कुमारी शैलजा बोलीं : नुकसान की भरपाई को गेहूं पर बोनस दे सरकार, दाना कमजोर होने पर एमएसपी पर दिया जाए 750 रुपए प्रति क्विंटल

कुमारी शैलजा बोलीं : नुकसान की भरपाई को गेहूं पर बोनस दे सरकार, दाना कमजोर होने पर एमएसपी पर दिया जाए 750 रुपए प्रति क्विंटल
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कुमारी सैलजा ने कहा कि बरसात व ओलावृष्टि के कारण जो गेहूं बर्बाद होने से बच गया है, उसका दाना कमजोर होने की आशंकाएं कृषि विशेषज्ञों ने जतानी शुरू कर दी हैं। ऐसे में सरकार को किसान के घाटे को पूरा करने के लिए एमएसपी पर 750 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से बोनस देना चाहिए।

चंडीगढ़। अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी की महासचिव एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा कि बरसात व ओलावृष्टि के कारण जो गेहूं बर्बाद होने से बच गया है, उसका दाना कमजोर होने की आशंकाएं कृषि विशेषज्ञों ने जतानी शुरू कर दी हैं। ऐसे में सरकार को किसान के घाटे को पूरा करने के लिए एमएसपी पर 750 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से बोनस देना चाहिए। किसान के साथ ही कमेरे की भी सरकार को सुध लेनी चाहिए और दोनों के घर का चूल्हा जलाए रखने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि पिछले 20 दिन के अंदर बार-बार हो रही बरसात व ओलावृष्टि ने फसलों को भयंकर नुकसान पहुंचाया है। अभी तक 1 लाख 82 हजार किसान अपनी 11 लाख एकड़ में फसल बर्बाद होने की सूचना राज्य सरकार को दे चुके हैं। जबकि, क्षतिपूर्ति पोर्टल न खुलने के कारण कई जिलों में किसान लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस सब के बीच गेहूं की जो फसल बर्बाद होने से बच गई है, उसकी सही पैदावार होने पर भी संकट खड़ा हो गया है। विशेषज्ञों ने कहना शुरू कर दिया है कि गेहूं की फसल में दाना कमजोर रहने, दाना काला पड़ने की आशंका के चलते उत्पादन 20 प्रतिशत से अधिक घट सकता। इसका सीधा असर किसान व उसके साथ खेत में हाथ बंटाने वाले कमेरे पर पड़ेगा। आर्थिक तंगी का सामना कर रहे किसान-कमेरे की कमर बुरी तरह टूट जाएगी।

उन्होंने कहा कि किसी भी किसान व कमेरे के घर में रोटी का संकट खड़ा होने से रोकना प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी है। सरकार को चाहिए कि फसल खराबे की रिपोर्ट तैयार करने के साथ ही वह खेत में काम करने वाले मेहनतकश के नामों की भी सूची तैयार करे और उनके परिवार को सालभर के लिए खाने लायक 20-20 क्विंटल गेहूं उपलब्ध कराए, ताकि उनके घरों के चूल्हे भी जलते रहें। उन्होंने कहा कि सरकार मई महीने में मुआवजा देने की बात कहकर किसानों को बरगला रही है। अगर राज्य सरकार किसान व कमेरे की इतनी ही हितैषी है तो फिर 15 दिन के अंदर गिरदावरी करवाकर मुआवजा राशि जारी करे, ताकि अगली फसल की तैयारी के लिए इनका हौंसला बनाए रखा जा सके।

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