प्रेमी जोड़ों को प्रोटेक्शन लेने के लिए कराना होगा काेरोना टेस्ट, रिपोर्ट निगेटिव मिलने पर ही मिलेगी पुलिस सुरक्षा

विजय अहलावत : रोहतक
प्रेम विवाह करने वाले युवाओं को पुलिस प्रोटेक्शन के लिए अदालत में आने से पहले कोरोना टेस्ट करवाना होगा। रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही अदालत में उनकी फरियाद पर सुनवाई होगी और फिर उन्हें प्रोटेक्शन हाउस भेजने के आदेश दिए जाएंगे। अगर रिपोर्ट पॉजिटिव मिली तो प्रेमी जोड़ाें को फिलहाल पुलिस सुरक्षा नहीं दी जाएगी। पहले उन्हें अपना उपचार करवाना होगा। तलाक के मामलों में अदालत में पेश होने वाले दंपत्ति को भी अपनी कोरोना रिपोर्ट लेकर आना होगा।
इस समय अदालत में केवल जरूरी मामलों, स्टे मैटर, बेल और नए मुकदमों में ही सुनवाई हो रही है। लम्बित मामलों में अभी आगामी तारीख दी जा रही है। अदालत में वकीलों को ही प्रवेश की अनुमति है। वकीलों के साथ अदालत में जाने वाले व्यक्तियों की कोरोना रिपोर्ट लेकर जाना होगा। अदालत ने 20 अप्रैल से लम्बित मामलों पर सुनवाई करने पर रोक लगाई हुई है। कोरोना महामारी शुरू हाेने के बाद अदालत में दो न्यायाधीश समेत कई कर्मचारी कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। अदालत में सुनवाई के दौरान पूरे एहतियात बरते जा रहे हैं। किसी भी व्यक्ति को बिना मास्क प्रवेश की अनुमति नहीं है।
वीडियो कॉल से हो रही पेशी
चोरी, लूट, डकैती, हत्या जैसे मामलों में गिरफ्तार किए जा रहे अधिक्तर आरोपित काेरोना पॉजिटिव पाए जा रहे हैं। इसलिए आरोपितों की कोर्ट में पेशी बंद कर दी गई है। महामारी की वजह से वीडियो कॉल पर ही आरोपितों की पेशी हो रही हैं। जिसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा जा रहा है। जो आरोपित कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे हैं, उन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है।
तय समय वाले मामलों में होगी सुनवाई
जिन मामलों में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने आदेश दिए हैं कि तय समय में केस की सुनवाई की जाए। केवल उन मामलों में ही इस दौरान सुनवाई की जाएगी। जरूरत पड़ने पर अदालत के आदेशों पर गवाह भी पेश किए जा सकते हैं, बस उनकी कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव होनी चाहिए। इसके अलावा किसी भी जरूरी मामले में निगेटिव रिपोर्ट के साथ ही पेशी हो सकती है।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने दिए थे आदेश
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने कोरोना महामारी के चलते हाल ही में आदेश जारी किए थे। हाईकोर्ट ने कहा कि कोर्ट में कोरोना वायरस पॉजिटिव आ रहे हैं। यह देखते हुए कि हरियाणा में कोर्ट नियमित रूप से प्रभावी ढंग से काम नहीं कर पा रहे हैं। जब तक कानून व्यवस्था पर संकट नहीं है तब तक छोटे-मोटे अपराधों में आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं की जाए। साथ ही जून के अंत तक पैरोल और अंतरिम जमानत जारी रखी जाएं। इसके अलावा कोर्ट में केवल जरूरी मामले, बेल और पेशी पर ही सुनवाई करने के निर्देश दिए गए थे। वकीलों को दिशा निर्देश जारी किए गए थे।
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