किसानों पर लाठीजार्च : करनाल प्रशासन ने दी सफाई, सिर फोड़ देने वाले Sdm के बयान पर Dc ने खेद प्रकट किया

हरिभूमि न्यूज : करनाल
बसताड़ा टोल प्लाजा पर शनिवार को किसानों द्वारा हाई-वे जाम करने पर प्रशासन द्वारा हल्का पुलिस बल प्रयोग किया गया। इस घटना में 6 किसान और 15 पुलिस कर्मी घायल हो गए। घायल किसानों को भी प्रशासन द्वारा एम्बुलेंस के माध्यम से अस्पताल में पहुंचाया गया। शाम तक जिन किसानों की एमएलआर कटी, उन्हें अस्पताल से उपचार देकर घर भेज दिया। एक किसान जिसके नाक पर चोट लगी थी, उसका उपचार अस्पताल में चल रहा है। पुलिस बल प्रयोग होने पर किसी भी किसान को गंभीर चोट नहीं आई। यह जानकारी करनाल के डीसी निशांत कुमार यादव व पुलिस अधीक्षक गंगाराम पुनिया ने दी। रविवार को उपायुक्त निशांत कुमार यादव व पुलिस अधीक्षक गंगाराम पुनिया ने लघु सचिवालय के सभागार में संयुक्त रूप से टोल प्लाजा पर हुए घटनाक्रम के बारे में जानकारी देने के लिए प्रेसवार्ता की।
उपायुक्त ने बताया कि शनिवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल सहित अनेक मंत्रीगणों की राज्य स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया था। किसान मोर्चा ने बैठक का विरोध करने का आह्वान किया था, जिसको लेकर प्रशासन ने किसान नेताओं से बातचीत की। बसताड़ा टोल पर कुछ किसान करनाल शहर में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम का बहिष्कार करने के लिए आने की जिद करने लगे। इसके लिए टोल पर इकट्ठी हुई भीड़ को डयूटी मैजिस्ट्रेट डॉ पूजा भारती व एसडीएम आयुष सिन्हा ने लाउड स्पीकर के माध्यम से शांति बनाए रखने की अपील की और टोल पर ही विरोध प्रदर्शन करने का अनुरोध किया, परन्तु किसानों का विरोध आक्रमक होने के कारण फिर किसानों को चेतावनी दी, परन्तु किसानों ने हाई-वे जाम कर दिया।
थोड़ी देर में ही 10 से 15 किलो मीटर लम्बा जाम लग गया और किसान आक्रमक होकर पुलिस पर पथराव व लाठी, डंडो व कस्सी से हमला करने पर उतारू हो गए, जिसके कारण तुरंत पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया और जीटी रोड़ खुलवाया। इस प्रक्रिया में कुछ किसानों व पुलिस कर्मियों को चोटे आई, जिन्हें प्रशासन द्वारा पहले तैनात एम्बुलेंस में उपचार के लिए अस्पताल लाया गया। किसानों को मामूली चोट होने के कारण उपचार के बाद एमएलआर करके किसानों को घर भेजा दिया। इस दौरान किसी भी किसान को गंभीर चोट नहीं आई।
उपायुक्त ने एसडीएम के शब्दों पर प्रकट किया खेद
उपायुक्त ने पत्रकारों को बताया कि एसडीएम करनाल, जिन्हें नाका नम्बर 3 रेलवे रोड़ का डयूटी मैजिस्ट्रेट तैनात किया गया था। यह नाका मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के नजदीक था। एसडीएम करनाल डयूटी पर तैनात कर्मचारियों को सुबह 8 बजे उनकी डयूटी समझा रहे है कि यदि नाका नम्बर एक बसताड़ा टोल, नाका नम्बर 2 नमस्ते चौक यदि किसान तोडक़र नाका नम्बर 3 पर आते है तो सख्ती दिखानी होगी। परन्तु एसडीएम की डयूटी पर तैनात कर्मचारियों को समझाते हुए भाषा में थोड़ा क्रोध आ गया, जबकि उनकी मंशा ऐसी नहीं है, उपायुक्त ने यह भी स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया पर उनकी पूरी वीडियो को नहीं दिखाया गया बल्कि केवल एक क्लीप ही दिखाई गई है, यदि पूरी वीडियो दिखाई जाए तो उसका अर्थ समझ में आता है। उपायुक्त ने कहा कि एसडीएम एक ईमानदार, कर्मठ अधिकारी हैं। फिर भी यदि एसडीएम के शब्दों से किसी व्यक्ति व संगठन को ठेस पहुंची हो, उसके लिए उपायुक्त ने जिला प्रशासन की ओर से खेद प्रकट किया।
एसडीएम की वीडियो का बसताड़ा टोल प्लाजा की घटना से नहीं कोई संबंध
उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने मीडिया के सामने स्पष्ट किया कि जो सोशल मीडिया पर एसडीएम करनाल का वीडियो दिखाया जा रहा है, वह करनाल रेलवे रोड़ का है। इस वीडियो से बसताड़ा टोल प्लाजा की घटना से कोई संबंध नहीं है। यह घटना सुबह 8 बजे की है जबकि टोल की घटना सुबह 11 बजे के बाद की है। उन्होंने कहा कि बसताड़ा टोल रेलवे रोड़ से करीब 12 किलो मीटर दूर है। बसताड़ा टोल पर डयूटी मैजिस्ट्रेट दूसरे अधिकारी को लगाया गया था। बसताड़ा टोल के प्रकरण से एसडीएम करनाल की डयूटी से भी कोई संबंध नहीं था। उन्होंने अनुरोध किया कि वह ऐसे दुष्प्रचार से बचे, तथ्य को नहीं छुपाए।
किसान की मृत्यु पुलिस बल के कारण होना अफवाह: एसपी
पुलिस अधीक्षक गंगाराम पुनिया ने कहा कि बसताड़ा टोल पर जो हल्का पुलिस बल प्रयोग किया गया। उस पुलिस बल में जो किसान चोटिल हुए उनकी एमएलआर काटी गई, परन्तु कुछ लोग पुलिस बल के दौरान एक किसान की मौत की अफवाह फैला रहे है, जो कि आधारहीन है। इस पुलिस बल की घटना से किसान का कोई लेना-देना नहीं है, यदि होता तो किसान की अस्पताल में एमएलआर कटी होती और परिवार के लोग इसकी सूचना पुलिस को देते, पुलिस को तब जानकारी मिली जब परिवार वाले अपने मृतक सदस्य का संस्कार कर रहे थे। यह भी जानकारी मिली है कि उनकी मौत रात को ह्दयघात से हुई है।
धर्म के आधार पर पुलिस कर्मी को धमकी देने वाले को बक्शा नहीं जाएगा
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि जानकारी मिली है कि किसानों द्वारा धर्म के आधार पर कुछ पुलिस कर्मियों को मारने की धमकी दी जा रही है। इसके लिए ऐसे लोगों पर एफआईआर की जा रही है। दोषियों के विरूद्ध सख्त कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। किसी भी व्यक्ति को कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा। हर साधारण व्यक्ति व पुलिस अधिकारी व कर्मचारी को जिला पुलिस की तरफ से सुरक्षा दी जाएगी। किसी को घबराने की जरूरत नहीं, कानून अपना काम करेगा।
पुलिस पर हमला करने वाले के खिलाफ 27 आरोपियों पर एफआईआर दर्ज
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि बसताड़ा टोल प्लाजा पर इकट्ठे हुए किसानों ने दो-तीन बार हाई-वे को जाम किया। जब पुलिस ने जाम खुलवाने के लिए कार्यवाही की तो किसानों ने खेतों से पत्थर तथा ईंट व डंडो से हमला किया। ऐसे 27 आरोपियों के खिलाफ मधुबन थाना में एफआईआर की गई है और आगे भी यह कार्यवाही जारी रहेगी।
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