Corona Effect : ट्रेनों में मजदूरों ने बिना रिजर्वेशन के सफर करना शुरू किया

Corona Effect : ट्रेनों में मजदूरों ने बिना रिजर्वेशन के सफर करना शुरू किया
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सरकार ने लॉकाडाउन समेत अन्य पाबंदियां लगा दी हैं। इसका सबसे ज्यादा असर प्रवासी मजदूरों पर पड़ा है। काम न होने और खाने-पीने की समस्या के कारण मजदूरों ने पलायन शुरू कर दिया है।

हरिभूमि न्यूज : रोहतक

कोरोना के मामलों (Corona cases) की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसके चलते सरकार ने लॉकाडाउन (Lockdown) समेत अन्य पाबंदियां लगा दी हैं। इसका सबसे ज्यादा असर प्रवासी मजदूरों पर पड़ा है। काम न होने और खाने-पीने की समस्या के कारण मजदूरों ने पलायन शुरू कर दिया है। हालांकि मजदूरों ने रेलगाड़ियों में बिना रिजर्वेशन के ही सफर करना शुरू कर दिया है।

रोहतक रेलवे स्टेशन के बाहर अपने राज्यों को लौटते प्रवासी मजदूर देखे गए। वापस जाने वाले मजदूरों का कहना है कि कोरोना के बढ़ते मामलों ने उनके सामने चुनौती खड़ी कर दी है। बताया जा रहा है कि लॉकडाउन लगने से उनके कामकाज प्रभावित हुए हैं। पहले वाली स्थिति न हो इसके लिए बेहतर है कि हम अपने घर पर पहुंच जाएं। आसपास के क्षेत्रों से पलायन करने वाले मजदूरों में सबसे ज्यादा मजदूर बिहार के गांव पुठी के हैं। रेलवे स्टेशन के सामने बैठे प्रवासी मजदूरों ने बताया कि जहां वे काम करते थे उन्हें वहां से निकाल दिया है। कई जगह अस्थायी तौर पर काम बंद हैं। ऐसे में अब यहां गुजारा करना मुश्किल हो रहा है। इसके लिए वे वापस जा रहे हैं।

कोरोना के कारण फिलहाल बंद हैं काम-धंधे

मेरा घर बिहार में है। मैं यहां रोहतक की एक कंपनी में काम करता था। कोरोना के चलते फिलहाल काम बंद हो गया है। ऐसे में घर वापसी के लिए बिहार जाने वाली ट्रेन पकड़ने के लिए आया हूं। - विक्टर, प्रवासी मजदूर।

खर्च हो गए पैसे

आईएमटी स्थित कंपनी में काम करने से गुजारा चल रहा था। काम बंद होने के बाद जो पैसे मिले थे वह खर्च हो चुके हैं। अब यहां रहना मुश्किल हो रहा है। कंपनी के ठेकेदार ने काम पर आने से मना कर दिया है। -रिशु, प्रवासी, मजदूर

कई परेशानियों का करना पड़ रहा सामना

लॉकडाउन के कारण कंपनी से ठेकेदार ने कर्मचारी कम कर दिए हैं। ठेकेदार ने बोला है कि कंपनी में काम कम हो गया है इसलिए कर्मचारियों को हटाया जा रहा है। इसलिए वह वापस घर जा रहे हैं। क्योंकि यहां पर पैसे न होने के चलते कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। -परितोसिमरन, प्रवासी मजदूर।

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