30 वर्षीय बेटे की हत्या में बुजुर्ग माता-पिता को उम्रकैद की सजा, जानिए क्यों किया था अपनी ही औलाद का मर्डर

हरिभूमि न्यूज : सोनीपत
बरोदा थाना क्षेत्र में युवक की तेजधार हथियार से हमला कर हत्या करने के मामले में आरोपित मां-पिता को अदालत ने दोषी करार दिया है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. संजीव आर्य की अदालत ने दोनों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने दोनों पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। चाकू व दांत से हमला कर युवक की हत्या की गई थी।
गांव बनवासा निवासी प्रवीण ने 20 सितंबर, 2020 को पुलिस को बताया था कि उसका छोटा भाई पवन ( 30 ) उनके पिता रणधीर (70 ) व मां किताबो के साथ रहता था। उसने बताया था कि वह अपनी पत्नी व बच्चों के साथ छह साल से उनसे अलग रह रहा है। दोनों के मकान एक-दूसरे से सटे हैं। 20 सितंबर, 2020 को सुबह पिता रणधीर व मां किताबो ने घर का दरवाजा अंदर से बंद कर पवन पर तेजधार हथियारों से हमला कर दिया था। उनके घर से आ रहे शोर को सुनकर वह अपने भाई पवन के घर जाने लगा तो दरवाजा अंदर से बंद मिला था। प्रवीण छत के रास्ते उनके घर में दाखिल हुआ था। उसे पवन अंदर लहूलुहान हालत में पड़ा मिला था। रणधीर व किताबो के हाथ में तेजधार हथियार थे। उन्होंने प्रवीण से कहा था कि जो करना था वह कर दिया।
पवन की पीजीआई रोहतक में मौत हो गई थी। पुलिस ने प्रवीण के बयान पर उसके माता-पिता पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया था। मामले में कार्रवाई करते हुए तत्कालीन थाना प्रभारी बदन सिंह की टीम ने रणधीर व किताबो को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस की पूछताछ में आरोपितों ने शराब पीकर झगड़ा करने के चलते वारदात को अंजाम देने की बात कही थी। पुलिस ने दोनों की निशानदेही पर वारदात में प्रयुक्त चाकू व दाव को बरामद कर लिया था। उन्होंने पुलिस को बताया था कि वह बेटे की लगातार कलह से वह तंग आ चुके थे। जब वह सुबह उठकर कमरे से बाहर आया तो उन्होंने पहले ही मुख्य गेट को अंदर से बंद कर रखा था। उसके बाहर आते ही उस पर तेजधार हथियारों से हमला कर दिया था। जिससे वह संभल नहीं सका था। बाद में उसकी मौत हो गई थी। मामले में सुनवाई के बाद एएसजे डॉ. संजीव आर्य की अदालत ने दोनों को दोषी करार दिया। वीरवार को मामले में वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से फैसला सुनाते हुए दोनों को उम्रकैद व पांच-पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न देने पर दो माह अतिरिक्त कैद की सजा भुगतनी होगी।
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