करंट लगने से मरे मजदूर के परिजनों को मिलेगा 12 लाख रुपये का मुआवजा

करंट लगने से मरे मजदूर के परिजनों को मिलेगा 12 लाख रुपये का मुआवजा
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12 अगस्त 2018 को मजदूर खुशी राम मुगलपुरा उकलाना रोड पर पेड़ों की कटाई कर रहा था तो बिजली की तार उस पर गिर गई और करंट लगने के कारण उसकी मौत हो गई थी।

हरिभूमि न्यूज. फतेहाबाद। कर्मचारी मुआवजा आयुक्त रमेश कुमार की अदालत ने काम करते समय मजदूर की करंट लगने से हुई मौत के मामले में सुनवाई करते हुए मजदूर के परिजनों को बड़ी राहत देते हुए 11.85 लाख रुपये की राशि मुआवजे के रूप में देने का फैसला सुनाया है।

मिली जानकारी के मुताबिक 12 अगस्त 2018 को मजदूर खुशी राम मुगलपुरा उकलाना रोड पर पेड़ों की कटाई कर रहा था तो बिजली की तार उस पर गिर गई और करंट लगने के कारण उसकी मौत हो गई। मृतक पिछले एक सप्ताह से पेड़ों की कटाई कर रहा था, इस दौरान बिजली की सप्लाई बंद करवा दी जाती थी लेकिन घटना वाले दिन बिजली की सप्लाई चल रही थी।

मृतक खुशी राम की पत्नी व उसके तीन बच्चों ने अपने अधिवक्ता राजबीर सिंह के जरिए अदालत में मुआवजे के लिए याचिका दायर की थी। इस मामले हरियाणा वन विकास निगम हिसार व पेड़ कटाई का ठेका लेने वाली कंपनी बलबीर एंड कंपनी ठसका के खिलाफ कर्मचारी मुआवजा आयुक्त रमेश कुमार की अदालत में याचिका दायर की थी। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद वन विकास निगम हिसार को आदेश दिया कि वह मृतक खुशीराम के परिजनों को 7 लाख 78 हजार 560 रूपये मुआवजे के रूप में व 4 लाख 7 हजार 187 रूपए की राशि ब्याज के रूप में अदा करे।

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