किसान आंदोलन के खिलाफ सोनीपत में महापंचायत, हरियाणा के 24 और दिल्ली के 15 गांवों के लोगों ने लिए यह तीन निर्णय

हरिभूमि न्यूज. सोनीपत
तीन कृषि कानूनों के विरोध में सिंघु बॉर्डर पर करीब सात महीने से चल रहे किसान आंदोलन के कारण होने वाली परेशानियों को लेकर राष्ट्रवादी परिवर्तन मंच ने रविवार को महापंचायत का आयोजन किया। गांव सेरसा में आयोजित महापंचायत की अध्यक्षता हेमंत नांदल ने की। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन से होने वाली परेशानियों को लेकर राष्ट्रवादी परिवर्तन मंच द्वारा करीब दो महीने से एक रास्ते की मांग की जा रही हैं, लेकिन उनकी मांगों की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया।
इन समस्याओं से निजात पाने के लिए महापंचायत में सर्व सहमती से आंदोलनकारियों एवं सरकार को एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया गया। अगर आगामी सप्ताह में प्रशासन और प्रदेश सरकार द्वारा एक तरफ का रास्ता खाली नहीं किया जाता है तो आगे होने वाली परिस्थितियों के लिए आंदोलनकारी और प्रदेश सरकार ही जिम्मेदार होंगे। महापंचायत में सोनीपत के करीब 24 गांव, दिल्ली के 15 गांव के प्रतिनिधि व आसपास के अलग-अलग क्षेत्रों के करीब 700 की संख्या में प्रभावित लोग एकत्रित हुए।
महापंचायत में लिए यह तीन निर्णय
1. महापंचायत की अध्यक्षता कर रहे हेमंत नांदल ने कहा कि स्थानीय लोगों का आपसी सद्भावना का माहौल बना रहे और सिंघु बॉर्डर बंद होने से हो रहे नुकसान को कुछ कम किया जा सके, इसके लिए महापंचायत सर्व सहमति से आंदोलनकारियों एवं सरकार को एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया है। अगर आगामी सप्ताह में प्रशासन और प्रदेश सरकार द्वारा एक तरफ का रास्ता खाली नहीं किया जाता है तो आगे होने वाली परिस्थितियों के लिए आंदोलनकारी और प्रदेश सरकार ही जिम्मेदार होंगे।
2. दूसरा निर्णय यह लिया गया कि अगर बॉर्डर पर कोई हिंसा होती है तो इसके लिए स्थानीय लोगों के साथ मिलकर कमेटी बनाई जाएगी। जिसमें दोषी को कड़ी सजा मिल सके और समझौते का कोई प्रावधान ना हो।
3. तीसरा निर्णय लिया कि अक्सर आंदोलनकारियों द्वारा स्थानीय लोगों को परेशान करने के लिए बेरिकेडिंग लगा दी जाती है, उसका विरोध किया जाएगा। क्योंकि बेरिकेडिंग का अधिकार केवल पुलिस के पास ही होना चाहिए।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS