के.के रविन्द्रन बोले - केन्द्र सरकार दीर्घकालीन ऋण ढ़ाचे के पुर्न उद्धार हेतु कटिबद्ध

के.के रविन्द्रन बोले - केन्द्र सरकार दीर्घकालीन ऋण ढ़ाचे के पुर्न उद्धार हेतु कटिबद्ध
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  • नेशनल कोओपरेटिव एग्रीकलचर एण्ड रूरल डेवलपमेंट बैंकस फेडरेशन के एमडी पहुंचे हरियाणा
  • ग्रामीण अंचल में ऋण सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए सहकारी कृषि-ग्रामीण सहकारी बैंकों को करना होगा मजबूत

चंडीगढ़ । नेशनल कोओपरेटिव एग्रीकलचर एण्ड रूरल डेवलपमेंट बैंकस फेडरेशन लि. के मैनेजिंग डायरेक्टर के.के. रविन्द्रन मुम्बई से हरियाणा के एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे। उन्होंने पंचकूला स्थित हरियाणा राज्य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक के अधिकारियों के साथ बैठक की और केंद्र सरकार की जनहित की नीतियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार दीर्घकालीन ऋण ढ़ाचे के पुर्न उद्धार हेतु कटिबद्ध है। इस दिशा में बैंकों को अधिक धन उपलब्ध करवाकर किसानों को दीर्घकालीन ऋण प्रदान कर उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है। उन्होंने माना कि ग्रामीण अंचल में दीर्घकालीन ऋण सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए सहकारी कृषि-ग्रामीण सहकारी बैंकों को मजबूत करना होगा, इसके लिए केन्द्रीय सहकारी विभाग प्रयासरत है।

उन्होंने सहकारी बैंकों के कम्प्यूटरीकरण हेतु आर्थिक सहायता प्रदान करने की जानकारी देते हुए बताया कि नाबार्ड द्वारा भी एक टीम का गठन किया गया है जो फील्ड विजिट कर सहकारी बैंकों की कार्यप्रणाली की वित्तीय स्थिति, ऋण वितरण एवं ऋण वसूली व क्षेत्रवार किसानों की जरूरतों का विश्लेषण कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। हरियाणा राज्य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक के संचालन बारे विस्तार से चर्चा की गई। उन्होंने सहकारी बैंकों के कामकाज में विविधता पर ज़ोर दिया। ऋण वितरण हेतु नाबार्ड से पुनर्वित्त सहायता का आश्वासन देते हुए उन्होंने कहा कि सहकारी बैंकों को कृषि ऋण व परम्परागत ऋणों के अलावा स्टोरेज, टूरिज्म, रूरल हाऊस व कर्मचारियों के लिए भी ऋण उपलब्ध करवाने चाहिए।

उन्होंने उन ऋणियों पर कानूनी कार्यवाही करने पर बल दिया जो सक्षम होने पर भी जानबूझ कर ऋण वापिस नहीं कर रहे। उन्होंने विल्फुल डिफाल्टर्स की सूची सरकार को उपलब्ध करवाकर उन पर कानूनी शिकंजा कसने बारे निर्देश दिए, ताकि उन्हें ऋण अदा करने को बाध्य किया जा सके। ज़िला स्तर पर स्थित डी.पी. कार्ड बैंकों के अलग-अलग डेवलपमेंट एक्शन प्लान तैयार कर कार्य करने के निर्देश दिए। साथ ही सुझाव दिया कि हरियाणा राज्य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक को फिक्सड-डिपोज़िट के माध्यम से धन राशि प्राप्त करके नए सदस्यों को अधिक से अधिक जोड़ कर वित्तीय लाभ उपलब्ध करवाना चाहिए।

बैंक के प्रबंध निदेशक नरेश गोयल ने बैंकों के सदस्यों को एक न्यूनतम राशि की एफ.डी. करने पर ज़ोर दिया ताकि प्रत्येक सदस्य की सक्रिय सहभागिता बनी रहे। गौरतलब है कि हरियाणा राज्य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक 6 जिलों में अपने सदस्यों से एफ.डी. करवाने के लिए आमंत्रित कर रहा है जिनमें गुरुग्राम, फरीदाबाद, रेवाड़ी, झज्जर, सिरसा, सोनीपत शामिल हैं जो पायलट बेसिस पर आरम्भ की गई है। हरियाणा सरकार इस बैंक को लगातार वित्तीय सहायता उपलब्ध करवा रही है तथा अतिदेय ऋणी सदस्यों के लिए एकमुश्त निपटान योजना-2022 (ओ.टी.एस.) लागू की गई है। बैंक के समय पर ऋण अदा करने वाले सदस्यों को भी 50 प्रतिशत ब्याज में छूट का प्रावधान है। बैठक में बैंक के सेक्रेटरी राजेन्द्र सिंह ढुकिया, एडिशनल सेक्रेटरी अनिल कुमार शर्मा, असिस्टेंट सेक्रेटरी कौशल भारद्वाज, प्रेमपाल, विक्रम सिंह के साथ सुरेन्द्र राठी व सतीश लाठर मौजूद रहे।

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