दिए जाएंगे। ढाई लाख-ढाई लाख रुपये जो कर्मचारी थर्मल में झुलस गए थे उनको दिए जाएंगे। सीएम की मीटिंग के बाद इनके परिजनों को डीसी रेट की नौकरी दी जाएगी। ज्वांइट खाते वालों को भी सीएम की मीटिंग के बाद मुआवजा दिया जाएगा। दो एकड़ भूमि वाले किसानों को भी डीसी रेट की नौकरी दी जाएगी। कल दोपहर से पहले सीएम के साथ मीटिंग है। शहीद धर्मपाल के परिवार को उचित मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। थर्मल प्लांट से खेदड़ गांव को लाइट और पानी भी दिया जाएगा। अभी किसान धर्मपाल के शव को गऊशाला में रखा जाएगा। धरना कमेटी ने प्रसाशन को विश्वास दिलाया कि प्रसाशन का रुख ठीक रहा तो धरना उठाया भी जा सकता हैै।

ऐसे बढ़ा था विवाद

खेदड़ थर्मल प्लांट की राख को लेकर दो माह से भी ज्यादा अरसे से प्रदर्शन कर रहे किसानों और प्लांट प्रबंधन के बीच चल रहे विवाद में पुलिस हस्तक्षेप के बाद हिंसक रूप धारण कर लिया। ग्रामीणों ने धरने के बाद 8 जुलाई को रेलवे ट्रैक रोकने की घोषणा की। जिसके बाद पुलिस ने बेरीकेट्स लगाकर ग्रामीणों को ट्रैक की तरफ जाने से रोका। इस दौरान पुलिस तथा ग्रामीणों के आमने-सामने होने से लाठीचार्ज हुआ। पुलिस ने आंसू गैस तथा वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया। इस बीच ग्रामीणों ने ट्रैक्टर चलाकर बेरीकेट्स हटाने की कोशिश की। इस दौरान एक किसान की मौत भी हो गई जबकि अनेक ग्रामीणोंं समेत तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद उपद्रव पर काबू पाया था। पुलिस का दावा है कि किसान धर्मपाल की ट्रैक्टर की चपेट में आकर मौत हुई है जबकि ग्रामीणों ने उसकी मौत की वजह पुलिस का लाठीचार्ज बताया था।

हमारे साथ धोखा हुआ तो फिर से रणनीति बनाएंगे : चढूनी

बेशक सरकार ने सभी मांगें मान ली हैं। मगर हमारे साथ धोखा हुआ तो फिर से रणनीति बनाएंगे। धर्मपाल के शव का अंतिम संस्कार गिरफ्तार सभी लोगों के जेल से बाहर आने पर ही होगा।- गुरनाम सिंह चढूनी, किसान नेता

सकरात्मक माहौल में बातचीत हुई : डीसी

कमेटी और प्रशासन के बीच सकरात्मक माहौल में बातचीत हुई है। सभी पक्षों में लगभग सभी मुद्दों पर सहमति बन गई है। धरना कमेटी के सदस्यों ने धरना उठाने पर आश्वस्त किया है। डॉ. प्रियंका सोनी, उपायुक्त हिसार

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