वक्फ बोर्ड के खिलाफ लामबंद हुए जींद के लैंड होल्डर्स, जानें क्यों

हरिभूमि न्यूज. जींद
हरियाणा वक्फ लैंड होल्डर्स एसोसिएशन की बैठक शुक्रवार को आशरी गेट कार्यालय पर संपन्न हुई। बैठक में हरियाणा वक्फ लैंड होल्डर्स एसोसिएशन के उपप्रधान अतुल चौहान ने बताया कि हरियाना वक्फ बोर्ड ने सरकार को गुमराह करने का काम किया है।
सरकार ने वक्फ बोर्ड द्वारा रचे षडय़ंत्र के बहकावे में आकर दिसंबर 2020 व अप्रैल 2021 में दो प्रस्ताव पारित किए हैं जिसमे वक्फ बोर्ड ने सरकार से कहा कि वो सभी पट्टेदारों से पुराने तरीके से किराया लेने को तैयार है एवं आगामी किराय को बिना बोली लगा परमिशन दे देंगें। तीन हजार रुपये तिमाह तक वालों का बिना बिड पुराने तरीके से किराया ले लिया जोकि नए कानून में पहले से ही प्रावधान है परंतु कलेक्टर रेट का 2.5 प्रतिशत के हिसाब से किराया बना कर आगे की नई लीज बना दी। जैसे जिसका किराया 1000 रुपये तक है उसका किराया 1500 रुपये तक बना दिया परंतु बढ़ोत्तरी 50 से 100 प्रतिशत तक कर दी।
अब उपभोक्ता पट्टेदारों का पांच से 10 प्रतिशत में किराया तीन हजार से ऊपर हो जाएगा और वह अपने आप बीड सिस्टम में फंस जाएगा। 3000 वालों का पुराने तरीके से किराया ले लिया लेकिन आगे लीज की अप्लीकेशन लगवा दी कि परमिशन आ जाएगी लेकिन वो बिना बीड के नहीं आएगी। ये प्रस्ताव पट्टेदारों के बिल्कुल विरुद्ध है। उन्होंने कहा कि कई राज्यों में इस कानून का विरोध हो रहा है। सारी वक्फ की संपत्तियां भारत सरकार की हैं। वक्फ बोर्ड केवल उनकी देखरेख के लिए बना है। नया कानून 2013-2014 के पट्टेदारों पर लागू नहीं होता है। इस मौके पर अतुल चौहान ने सरकार से मांग की के इस काले कानून को जल्द से जल्द निरस्त करें व इन जमीनों पर आश्रित करोड़ों लोगों की रक्षा करें। बैठक में मेघराज गुप्ता, जयंत, ओमप्रकाश, सुरेंद्र, ललित, जुगनू, सोमबीर, जतिन सैनी, मनोज भट्ट, सुमित मंगला, अशोक कुमार आदि लोग मौजूद रहे।
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