सावधान! उदासी और नींद कम होना अवसाद के लक्षण

सावधान! उदासी और नींद कम होना अवसाद के लक्षण
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यदि आपको अपने किसी साथी में या खुद में लगे की हमें धीरे-धीरे उदासी आ रही है, 2 महीने बाद नींद में कमी आनी शुरू हो जाए, वजन कम होने लगे, किसी से बात करने का मन नहीं करे, अकेले रहने का मन करे, आत्महत्या का विचार आए तो ऐसे में मनोरोग विभाग में आने से संकोच ना करें।

हरिभूमि न्यूज : रोहतक

पीजीआईएमएस के मनोरोग विभाग के चिकित्सकों डॉ. सुजाता सेठी और डॉ. जोगेंद्र कैरो को चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय में छात्रों को अवसाद व स्ट्रेट मैनेजमेंट विषय पर व्याख्यान देने के लिए विशेष रूप से आमंत्रित किया गया।

बंसीलाल विवि के कुलपति डॉ. आरके मित्तल ने कहा कि इस तरह के व्याख्यान से कर्मचारियों और छात्रों को फायदा पहुंचा है। अपने व्याख्यान में पीजीआईएमएस की सीनियर प्रो. डॉ. सुजाता सेठी ने कहा कि हमें अवसाद के लक्षणों की पहचान करनी होगी।

यदि आपको अपने किसी साथी में या खुद में लगे की हमें धीरे-धीरे उदासी आ रही है, 2 महीने बाद नींद में कमी आनी शुरू हो जाए, वजन कम होने लगे, किसी से बात करने का मन नहीं करे, अकेले रहने का मन करे, आत्महत्या का विचार आए तो ऐसे में मनोरोग विभाग में आने से संकोच ना करें।

पीजीआई के वरिष्ठ नैदानिक मनोवैज्ञानिक डॉ. जोगेंद्र कैरो ने कहा कि वर्कलोड के कारण, तनाव के कारण, परीक्षा का भय, रिलेशनशिप टूट जाना, प्यार का बिछड़ जाना, किसी गहरे साथी की मौत हो जाना, आपसी मतभेद हो जाना, मदद के लिए तैयार ना रहना, समस्या साझा ना करना आदि लक्षण तनाव के हो सकते हैं। तनाव दूर करने के लिए व्यायाम, अच्छा खानपान, मादक पदार्थों से दूरी, पूरी नींद और समय प्रबंधन का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

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