Navaratri : आस्था का प्रतीक है मां बाला सुंदरी मंदिर, नवरात्रों में दर्शन के लिए दूरदराज से पहुंच रहे हैं श्रद्धालु, जानिए इससे जुड़ी कितवंती

हरिभूमि न्यूज. मुलाना (अंबाला)
अंबाला जगाधरी मार्ग पर स्थित मुलाना में मां बाला सुंदरी मंदिर धार्मिक आस्था का प्रतीक है। यहां पर पहले नवरात्रे से लेकर चतुर्दशी तक विशाल मेले का आयोजन होता है। इस बार 2 अप्रैल पहले नवरात्रे से चतुर्दशी तक मेले का आयोजन हुआ। 8 अप्रैल को रात्रि को मंदिर में हवन यज्ञ होगा 9 अप्रैल को अष्टमी मनाई जाएगी। यहां के बारे में कहा जाता है की जो श्रद्धालु माता बाला सुंदरी के दर पर कुछ मांगता है तो मां बाला सुंदरी उस की हर मन्नत पूरी करती है। मन्नत पूरी होने के बाद श्रद्धालु दण्डवत प्रणाम करते हुए मां के दर पर आते है और मंदिर परिसर में भंडारा देते है। इन नवरात्रो के दिनों माता के मंदिर में श्रद्धालु लंबी लंबी कतारों में खड़े होकर माता के जय जयकारे लगाते हुए दर्शन करते है। बताते है कि बाला सुंदरी मंदिर का इतिहास सदियों पुराना है।
यह दंत कथा प्रचलित
यहां के बारे में एक दंत कथा प्रचलित है कि एक बार गांव में प्लेग की भयानक बीमारी फ़ैल गई थी तथा लोग इस बीमारी से भयग्रस्त थे। प्लेग की चपेट में आने से गांव में हर रोज मौते हो रही थी। कहते है कि गांव के लोग दाह संस्कार कर के लौटते ही थे कि कोई न कोई व्यक्ति तब तक गांव में मृत अवस्था में मिलता था। पूरे गांव में प्लेग की भयकंर बीमारी ने लोगो में भय पैदा कर रखा था। तभी इसी दौरान गांव के साथ लगती मारकंडा नदी में से एक चूड़िया बेचने वाला गुजर रहा था तो रास्ते में उसे एक कन्या दिखाई दी । वह कन्या दौड़ कर उस चूड़ी बेचने वाले के समीप आई और उस कन्या ने उस से चूड़ी पहनाने की जिद की। उस की जिद को देख कर चूड़ी बेचने वाले व्यक्ति ने उसकी दोनों बाजुओं में चूड़ी पहना दी तभी उस कन्या ने तीसरी बाजू भी आगे कर दी।इस घटना से चूड़ी बेचने वाला घबरा गया तथा वहां से आकर उस ने यह बात गांव के लोगों को बताई तो लोगो ने उसे समझाया कि घबराने की आवश्यकता नहीं है। कन्या के रूप में दिए दर्शन मां भगवती का अवतार है ।गांव में मां भगवती का आगमन हो चुका है अब शीघ्र ही सब कुछ ठीक हो जाएगा। कहते है कि उसी रात मां बाला सुंदरी ने गांव के नंबरदार के स्वप्न में आकर एक स्थान दिखाते हुए कहा कि इस स्थान पर 5 ईंट रख कर उस के भवन का निर्माण करवाया जाए। अगली सुबह ऐसा करते ही गांव से प्लेग की भयंकर बीमारी ख़त्म हो गई।
15 लाख रुपये गुप्त दान दे गया श्रद्धालु
माता बाला सुंदरी मंदिर में एक श्रद्धालु लाखों रूपयों का गुप्त दान माता के चरणों मे अर्पित कर गया है। इस बार माता बाला सुंदरी मंदिर में महामायी बाला सुंदरी जी की दिव्य पिंडी को करीब 36 किलो चांदी से बने भव्य दरबार में सुशोभित किया गया है । इसके लिए एक श्रद्धालु ने गुप्त दान कर खर्च वहन किया है। मंदिर कमेटी सचिव अशोक राणा ने बताया कि करीब 36 किलो चांदी से माता जी का दरबार बनाया गया है । जिसपर करीब 30 लाख रूपए का खर्च आया है। जिसमें 15 लाख रुपये श्रद्धालु द्वारा दान दिया व कुछ चांदी माता पर चढ़ावे के रूप में चढ़ी हुई प्रयोग की गई । बाकी चांदी मंदिर कमेटी ने खरीदी है । जिससे माता की भव्य
यह रहेगा मंदिर का कार्यक्रम
मंदिर कमेटी के प्रधान सोमप्रकाश व सचिव अशोक राणा ने बताया कि मंदिर में चौदह दिवसीय नवरात्र मेला 2 अप्रैल से आरंभ हो गया जो 16 अप्रैल तक जारी रहेगा । इस दौरान 8 अप्रैल को सप्तमी वाले दिन मंदिर प्रांगण में हर साल की तरह हवन यज्ञ होगा । वहीं 9 अप्रैल को रामायण पाठ होगा। मां भगवती के जागरण का आयोजन 14 अप्रैल को किया जाएगा। 16 अप्रैल को पूर्णिमा पर हनुमान जयंती भी मनाई जाएगी। 15 व 16 अप्रैल को कुश्ती दंगल का आयोजन होगा। जिसमें पहलवान अपना दम दिखाएंगे। इसके अलावा मेले में श्रद्धालुओं के लिए मंदिर में ठहरने की व्यवस्था की गई है।
पिंडी रुप में विराजमान मां बाला सुंदरी।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS