LIVE ड्रामा : फेसबुक पर लाइव होकर पानी की टंकी पर चढ़ा गेस्ट टीचर, उतरने के लिए मनाती रही पुलिस, यह थी मांग

LIVE ड्रामा : फेसबुक पर लाइव होकर पानी की टंकी पर चढ़ा गेस्ट टीचर, उतरने के लिए मनाती रही पुलिस, यह थी मांग
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समस्त अध्यापक संघर्ष समिति के बेनर तले पिछ्ले करीब दस दिन से मांगों को लेकर गेस्ट टीचरों के चल रहे धरने में शनिवार को एक गेस्ट टीचर ने शोले फिल्म के वीरू की तरह पानी की टंकी पर चढ़ कर ड्रामा कर दिया।

हरिभूमि न्यूज : यमुनानगर

समस्त अध्यापक संघर्ष समिति के बेनर तले पिछ्ले करीब दस दिन से मांगों को लेकर गेस्ट टीचरों के चल रहे धरने में शनिवार को एक गेस्ट टीचर ने शोले फिल्म के वीरू की तरह पानी की टंकी पर चढ़ कर ड्रामा कर दिया। उसने मांगें पूरी नहीं किए जाने पर नीचे कूदकर जान देने की धमकी दे दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और उसे नीचे उतरने के लिए कई घंटे मिन्नतें करती रही। इसके बाद गेस्ट टीचर के गांव निवासी पुलिस में तैनात अजय कलीरमण ने टंकी पर चढ़कर राजकुमार को समझाकर नीचे उतारा। जिसके बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली।

जानकारी के मुताबिक शनिवार शाम लाडवा निवासी गेस्ट टीचर राजकुमार कलीरमण जगाधरी में जन स्वास्थ्य विभाग के एसडीओ कार्यालय के प्रांगण में लगी पानी की टंकी पर चढ़ गया। इस बारे में धरना स्थल पर बैठे गेस्ट टीचरों को तब पता चला जब उसने टंकी पर चढ़कर अपनी फेसबुक पर लाइव किया। इसके बाद अतिथि अध्यापक घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होने मौके पर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मौके पर अतिथि अध्यापक संघ के जिला प्रधान पारस शर्मा ने राजकुमार कलीरमण को नीचे उतारने की मिन्नतें की, लेकिन वह नहीं उतरा। पुलिस भी मौके पर पहुंचकर उसे नीचे उतरने की अपील करती रही।

गत 23 दिसंबर से बैठे धरने पर

अतिथि अध्यापक संघर्ष समिति का नेशनल हाईवे पर अग्रसेन चौक के पास गत 23 दिसंबर से धरना चल रहा है। अतिथि अध्यापक पक्का किए जाने की मांग को लेकर दिन रात धरना दे रहे हैं। इसके साथ ही सर्विस रूल बुक व कैशलेस मेडिकल की फैसिलिटी की भी मांग कर रहे हैं। कई दौर की वार्ता के बाद मांगों पर सहमति बनी है, लेकिन अतिथि अध्यापक लिखित पत्र दिए जाने की मांग पर अड़े हैं।

15 सितंबर 2022 को सेवानिवृत्त होगा राजकुमार

कुरुक्षेत्र के लाड़वा निवासी गेस्ट टीचर 15 सितंबर 2022 को सेवानिवृत्त हो रहा है। राजकुमार का कहना है कि सरकार पहले भी मांगों को लेकर सहमति दे चुकी है, लेकिन कोई लिखित पत्र जारी नहीं किया गया। इस बार भी सरकार उनकी मांगों को लेकर गंभीर नहीं है। सेवानिवृत्ति पर उन्हें खाली हाथ घर जाना पड़ेगा। इससे अच्छा है कि वह आत्महत्या कर ले।

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