हरियाणा- राजस्थान बॉर्डर पर शावक के साथ दिखा तेंदुआ, पटाखों से भगाने का प्रयास कर रहा प्रशासन

हरिभूमि न्यूज : नारनौल
नांगल चौधरी व निजामपुर क्षेत्र राजस्थान सीमा से सटा है। यहां झाड़ियों से घिरा नदी क्षेत्र व पहाड़ी इलाका है। पहाड़ों में खनन के चलते ब्लास्टिंग हो रही है। ऐसे में जंगली जानवर भयभीत होकर आबादी क्षेत्र की ओर ओ रहे हैं। खासकर राजस्थान की अरावली पहाड़ियों में बड़ी संख्या में तेंदुआ व लकड़बग्गे आबादी क्षेत्र में खाने की तलाश में आ रहे है। दो दिन से जिले की सीमा से सटे राजस्थान के गांव शिमला में तेंदुआ शावक के साथ घुमते देखा जा रहा है। इससे वहां के लोग दहशत में है। वहां इस जंगली जानवर को पकड़ने की बजाय पटाखा चलाकर शोर से दूर भगाने का प्रयास हो रहा है। ऐसे में राजस्थान के इस गांव से सटे महेंद्रगढ़ जिले के कई गांव व पहाड़ी एरिया है। यहां के प्रशासन सहित ग्रामीणों को भी अलर्ट होने की जरूरत है।
राजस्थान के गांव शिमला के ग्रामीणों ने बताया कि तीन-चार रोज से हमने गांव के विभिन्न स्थानों पर तेंदुए को देखा है। तेंदुए के साथ उसका छोटा बच्चा शावक भी है। दोनों के पगमार्क के निशान साफ दिखाई दे रहे हैं। महिला ने बताया कि सुबह 10 बजे वह जब पशुओं को चारा डालने गई तो वहां तेंदुआ बैठा था। यह सूचना वन विभाग की टीम को दी गई। राजस्थान वन विभाग की टीम मौके पर आई, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। इस टीम के सदस्य अरुण व संजय ने बताया कि उन्होंने पटाखे भी छोड़े और सुबह 11 बजे से लगातार तेंदुए की तलाश में जुटे रहे। राजस्थान के वन अधिकारी विजय केडिया ने बताया कि पैंथर को ढूंढ़ने के लिए टीम का गठन कर दिया गया है तथा चिरानी में अस्थाई चौकी भी बना दी गई है।
रविवार की सुबह भी नजर आया तेंदुआ
शिमला गांव के ही ग्रामीण सुंडाराम ने बताया कि रविवार सुबह सात बजे के करीब घूमने गया तो उसने कुलदीपक कॉलेज के पास जाटका बालाजी धाम की ओर से खांदका जोहड़ की तरफ एक जानवर को जाते हुए देखा। वह पीले रंग का था और लंबाई में अधिक था। इस जानवर ने धीरे-धीरे सड़क भी पार की। इसी तरह के जानवर को अल सुबह पांच बजे गांव रवां में भी एक महिला ने देखा। सुबह छह बजे के करीब बनबीर वाला जोहड़ के पास भी देखा गया था। इसी स्थान पर एक कुत्ता भी मरा हुआ पड़ा है। इस दहशत के माहौल में ग्रामीण घरों से कम ही निकल रहे है।
जिले में कई बार आया तेंदुआ
टहला के समीप ही मुकुंदपुरा गांव बसा है, जिसके साथ पहाड़ी लगती है। इस पहाड़ी के साथ लगती एक झोपड़ी से तेंदुए ने करीब दो साल पहले रात के समय करीब 40 भेड़ों को अपना शिकार बनाया था। इनमें से ज्यादातर भेड़ों को गला दबाकर मार दिया था और कईयों को काटकर जख्मी कर दिया था। साल 2021 में 22 जून को गर्मियों के दिनों में सुबह के समय शौच के लिए घर से बाहर खेतों की तरफ निकले दो ग्रामीण छोटेलाल एवं शीशराम पर हमला कर जख्मी कर दिया था। इसके बाद तो सप्ताह-दस दिन के अंतराल में तेंदुआ तीन-चार बार ग्रामीणों द्वारा देखा गया। इसके बाद 17 अगस्त 2021 की रात को नायन की ढाणी चीमा वाली में ग्रामीणों को जंगलात में मृत तेंदुआ मिला था। तब उक्त तेंदुए को किसी तहरीले जीव के काट लेने से मौत होने की आशंका जताई गई थी। इसके बाद अब साल 2022 की पहली जनवरी को दौखेरा गांव की पहाड़ियों में तेंदुए का तीन माह का एक शावक (बच्चा) मिला था।
क्या कहते हैं वन अधिकारी
नारनौल वन रेंजर अधिकारी रजनीश यादव ने बताया कि जिला की सीमा से सटे राजस्थान के गांव शिमला में तेंदुआ दिखाई देने की सूचना मिल रही है। इसी के आधार पर उस गांव से लगती हमारे जिला की सीमा के गांवों में अलर्ट के लिए विभागीय टीम लगाई गई है। हमारा इस ओर पूरा फोकस है।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS