किसान आंदाेलन : पीएम नरेंद्र मोदी को कोरियर से भेजी रंग बिरंगी चूडियां

हरिभूमि न्यूज. उचाना। कृषि कानूनों को लेकर किसानों (Farmers) के पक्ष में अपने-अपने तरीके से आज लोग समर्थन कर रहे है। सरकार के खिलाफ भी तरह-तरह के प्रदर्शन कर रहे है। गांव में सरकार के विरोधी पोस्टर लगा कर तो कोई भैंस के आगे बीन बजा कर। गांव भौंसला में शुक्रवार को कृषि अधिनियमों के विरोध में महिलाओं ने पहले घर-घर से रंग बिरंगी चूडिया एकत्रित की।
फिर उन्हें पैकिंग में बंद कर कोरियर के माध्यम से प्रधानमंत्री के सरकारी आवास के पते पर उन्हे भेज दिया। कोरियर भेजने से पूर्व महिलाओं ने तीन कृषि कानून के विरोध में बनाए गए गीतों पर डांस किया और प्रधानमंत्री पर जमकर भडास निकाली। महिलाओं (Women) का कहना था कि किसान भूखा प्यासा तीन कृषि कानून को रदद करने की मांग को लेकर पिछले 20 दिनों से खुले आसमान तले दिल्ली में डेरा डाले हुए है। भाजपा सरकार पूरी तरह गुंगी बहरी हो चुकी है।
किसानों की जान जा रही है लेकिन सरकार अपने फैसले पर अड़ी हुई है। सरकार के अडियल रवैये को देखते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री को चूडिया भेजने का फैसला लिया। महिलाओं द्वारा गाय गए गीत के मजबून कुछ इस प्रकार रहा मोदी तो भी चूड़ी पहन ले मेरे दिल में टिकाई हो ज्यागी गीत हाथों में चूडिय़ां लेकर गाकर रोष प्रकट किया। केलो, कैलाशो, भरथो, सजनी देवी, कविता ने कहा कि वो किसानों के साथ बेशक बॉर्डर पर धरना देने नहीं जा पा रही हो लेकिन वो अपने तरीके तीन कृषि कानूनों को विरोध कर रही है।
पीएम नरेंद्र मोदी को कुरियर, डाक के माध्यम से चूडिय़ा भेजे कर इन कानूनों को विरोध पर करेंगी। पूरे देश का पेट भरने वाला किसान आज 22 दिनों से सर्दी के मौसम में धरना बॉर्डर पर दे रहा है लेकिन केंद्र सरकार उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रही है।
किसान हित में कानून बनाने का दावा सरकार का है लेकिन जब किसान इस कानून को नहीं चाहते तो क्यों इसे लागू किया जा रहा है। किसान नेता मंजीत भौंसला ने बताया कि गांव की महिलाओं ने एकत्रित होकर तीनों कानूनों का विरोध करने के साथ-साथ पीएम नरेंद्र मोदी को चूडिय़ा कोरियर, डाक के माध्यम से भेजी जाएगी।
घरों से चूडिय़ा महिलाएं लेकर आई है उन चूडियों के पैकेट बना दिए गए है। पीएम नरेंद्र मोदी कल तक किसानों के हित में बात कर रहे थे लेकिन आज जो मांग किसान कर रहे उनको मान नहीं रहे है। अडियल रवैया आज पीएम नरेंद्र मोदी अपना रहे है। वो फायदे इसके गिरवा रहे है लेकिन किसान जब रद्द करवाना चाहते है तो क्यों इन कानूनों को केंद्र सरकार रद्द क्यों नहीं कर रही है।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS