लाॅकडाउन में जनता से मिले तक नहीं मंत्री, फिर कहां फूंका लाखों का तेल : कुमारी सैलजा

लाॅकडाउन में जनता से मिले तक नहीं मंत्री, फिर कहां फूंका लाखों का तेल : कुमारी सैलजा
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कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि अच्छा होता आम जनता से उस दौर में एक बार मिल ही लेते, किसी को दवा, किसी को आक्सीजन सिलेंडर, किसी को निजी-सरकारी अस्पताल में बेड दिलवा देते। जनता से मिले नहीं, सरकारी दफ्तर बंद थे, जलसे जुलूस भी नहीं हुए तो मंत्रियों ने लाखों का तेल कहां और क्यों फूंक डाला?

चंडीगढ़। हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष सैलजा ( Kumari Selja ) ने कहा कि हरियाणा सरकार के तथाकथित 'गुड गवर्नेंस' का असली चेहरा सामने आया है। कोरोना की दूसरी लहर में जब सभी बाजार, फैक्टरी, कारखाने, सरकारी व निजी कार्यालय बंद थे, पूर्ण लाकडाउन था, रोजगार खत्म होने से आम आदमी बदहवास हो चुका था, अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए बेड नहीं थे, मरीज घुट घुट कर मर रहे थे, किसी को आक्सीजन नहीं मिल रही थी, मदद के लिए कोई मंत्री या सत्ताधारी दल का कोई विधायक दूर दूर तक दिखाई नहीं दे रहा था, उस वक्त तब सरकार के मंत्रियों की कारें फर्राटे भर रही थीं।

कुमारी सैलजा ने कहा कि एक-एक मंत्री लाखों का तेल फूंक कर न जाने कहां जनता के प्रति अपना कर्तव्य पूरा कर रहा था? सरकारी धन को बेरहमी से खर्च करके न जाने किस जवाबदेही को ये मंत्री पूरा कर रहे थे। अच्छा होता आम जनता से उस दौर में एक बार मिल ही लेते, किसी को दवा, किसी को आक्सीजन सिलेंडर, किसी को निजी-सरकारी अस्पताल में बेड दिलवा देते। जनता से मिले नहीं, सरकारी दफ्तर बंद थे, जलसे जुलूस भी नहीं हुए तो मंत्रियों ने लाखों का तेल कहां और क्यों फूंक डाला? क्या इस सवाल का ईमानदार जवाब किसी मंत्री के पास है। ये सारी बातें हवा में नहीं कही जा रहीं। आरटीआई से मांगी गई सूचना पर सरकार ने स्वयं ये आंकड़े उपलब्ध करवाए हैं जो जनमानस और व्यवस्था को झकझोर रहे हैं।

कुमारी सैलजा ने कहा कि मंत्रियों का कर्तव्य यह था कि वह जनता के बीच जाते और उसकी तकलीफें जानते, समझते और दूर करते। उस काल में तो एक भी मंत्री आसपास ही नजर नहीं आया। यह हकीकत है कि सारे मंत्री और सत्ताधारी गठबंधन के विधायक उस दौरान 'गायब' रहे। कोरोना का प्रकोप कम हुआ तो सत्तापक्ष के लोग टोलियां बना कर त्रस्त जनता के बीच आकर इस अंदाज में शेखी बघारने लगे कि देखो हमने कोरोना को भगा दिया है।

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