असमंजस में किसान : माजरा एम्स के लिए जमीन अधिग्रहण बना मजाक, डीसी के दावे को मंत्री ने झुठलाया

असमंजस में किसान : माजरा एम्स के लिए जमीन अधिग्रहण बना मजाक, डीसी के दावे को मंत्री ने झुठलाया
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डीसी यशेंद्र सिंह ने किया था सोमवार से रजिस्ट्रियां शुरू कराने का दावा, मंत्री डा. बनवारीलाल ने कही अभी और समय लगने की बात।

नरेन्द्र वत्स : रेवाड़ी

माजरा में प्रस्तावति एम्स के लिए जमीन सरकार के नाम कराना मजाक बनता जा रहा है। एम्स कमेटी की ओर से तमाम औपचारिकताएं पूरी की जा चुकी हैं। डीसी बिना किसी देरी के सोमवार से जमीनों की रजिस्ट्रियां किसानों के नाम कराने की बात कह चुके हैं, लेकिन कैबिनेट मंत्री डा. बनवारीलाल ने इस प्रकिया में अभी और समय लगने की बात कही है। ग्रामीण यह समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर जमीन सरकार के नाम कराने की प्रक्रिया में अभी कितना समय और लगेगा। ग्रामीण जमीन अधिग्रहण में बार-बार हो रही देरी को लेकर प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाने लगे हैं।

एम्स के लिए बनाई गई कमेटी जमीन सरकार के नाम कराने की आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करा चुकी है। कमेटी के प्रधान जगदीश यादव का कहना है कि उन्होंने ग्रामीणों की ओर से प्रशासन का सहयोग करते हुए तमाम बाधाओं को दूर करने के बाद प्रशासन को दस्तावेज उपलब्ध करा दिए हैं। उन्होंने बताया कि सभी दस्तावेज तैयार होने के बाद अधिकारियों की ओर से बताया गया था कि अब जल्द रजिस्ट्रियां सरकार के नाम कराने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, परंतु इसमें लगातार की जा रही देरी उनकी समझ से बाहर से है। प्रशासन की ओर से की जा रही देरी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह अभी तक ग्राम पंचायत की करीब 60 एकड़ जमीन को भी सरकार के नाम नहीं करा पाया है। यह जमीन ग्राम पंचायत की ओर से सरकार को मुफ्त दी जा रही है।

एम्स संघर्ष समिति का आर-पार की जंग का ऐलान

किसानों को मुआवजा देकर जमीन सरकार के नाम कराने की प्रक्रिया शुरू होने के विरोध में रविवार को एम्स संघर्ष समिति की बैठक प्रधान श्योताज सिंह अध्यक्षता में हुई। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि जिला प्रशासन जमीनों की रजिस्ट्री में निरंतर देरी कर रहा है। माजरा के ग्रामीणों ने सरकार को जमीन देने की प्रक्रिया पूरी कराने में प्रशासन का सराहनीय सहयोग किया है। इसके बावजूद प्रशासन की ओर से क्षेत्र के लोगों को लगातार बरगलाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर जमीन सरकार के नाम कराने की प्रक्रिया में और देरी की गई, तो 10 मई को एक प्रतिनिधिमंडल डीसी से मिलेगा। इसके बाद ग्रामीण एकजुट होकर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे। समिति के प्रधान श्योताज सिंह और सचिव ओमप्रकाश सैन ने कहा कि इस बार वह आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं। बैठक में कर्नल राजेंद्र सिंह, आजाद नांधा, बीडी यादव, कप्तान मनफूल व एचडी यादव आदि मौजूद थे।

असमंजस में जमीन देनेे वाले किसान

सरकार को जमीन देने के लिए तैयार किसान रजिस्ट्री में हो रही देरी के कारण असमंजस की स्थिति में फंसे हुए हैं। उन्हें यह समझ नहीं आ रहा है कि वह इस जमीन पर फसल की बिजाई करें या नहीं। जमीन की रजिस्ट्रियां सरकार के नाम होने के बाद किसानों का जमीन से अधिकार खत्म हो जाएगा। दूसरी ओर पंचायती जमीन को खेती के लिए पट्टे पर देने की प्रक्रिया को लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। एम्स के लिए पंचायत की ओर से दी जाने वाली जमीन का बड़ा हिस्सा खेती के लिए पट्टे पर दिया जाता है। अगर जमीन सरकार के नाम हो जाती है, तो इसकी पट्टे के लिए नीलामी प्रक्रिया नहीं हो सकेगी। नई रबी की फसल बिजाई का समय करीब आने के कारण पट्टा छोड़ने का समय आ गया है।

स्वीकृति के लिए संशोधित नक्शा भेजा

स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर को स्वीकृति के लिए संशोधित नक्शा भेजा गया है। सोमवार को इस संदर्भ में बैठक भी होनी है, परंतु जमीन सरकार के नाम कराने की प्रक्रिया शुरू होने में अभी हफ्ता-दस दिन का समय और लग सकता है। प्रशासन जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द शुरू कराने के लिए गंभीरता से प्रयास कर रहा है। -डा. बनवारीलाल, सहकारिता मंत्री।

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