सोनीपत कोर्ट का बड़ा फैसला : दिल्ली पुलिस कर्मी व उसके पिता की हत्या में एक ही परिवार के पांच लोगों को उम्रकैद, जानें पूरा मामला

सोनीपत कोर्ट का बड़ा फैसला : दिल्ली पुलिस कर्मी व उसके पिता की हत्या में एक ही परिवार के पांच लोगों को उम्रकैद, जानें पूरा मामला
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सोनीपत के गांव गोरड़ के शोभराम ने 1 जुलाई, 2017 को खरखौदा थाना पुलिस को बताया था कि परिवार में उसके रिश्ते के चाचा सोमबीर व परशुराम के परिवार संग उनका जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। इसी विवाद में उसके भाई और पिता की हत्या कर दी गई थी।

हरिभूमि न्यूज : सोनीपत

खरखौदा थाना क्षेत्र के गांव गोरड़ में दिल्ली पुलिस के जवान व उसके पिता की जमीनी विवाद के चलते हत्या करने के आरोपितों को अदालत ने दोषी करार दिया है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश देविंद्र सिंह की अदालत ने सगे भाइयों व उनके भांजे समेत पांच लोगों को उम्रकैद व एक को शरण देने में तीन साल कैद की सजा सुनाई है। पांचों दोषियों पर 75-75 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है।

गांव गोरड़ के शोभराम ने 1 जुलाई, 2017 को खरखौदा थाना पुलिस को बताया था कि परिवार में उसके रिश्ते के चाचा सोमबीर व परशुराम के परिवार संग उनका जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। वह 1 जुलाई 2017 को अपने पिता ईश्वर व भाई प्रविंद्र और कुलदीप के साथ खेत में गए थे। उसका भाई प्रविंद्र दिल्ली पुलिस का जवान था। इसी दौरान उसके रिश्ते में चाचा परशुराम का बेटा स्वर्ण सिंह, देवेंद्र व उनका भांजा गांव आहुलाना निवासी नवीन, चाचा सोमबीर और ओमबीर तथा उनके परिवार के अन्य सदस्य खेत में आए। उन्होंने जमीन के विवाद में उस पर गोली चलाई थी जिसमें वह बच गया था। बाद में स्वर्ण व देवेंद्र ने उसके पिता ईश्वर व भाई प्रविंद्र को गोलियां मार दी। नवीन ने उसके पिता के सिर में कस्सी से वार किया था। अन्य ने भी उन पर वार किए थे। कुलदीप मौके से जान बचाकर भाग गया था। इसमें प्रविंद्र व उसके पिता ईश्वर की मौत हो गई थी।

पुलिस ने गांव गोरड़ निवासी राजबीर व उसके भाई सोमबीर तथा स्वर्ण व उसके भांजे नवीन सहित परशुराम को आरोपितों को शरण देने के आरोप में गिरफ्तार किया था। स्वर्ण का भाई देवेंद्र लंबे समय तक फरार रहा था। उसकी गिरफ्तारी पर पांच हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था। बाद में उसे साथियों सहित पकड़ा गया था। वह उस समय दोहरे हत्याकांड में गवाह शोभाराम की हत्या का षड्यंत्र रच रहा था। अदालत ने सोमबीर व उसके भाई राजबीर, उनके परिवार के ही स्वर्ण व उसके भाई देवेंद्र और भांजे नवीन को हत्या में दोषी करार दिया है। उन्हें भादंसं की धारा 302 में उम्रकैद व 50 हजार रुपये जुर्माना, 307 में सात साल कैद व 20 हजार रुपये जुर्माना तथा 148 व 149 में दो साल कैद व पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। वहीं स्वर्ण व देवेंद्र के पिता परशुराम को शरण देने का दोषी करार दिया है। उसे तीन साल कैद व एक हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।

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