Narnaul News : बकरी के बच्चे को देख पिंजरे में फंसा तेंदुआ, ग्रामीणों ने ली राहत की सांस

Narnaul News : शहर के नजदीक गांव मुकुुंदपुरा में आखिरकार जंगली जानवर तेंदुआ (Leopard) पकड़ा गया। कई दिनों से वहां दो अलग-अलग जगह पर दो पिंजरे वन्य प्राणी विभाग (Department of Forest and Wildlife) ने रखे हुए थे। सरपंच की माने तो गांव में स्टेडियम के पास वाले पिंजरे में शुक्रवार शाम साढ़े सात बजे बकरी के छोटे बच्चे को बांधकर हम आ गए थे। करीब एक घंटे बाद पिंजरा बंद होने की आवाज आई। कुछ समय बाद जंगली जानवर के दहाड़ने की आवाज भी सुनाई दी। डर था कि कुछ ना कुछ तो गड़बड़ जरूर हुई है। युवाओं का ग्रुप उस पिंजरे के पास पहुंचा तो देखा उसमें तेंदुआ बंद था। इसकी जानकारी तुरंत वन्य प्राणी अधिकारी चरणसिंह को दी। कुछ समय में ही अधिकारी टीम सहित वहां पहुंचे और गाड़ी से तेंदुआ सहित पिंजरे को उठाकर ले गए। इस दृश्य के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।
पैरों के निशान खेतों में दिखाई दिए थे
गांव मुकुंदपुरा से ग्रामीण सुमेर का कहना है कि रविवार आधी रात करीब 12 या एक बजे हमारे गांव में बलवंत यादव के घर में जंगली जानवर घुसा। वहां भैंस व गाय बंधी हुई थी। उनके पास ही पालतू कुत्ता था। जंगली जानवर को पालशु पशु गाय/भैंस की ओर जाते देख कुत्ता भौंकने लगा। अगले सुबह दो किला जमीन दूर पर यह पालतु कुत्ता मरा हुआ मिला। यह दृश्य देख हमने पैरों के निशान देखे तो यह जंगली जानवर के थे। यह तंदुआ या जरख हो सकता है। यह मामला समझ ग्रामीण अलर्ट हो गए और आस-पास छानबीन शुरू की लेकिन जंगली जानवर नहीं मिला। उनके पैरों के निशान जरूर कई खेतों में दिखाई दिए। यहीं नहीं, मंगलवार रात परिचित गाड़ी से ढाणी चिरागपुरा की तरफ जा रहे थे। उन्हें सड़क किनारे जंगली जानवर दिखाई दिया तो वापस गाड़ी को मोड़ा और उसकी वीडियो बनाई। यह बात रात सवा नौ बजे की है। इसके बाद रात को ही ढाणी चिरागपुरा में भूतपूर्व सरपंच के मकान में कुतियां को इस जंगली जानवर ने शिकार बनाया। कुतियां के शव के चिथड़े दो किला दूर खेत में अलग-थलग मिले। इस बारे में सरपंच महेश ने लिखित में शिकायत प्रशासन को दी। इसके बाद वन्य प्राणी निरीक्षक चरणसिंह टीम के साथ गांव मुकुंदपुरा पहुंचे थे और दो पिंजरों को अलग-अलग जगह रखकर काम शुरू किया था।
बता दें कि नारनौल शहर से सात किलोमीटर दूरी पर गांव मुकुंदपुरा है। पहाड़ी के ईद-गिर्द यह गांव बसा है। इसके आस-पास टहला, जोरासी व कारोता और खातोली, धुंण की ढाणी है। इन गांवों के आस-पास पहाड़ी एरिया है। यहां अक्सर जंगली जानवर ग्रामीणों ने देखे है। कई बार प्रशासन को अवगत भी करवाया गया। सीएम विंडो तक का सहारा लगाया गया।
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