सेल्फी विद डॉटर और लाडो पंचायत के फाउंडर सुनील जागलान को भारत सरकार ने दिया ये खास मौका

सेल्फी विद डॉटर और लाडो पंचायत के फाउंडर सुनील जागलान को भारत सरकार ने दिया ये खास मौका
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उत्तर भारत में सिर्फ सुनील जागलान को ही यह बात रखने के लिए भारतीय संसदीय कमेटी ने मौका दिया है। लड़कियों की शादी की उम्र संवैधानिक तौर 18 वर्ष से बढ़ा कर 21 वर्ष करने के लिए सुनील जागलान लंबे समय से प्रयास कर रहे हैं।

हरिभूमि न्यूज : जींद

महिला अधिकारों के लिए कार्य करने वाले गांव बीबीपुर के पूर्व सरपंच सुनील को उनके द्वारा शुरू की गई लाडो पंचायत के माध्यम से बात रखने के लिए पार्लियामेंटरी स्टेंडिंग कमेटी ने भारतीय संसद में आमंत्रित किया है। उत्तर भारत में सिर्फ सुनील जागलान को ही यह बात रखने के लिए भारतीय संसदीय कमेटी ने मौका दिया है। लड़कियों की शादी की उम्र संवैधानिक तौर 18 वर्ष से बढ़ा कर 21 वर्ष करने के लिए सुनील जागलान लंबे समय से प्रयास कर रहे हैं।

उन्होंने वर्ष 2020 में खाप पंचायत के समांतर लाडो पंचायत का प्लेटफार्म लड़कियों के लिए शुरू किया जिसमें लड़कियां इकट्ठी होकर किसी एक लड़की को उस पंचायत की अध्यक्ष बनाती हैं तथा फिर वो अपनी बात उसकी अध्यक्षता में स्वतंत्र रूप से रखती हैं। कोरोना काल में शुरूवात समय में ऑनलाइन लाडो पंचायत रखी गई जिसमें देशभर से लड़कियों ने भाग लिया तथा बाद में बड़े स्तर की लाडो पंचायतें हरियाणा के अलावा राजस्थान व उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में आयोजित की गई। बहुत कम समय में सुनील जागलान की लाडो पंचायत देश ही नहीं वरन विदेशों में भी प्रचलित हुई और विदेशी मीडिया ने भी सुनील जागलान के इस प्रयास को बहुत सराहा है।

सुनील जागलान ने बताया कि उन्हें खुशी है कि देशभर की लड़कियों के विचारों को संसदीय समिति में भारतीय संसद में रखने का मौका मिला है तथा वो जोरदार ढंग से लड़कियों का यह पक्ष रखेंगे और उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही संसद में लड़कियों की शादी की उम्र 21 वर्ष होने का बिल पारित होगा। इससे पहले निर्भया के केस में सुनील जागलान द्वारा हिंसा ग्राम सभा आयोजित करवाकर कमेटी में रिपोर्ट भेजी थी, जिसे उस कमेटी द्वारा अंकित कर निर्भया के साथ क्रूरता करने वालों के लिए फांसी की मांग की थी। सुनील जागलान द्वारा पिछले एक दशक के दौरान लाडो पंचायत के अलावा बेटी बचाओ, सेल्फी विद डॉटर, बेटियों के नाम नेम प्लेट, पीरियड चार्ट, गाली बंद घर जैसे अनोखे व महत्वपूर्ण अभियान शुरू किए गए हैं।

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