Honor Killing Case : इज्जत के नाम पर बेटी की हत्या करने वाले पिता और चाचा को उम्रकैद

Honor Killing Case : इज्जत के नाम पर बेटी की हत्या करने वाले पिता और चाचा को उम्रकैद
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  • 35-35 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया, ना देने पर 15 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी
  • 2018 में राई पुलिस ने दर्ज किया था केस, 16 साल की बेटी की हत्या कर शव का कर दिया था संस्कार

सोनीपत। अदालत ने प्रेम प्रसंग में इज्जत के नाम पर बेटी की हत्या करने के मामले में सुनवाई करते हुए आरोपी पिता व रिश्ते में चाचा को दोषी करार दिया है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश शैलेंद्र सिंह की अदालत ने दोनों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। दोषियों पर 35-35 हजार रुपये जुमार्ना भी किया गया। जुमार्ना न देने पर 15 माह अतिरिक्त कैद की सजा भुगतनी होगी।

राई क्षेत्र के गांव निवासी व्यक्ति ने 4 अक्तूबर, 2018 को पुलिस को सूचना दी थी कि उनके पड़ोसी गांव में एक परिवार ने अपनी 16 साल की बेटी की हत्या कर शव को यमुना घाट पर ले जाकर दाह संस्कार कर दिया है। व्यक्ति का आरोप था कि 2 अक्तूबर, 2018 की रात को हत्या के बाद 3 अक्तूबर, 2018 को शव को जलाया गया था। इस मामले में पुलिस ने हत्या व शव को खुर्द बुर्द करने का मुकदमा दर्ज कर लिया था। मामले में किशोरी के पिता व रिश्ते में चाचा समेत अन्य को नामजद किया था। शिकायतकर्ता का का आरोप था कि उनके बेटे का किशोरी से प्रेम प्रसंग चल रहा था और किशोरी की मां ने पहले 27 सितंबर, 2018 को उनके बेटे पर दुष्कर्म के प्रयास का मुकदमा दर्ज करा दिया था। उनका बेटा व किशोरी उनके गांव स्थित स्कूल में एक साथ पढ़ते थे। जहां से उनका प्रेम प्रसंग हुआ था। जब उनके बेटे पर दुष्कर्म के प्रयास का मुकदमा दर्ज कराया गया था उस दिन उनके बेटे को किशोरी ने पुस्तक देने के लिए बुलाया था।

व्यक्ति ने आरोप लगाया था कि अब उसके परिजनों ने अपनी बेटी की हत्या कर दी है। मामले में शुरूआत में किशोरी के परिजनों ने उसकी प्राकृतिक मौत होने की बात कही थी। जिस पर राई थाना पुलिस ने हत्या व शव को खुर्द-बुर्द करने का मुकदमा दर्ज करने के बाद तत्कालीन थाना प्रभारी कुलदीप देशवाल की टीम ने किशोरी के आरोपी पिता व रिश्ते में चाचा को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने कहा था कि आरोपियों ने शुरूआती पूछताछ में बेटी की गला दबाकर हत्या करना कुबूल किया था। उन्होंने पुलिस को बताया था कि उनकी बेटी उनकी बात नहीं मान रही थी। नाबालिग होने के चलते उसकी शादी भी नहीं कर सकते थे। जिसके चलते ही उसकी हत्या की थी।

मामले की सुनवाई के बाद वीरवार को अदालत ने किशोरी के पिता व रिश्ते में चाचा को दोषी करार दिया है। अदालत ने दोनों दोषियों को भादंसं की धारा 302 में कठोर उम्रकैद व 25 हजार रुपये जुमार्ना तथा धारा 201 में तीन साल की कैद व 10 हजार रुपये जुमार्ने की सजा सुनाई है।

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