कुलदीप बिश्नोई ने वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं पर साधा निशाना

कुलदीप बिश्नोई ने वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं पर साधा निशाना
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वरिष्ठ नेताओं पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि 'पार्टी आलाकमान को उन लोगों को कुछ और जिम्मेदारी देनी चाहिए जो 30-35 वर्षों से कुर्सियों पर जमे हैं और कोई चुनाव नहीं लड़ा।

राजस्थान में चल रही सियासी उठापठक के बीच कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्नोई (Congress leader Kuldeep Bishnoi) ने पार्टी के निर्णयों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे वरिष्ठ नेताओं पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि 'पार्टी आलाकमान को उन लोगों को कुछ और जिम्मेदारी देनी चाहिए जो 30-35 वर्षों से कुर्सियों पर जमे हैं और कोई चुनाव नहीं लड़ा। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल के पुत्र बिश्नोई ने यह भी कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के जाने और सचिन पायलट के बगावत करने से कांग्रेस को बहुत नुकसान हुआ है और आलाकमान को राज्यों में भाजपा को टक्कर देने के लिए जनाधार वाले नेताओं को आगे लाना चाहिए।

उन्होंने ट्वीटर पर जारी एक वीडियो में कहा, मैंने सोशल मीडिया में सिंधिया और पायलट के साथ एक तस्वीर डाल दी तो लोग अफवाहें फैलाने लगे कि मैं भाजपा में जा रहा हूं। भाजपा के लोगों में इतनी घबराहट है कि वो इस तरह की अफवाहें फैलाते हैं।

भाजपा को टक्कर देने के लिए जनाधार वाले नेताओं को आगे करें

बिश्नोई ने मौजूदा समय में कांग्रेस के निर्णयों में दखल रखने वाले वरिष्ठ नेताओं को परोक्ष रूप से निशाने पर लेते हुए कहा, ''कांग्रेस आलाकमान से कहना चाहूंगा कि राज्यों में जन नेताओं को आगे लेकर आएं क्योंकि वही लोग भाजपा को टक्कर दे पाएंगे। जो लोग पिछले 30-35 वर्षों से कुर्सियों पर जमे बैठे हैं और कोई चुनाव नहीं लड़े, उन्हें कोई और जिम्मेदारी दी जाए क्योंकि हम बहुत बड़े युद्ध के लिए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह कांग्रेस नहीं छोड़ेंगे और पार्टी में उनके सिर्फ दो नेता, राहुल गांधी एवं प्रियंका गांधी हैं। बिश्नोई ने कहा, हम जन्मजात कांग्रेसी हैं। हमने कांग्रेस कभी नहीं छोड़ी। हमने सिर्फ यह कहा कि हरियाणा में असली कांग्रेस चौधरी भजन लाल की कांग्रेस है।इसलिए हमने 'हरियाणा जनहित कांग्रेस' को लेकर संघर्ष किया था। मैं कभी भाजपा या बसपा के दरवाजे पर नहीं गया। वो लोग मेरे दरवाजे पर आए थे। बाद में हमारे साथ धोखा किया गया। उन्होंने कहा, ''मेरे दो नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी हैं। हालांकि इसका मुझे तीन-चार साल से बहुत नुकसान हो रहा है। लेकिन मैं परवाह नहीं करता। राहुल और प्रियंका मेरे नेता हैं और रहेंगे।

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