सरकारी विभागों की खाली पड़ी जमीन से बनेगा भूमि बैंक, करनाल से होगी शुरुआत

हरिभूमि न्यूज.करनाल
प्रदेश सरकार कोई प्रोजेक्ट लाना चाहे या करना पड़े कोई निर्माण तो उसके लिए जमीन खरीदने या अधग्रिहण करने की जरूरत न पड़े, इसे लेकर सरकारी विभागों के पास उपलब्ध व खाली जमीन का भूमि बैंक बनाया जा रहा है। खास बात यह है कि इसकी शुरूआत पायलट तौर पर करनाल से हो रही है, सफल रहा तो इसे प्रदेश के सभी 22 जिलों में लागू करेंगे। सोमवार को उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने लघु सचिवालय के सभागार में इसी मकसद को लेकर विभागों के अधिकारियों के साथ मीटिंग कर ऐसे जमीन की डिटेल मांगी। मीटिंग में करनाल के एसडीएम गौरव कुमार को इस स्कीम का नोडल बनाया गया है।
इन विभागों के मौजूद है सरकारी जमीन
भूमि बैंक के लिए जिन विभागों के पास सरकारी व बिना प्रयोग में ली गई जमीन मौजूद है, जाहिर तौर पर उनके अधिकारियों को ही इस मीटिंग में बुलाया गया था, इनमें राजस्व, विकास एवं पंचायत, नगर निगम व पालिकाएं, विपणन बोर्ड, एचएसआईआईडीसी, पर्यटन, जन स्वास्थ्य विभाग, सिंचाई, हैफेड तथा हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण शामिल हैं। उपायुक्त ने इनके अधिकारियों से कहा कि भूमि बैंक के लिए सरकारी जमीन का ब्यौरा मांगा गया था, जिन्होंने अब तक नहीं भेजा, आज सायं 4 बजे तक दे दें ताकि उसकी सूचना सरकार को दी जा सके और ऐसे विवरण को वेबसाइट पर डाला जाएगा। उन्होंने मौजूद अधिकारियों को बताया कि वर्ष 2013 से नए भूमि अधग्रिहण कानून में संशोधन के बाद सरकारी कार्यों के लिए भूमि अधिग्रहण करना मुश्किल भरा काम है। लेकिन यदि सरकार के पास अपनी जमीन होगी तो उस पर प्रोजैक्ट या कोई भवन निर्माण आसानी से किया जा सकता है। जिस विभाग के पास अपनी जमीन नहीं वह भूमि बैंक में मौजूद अन्य विभाग से जमीन खरीद सकता है।
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