घरौंडा में महापंचायत : किसान बोले- सरकार से लिया जाएगा चोट का बदला, 6 तक का दिया अल्टीमेटम, देखें क्या मांगें की गई

हरिभूमि न्यूज : घरौंडा ( करनाल )
बसताड़ा टोल प्लाजा पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में घरौंडा की नई अनाज मंडी में किसान महापंचायत हुई। जिसमें भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने सरकार के सामने रायपुरजाटान के मृतक किसान के परिवार को 25 लाख रुपये व मृतक के बेटे को सरकारी नौकरी देने तथा लाठीचार्ज में घायल हुए किसानों को दो-दो लाख रुपये का मुआवजा दिए जाने की मांग रखी है। किसान नेता ने एसडीएम सहित अन्य अधिकारियों के खिलाफ अपराधिक मामले दर्ज किए जाने की डिमांड की। दोनों मांगों के लिए किसान यूनियन ने छह सितंबर का समय सरकार को दिया है। सरकार छह सितंबर तक मांगें पूरी नहीं करती है तो सात सितंबर को करनाल की नई अनाज मंडी में एक बड़ी पंचायत होगी। जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी। इसके साथ ही इन सभी मांगों का जिक्र और आगे की रूपरेखा संयुक्त किसान मोर्चा के सामने रखी जाएगी।
लाठीचार्ज की घटना से रोषित हरियाणा, पंजाब और यूपी के किसान नेताओं ने सरकार और पुलिस प्रशासन को जमकर कोसा और सरकार के रवैये को लेकर नारेबाजी भी की। करीब 12 बजे किसान महापंचायत शुरू हुई और करीब तीन बजे संपन्न हुई। शुरूआती दौर में ही किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने किसानों से दो सवाल किए और उन पर किसानों की राय जानी। चढूनी ने मंच के माध्यम से किसानों से पहला सवाल किया कि किसानों पर लाठीचार्ज का आदेश देने वाले आईएएस अधिकारी और आदेशों का पालन करते हुए किसानों पर लाठी चलाने वाले पुलिस इंस्पेक्टरों के खिलाफ क्या कार्रवाई होनी चाहिए। दूसरा, क्या किसान आरपार की लड़ाई लडऩे के लिए तैयार है।
इन दोनों सवालों किसानों ने हाथ उठाकर समर्थन किया और आर पार की लड़ाई लडऩे का समर्थन किया। इसके बाद चढूनी ने किसान नेताओं के साथ मंडी में किसी दुकान पर ही करीब दो घंटे तक गुप्त बैठक की और तीन बड़े फैसले लिए। इन फैसलों में रायपुर जाटान के मृतक किसान सुशील काजल के परिवार को 25 लाख के मुआवजे, मृतक के बेटे को सरकारी नौकरी, लाठीचार्ज करने वाले अधिकारियों और इंस्पेक्टरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई किए जाने की मांग शामिल है। तीसरे फैसले में चढूनी ने हरियाणा के किसान संगठनों को एकत्रित होकर संयुक्त किसान मोर्चा के आगे बात रखने की बात रखी है। चढूनी ने स्पष्ट किया कि यदि सरकार छह सितंबर तक मृतक परिवार को मुआवजा, सरकारी नौकरी और प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई अमल में नहीं लाती है तो सात सितंबर को करनाल में मीटिंग होगी और उसके बाद जिला सचिवालय का घेराव कर देंगे।
मंच से बोले किसान : किसानों की चोट का लिया जाएगा बदला
किसान नेता राजकौर गिल ने कहा कि जिन किसानों को चोटें लगी है, उनकी एक एक चोट का बदला लिया जाएगा। इस पंचायत में जो भी फैसला होगा, चाहे वो गोली खाने का हो तो भी वह सबसे पहले गोली खाइगी। किसान नेता सोमबीर सांगवान ने कहा कि बसताडा जैसी घटना लोकतंत्र में आज तक नहीं घटी। अधिकारी के खिलाफ हत्या का केस दर्ज करके जेल में भेजना चाहिए। किसान नेता अभिमन्यू कुमार ने कहा कि किसान कौम आज रण के मैदान में खड़ी है। इसमें भाषण नहीं दिया जाता। इस मट्टिी के किसानों ने सबसे पहले हरियाणा में सीएम का हेलीकॉप्टर नहीं उतरने दिया था। इनके साथ पूरा हरियाणा ही नहीं पूरे देश का किसान है। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन किसी नेता व यूनियन का होने से पहले 80 करोड़ किसानों का ही रहना चाहिए। इस महापंचायत के फैसले को तो लागू करेंगे, साथ ही पांच सितंबर की यूपी पंचायत में योगी व मोदी को सबक सिखाएंगे।
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