यमुना किनारे बसे 40 गांवों की महापंचायत : बाढ़ प्रभावित किसानों को प्रति एकड़ 50 हजार रुपये मुआवजा दे सरकार

यमुना किनारे बसे 40 गांवों की महापंचायत : बाढ़ प्रभावित किसानों को प्रति एकड़ 50 हजार रुपये मुआवजा दे सरकार
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किसान महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) में सभी गांवों के किसानों ने जातिवाद व पार्टी बाजी से ऊपर उठकर एकजुट होकर अपने हकों की लड़ाई लड़ने का फैसला लिया है।

Panipat News : पानीपत के यमुना नदी किनारे बसे 40 गांवों के किसानों ने रविवार को बाढ प्रभावित किसानों को मुआवजा देने की मांग को लेकर गांव सनौली खुर्द के मंदिर परिसर में महापंचायत की। महापंचायत की अध्यक्षता पत्थरगढ के सबसे बुजुर्ग किसान मौलवी हारूण ने की।

किसान महापंचायत में तीन प्रमुख मुद्दों यमुना से सटे सभी गांवों की शामलात की भूमि को मलकीयत में करने, यमुना का तटबंध टूटने से करीब एक दर्जन गांवों के किसानों की हजारों एकड़ बर्बाद हुई फसल की दो दिन में विशेष गिरदावरी करवाकर 50 हजार रूपए प्रति एकड़ मुआवजा देने और हरिद्वार हाईवे पर गांव तामशाबाद के पास बने एनएचएआई के टोल पर आसपास के गांवों के लिये अलग से फ्री वाली लेन बनाने पर चर्चा की गई।

वहीं किसान महापंचायत में सभी गांवों के किसानों ने जातिवाद व पार्टी बाजी से ऊपर उठकर एकजुट होकर अपने हकों की लड़ाई लड़ने का फैसला लिया है। यमुना सुधार समिति के प्रदेशाध्यक्ष एवं किसान रतन सिंह रावल एडवोकेट ने कहा कि गांव राणा माजरा से लेकर हथवाला तक यमुना के आसपास के करीब 40 गांवों में शामलात की भूमि है और सरकार ने इस शामलात की भूमि को पंचायतों को देने का फैसला लिया गया, जबकि यमुना खादर की जमीन दूसरी शामलात वाली जमीन से अलग है। किसानों ने करीब तीन माह पहले सांसद संजय भाटिया को ज्ञापन सौंपा था और उन्होंने मुख्यमंत्री से मिलकर शामलात वाली जमीन का समाधान करवाने का आश्वासन दिया था लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ है।

उन्होंने कहा कि पिछले माह 11 जुलाई को यमुना का तटबंध टूटने से करीब एक दर्जन गांवों के किसानों की करीब छह हजार एकड फसल बर्बाद हुई है लेकिन सरकार व प्रशासन ने तो आज तक उस खराब हुई फसल की गिरदावरी तक नहीं करवाई गई। महापंचायत में फैसला लिया गया कि किसानों की बाढ से खराब हुई फसल की सिर्फ दो दिन में विशेष गिरदावरी करवाई जाये और किसानों को खराब फसल का 50 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए। वहीं हरिद्वार हाईवे पर गांव तामशाबाद के पास बनाये गये टोल पर आसपास के सभी गांव के ग्रामीणों को छूट दी जाए और उनके लिए अलग से लेन बनाई जाए। रावल ने कहा कि अब टोल से गुजरते वक्त कारों पर लगे फास्ट टैग से रुपये कट जाते है।

रतन सिंह रावल ने कहा कि किसानों का प्रतिनिधिमंडल सोमवार को सांसद संजय भाटिया और उपायुक्त वीरेंद्र दहिया से मिलकर अपनी मांग रखेगा। उन्होंने चेताया कि यदि सरकार व प्रशासन ने उनकी मांग को पूरा नहीं किया तो जिला मुख्यालय सहित बापौली तहसील कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा। उसके उपरांत भी सरकार ने किसानों की कोई सुनवाई नही की तो जल्द ही दोबारा से किसान महापंचायत करके आने वाले लोकसभा व विधानसभा चुनाव बहिष्कार करने का फैसला लिया जाएगा।

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