बिजली उपभोक्ताओं को लगाया चूना : E-pay के कर्मचारियों ने बिल की राशि जमा करवाने की बजाय खुद हड़पी, ऐसे हुआ खुलासा

हरिभूमि न्यूज. नारायणगढ़ ( अंबाला )
उपभोक्ताओं के बिजली के बिल की राशि हड़पने के मामले में पुलिस ने एक प्राईवेट कंपनी के कर्मचारियों के खिलाफ साजिशन ठगी का मामला दर्ज का है। अब पुलिस आरोपी कर्मचारियों को तलाश रही है। बिजली निगम के एसडीओ अजीत सिंह ने पुलिस को दी शिकायत में बातया कि उनके विभाग की ओर से मैसर्ज ईपे इंफोसर्व कंपनी को को बिजली के बिल जमा करने का ठेका दिया हुआ था। उपभोक्ताओं के बिजली के बिल जमा करने के लिए उक्त कंपनी के कर्मचारियों ने बिजली विभाग के कार्यालय में अपना काउंटर लगाया हुआ था। उन्होंने कहा कि कंपनी के कर्मियों ने 18 उपभोक्ताओं से बिलों की राशि लेकर उनको झूठी रसीद देकर 1,21,725 रुपये का गबन किया है। इसका पता उपभोक्ताओं के पास गए नए बिल में पिछली राशि जुड़कर आने के बाद पता चला है। कंपनी के कर्मचारियों न साजिशन इन उपभोक्ताओं के साथ ठगी की है। इसी आधार पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुजिस की मानें तो गहन जांच के बाद आरोपियों को काबू कर लिया जाएगा।
ई-पे कंपनी के मालिक के खिलाफ मामला दर्ज
खरखौदा। उपभोक्ताओं से पैसे लेकर उन्हें बिजली निगम के खाते में जमा न करवाने पर बिजली निगम की तरफ से ई-पे कंपनी के मालिक के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया गया है। बिजली निगम के खाते में साढ़े सात लाख रुपये की राशि जमा नहीं करवाई गई है। मामला दर्ज कर फरमाणा चौकी पुलिस जांच कर रही है। बिजली निगम, फरमाणा की तरफ से दी गई शिकायत में कहा गया है कि उनके बिजली उपभोक्ताओं ने आकर शिकायत की थी कि उनके बिलों में गड़बड़ी है, जांच करने पर पता चला कि बिजली उपभोक्ताओं ने बीते समय में बिल जमा करवाए थे । उपभोक्ताओं की राशि को ई-पे कंपनी के द्वारा बिजली निगम के खाते में जमा नहीं करवाया गया है। जिसके चलते अब बिजली उपभोक्ताओं के बिल ज्यादा आ रहे हैं। जांच में यह धोखाधड़ी सामने आने पर बिजली निगम की तरफ से ई-पे कंपनी के मालिक के खिलाफ फरमाणा चौकी में शिकायत देते हुए धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया गया है। पिछले दिनों खरखौदा में भी ऐसा ही मामला सामने आने पर इसी कंपनी के कर्मचारियों के खिलाफ मामले दर्ज करवाए गए थे। जबकि अब कंपनी मालिक को आरोपी बनाते हुए शिकायत दर्ज करवाई गई है। जांच में बिजली बिल की राशि निगम के खाते में जमा न होने के और मामले भी सामने आ सकते हैं।
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