किसान आंदोलन : सोनीपत- पानीपत बॉर्डर पर किसानों और प्रशासन के बीच तनाव बढ़ा

कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली कूच रहे किसानों का उत्साह दिल्ली- चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर समालखा- गन्नौर के बीच हलदाना बार्डर पर वाटर कैनन की बौछारे व पुलिस की सख्ती, बैरीकेट्स व डाली गई सैकड़ों डम्फर मिट्टी व चाक चौंबद व्यवस्था भी नही रोक पाई। शुक्रवार को सुबह जब किसानों का जत्था आकर बैरीकेट्स को हटाकर अपने ट्रैक्टरों को आगे लेकर जाने का प्रयास करने लगा तो हलदाना बार्डर से समालखा की तरफ पुलिस व आरएएफ ने वाटर कैनन का प्रयोग कर पानी की बौछारों से रोकने का प्रयास किया लेकिन पुलिस सफल नही हो पाई।
शुक्रवार को सुबह जब किसान बार्डर पर पहुंचे और दिल्ली की तरफ जाने का प्रयास किया। लेकिन पुलिस द्वारा डाले गए भारी पत्थर परेशानी का कारण बनने लगे तो किसानों रस्सों की मदद से उन्हें हटाकर पहले तो पैदल निकलने का रास्ता बनाया उसके बाद अपने ट्रैक्टरों को भी निकलाना शुरू कर दिया। देखते ही देखते किसानों के लिए एक- एक करके उनके ट्रैक्टरों, बसों का निकलना शुरू हो गया। उसी दौरान वहां रूके कुछ ट्रक चालकों ने भी अपने ट्रकों को दिल्ली की तरफ चलाने का प्रयास किया तो व्यवस्था संभालने वाले किसानों ने उन्हें साईड में खड़ा करवा दिया और कहा कि पहले किसानों का जत्था रवना होगा। उसके बाद ही ट्रक को चलाया जा सकेगा।
प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढुनी कई किलो मीटर के जत्थे के बीच चलते शांति बनाने की कर रहे थे अपील
भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष हरनाम सिंह चढुनी कई किलो मीटर के ट्रैक्टरों व बसों के जत्थे के बीच में बार्डर पर व्यवस्था बनाए रखने के लिए खड़े युवा किसानों से व्यवस्था बनाए रखने व शांति बनाए रखने की कर रहे थे अपील। वे गाड़ी की छत पर बैठकर दर्जनों गाडि़यों के साथ चल रहे थे। इसी दौरान एक ट्रक चालक ने जत्थे के बीच में जाने का प्रयास किया तो किसानों व चालक के बीच कहासुनी बढ़ गई। इसी दौरान प्रदेशाध्यक्ष आ गए और उन्होंने शांति बनाए रखने की अपील की
दो दिन खड़े रहने के कारण परेशान हुए ट्रक चालक
किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए किए जा रहे प्रंबधों के चलते पुलिस द्वारा वीरवार को सुबह से ही वाहनों का आवागमन प्रभावित कर दिया था। कभी वाहनों को निकाला जाता तो कभी आवागमन पर रोक लगाई जाती। जिससे काफी लम्बी ट्रकों की लाईन लग गई थी। ट्रक चालक दिनभर अपने वाहनों के निकलने का इंतजार करते रहे। शुक्रवार की शाम को ट्रकों को चंडीगढ की तरफ रवाना किया गया। जब कि दिल्ली की तरफ जाने वाले ट्रक चालक शाम तक रवाना नही हो पाए थे।
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