Rohtak News : अशोक काका हत्याकांड में 11 हत्यारों को उम्रकैद, पौने सात साल बाद आया फैसला

हरिभूमि न्यूज : रोहतक। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राकेश कुमार की कोर्ट ने मंगलवार को कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष अशोक काका हत्याकांड में 11 दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई। कोर्ट से सजा का फैसला आते ही सभी दोषियों का मुंह उतर गया। इसके बाद भारी सुरक्षा के बीच दोषियों को जिला कारागार भेजा गया।
शिकायत पक्ष की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने पैरवी की। इस मामले में 40 गवाह अदालत में पेश हुए। ट्रायल के दौरान सौ से अधिक तारीखें मिली। कई दिनों तक कोर्ट में दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं में बहस चली। मामले में दो किशोर को भी जुवेनाइल मेजर मानते हुए सुनवाई की गई। हत्याकांड के बाद दोषियों से तीन हथियार बरामद हुए थे। महाजन पड़ाव में करीब सौ गज के मकान के लिए हत्या की गई। केस में मोबाइल कॉल डिटेल, लोकेशन समेत मौके के गवाह के बयान अहम साबित हुए। केस के ट्रायल से लेकर अब तक दोषियों को कोर्ट ने जमानत तक नहीं दी थी। इसके बाद कोर्ट ने 12 जनवरी को सभी आरोपितों को दोषी करार दिया था।
सिविल लाइन पुलिस को दी शिकायत में सर्राफा कारोबारी महेश वर्मा निवासी मॉडल टाउन ने बताया कि वह चार भाई हैं। अशोक कुमार उर्फ काका सबसे बड़े से छोटे थे। उनका सभी का मकान माॅडल टाउन में ही है। पहले वह चारों भाई महाजन पड़ाव में ही रहते थे। अशोक काका ने रेलवे रोड रोहतक पर एसएस ज्वेलर्स के नाम से शौरूम बनाया हुआ था। बाकि दोनों भाईयों के रेलवे रोड पर अलग शौरूम हैं। 22 अप्रैल 2016 की सुबह रोजाना की तरह वह, अशोक काका एवं राजकुमार डबल पार्क माॅडल टाउन में सैर के लिए गए थे। करीब सवा छह बजे अशोक उनसे आगे चल रहे थे। एक दम पार्क के गेट में से कई युवक अपने हाथों में हथियार लिए हुए भागते आए। उन्होंने आते ही अशोक पर गोलियां चला दी। उन्होंने शोर मचाया तो आरोपित फरार हो गए। वह अशोक को पीजीआई ले गए, जहां उनकी मौत हो गई। पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी।
इन पर चला केस : शिकायत पक्ष के वकील सुरेंद्र वर्मा ने बताया कि सभी तथ्यों को देखते हुए कोर्ट ने अशोक काका के भतीजे रेवाड़ी निवासी मनोज सोनी, संजय सोनी, करौथा निवासी वीरेंद्र उर्फ बिंदर, नेहरू कालोनी निवासी दीपक कोचर, बोहर निवासी अनिल नांदल, शौरा कोठी निवासी सतीश, टिटौली निवासी सुनील, किलोई निवासी पंकज हुड्डा और संदीप को सजा सुनाई है। इसके अलावा वारदात के समय दो आरोपित नाबालिग थे, जिन्हे जुवेनाइल मेजर मानकर ट्रायल चला। उन्हें भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। करीब पौने सात साल बाद कोर्ट का फैसला आया है।
किसे कितनी मिली सजा
< कोर्ट ने सभी दोषियों को हत्याकांड में बराबर का दोषी माना है। इसलिए सभी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। साथ ही 50-50 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना अदा नहीं करने पर छह-छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
< सुनील, संदीप व पंकज हुड्डा को गोली मारने और एक नाबालिग को उम्रकैद के अलावा भी अवैध हथियार में तीन-तीन साल की अतिरिक्त सजा सुनाई गई। इन पर 30-30 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया। जुर्माना अदा नहीं करने पर तीन माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।
< सुनील को धारा 201 में तीन साल कैद की सजा सुनाई गई जबकि 20 हजार जुर्माना लगाया गया। जुर्माना अदा नहीं करने पर उसे दो माह की सजा अतिरिक्त भुगतनी होगी।
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