सोनीपत में किसानों की महापंचायत : किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों को किया सम्मानित

सोनीपत में किसानों की महापंचायत : किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों को किया सम्मानित
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किसान महासभा में पंजाब और हरियाणा के किसान शामिल हुए हैं। सिदपुर भारतीय किसान यूनियन पंजाब के अध्यक्ष किसान नेता जगजीत सिंह दलेवाल ने कहा कि सरकार जुमलेबाजी करती है जो वादे किए जाते हैं उनको पूर्ण नहीं करती है लेकिन किसान हार मानने वाले नहीं हैं।

साेनीपत ( राई)। गैर राजनीतिक संयुक्त किसान मोर्चा ने रविवार को राजीव गांधी एजुकेशन सिटी परिसर में पंजाब और हरियाणा के किसानों ने एकत्रित होकर किसान आंदोलन के दौरान अपनी जाने गवाने वाले सभी किसानों को श्रद्धांजलि देकर उन्हें नमन किया गया और किसानों के ऊपर दर्ज किए गए केशव को भी वापस लेने की मांग के साथ साथ एमएसपी गारंटी कानून की मांग की।

किसान महासभा में पंजाब और हरियाणा के किसान शामिल हुए हैं। सिदपुर भारतीय किसान यूनियन पंजाब के अध्यक्ष किसान नेता जगजीत सिंह दलेवाल ने कहा कि सरकार जुमलेबाजी करती है जो वादे किए जाते हैं उनको पूर्ण नहीं करती है लेकिन किसान हार मानने वाले नहीं हैं। किसानों ने जो मान उस दौरान सरकार से की थी एमएसपी दी जानी थी वह भी नहीं मिल पाई और लखीमपुर खीरी में जो किसान मारे गए थे उनको भी अभी तक न्याय नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले साल 11 नवंबर 2021 को किसान दिल्ली की सीमाओं को खाली कर फतेह मार्च करते हुए घर निकल गए थे क्योंकि सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को रद्द कर दिया था और किसानों की सभी मांगों पर सहमति जता दी थी महापंचायत में सरकार को चेताया कि अगर सरकार ने उनकी जो मांगे मानी थी उन्हें जल्द से जल्द पूरा नहीं किया तो एक बार फिर से किसान आंदोलन को उसी तरह का आगाज़ दिया जाएगा जोकि किसान आंदोलन से भी ज्यादा मजबूत होगा, किसानों ने इस महापंचायत की शुरूआत किसान आंदोलन में जान गवांने वाले किसानों को श्रद्धांजलि देते हुए की और समाप्ति उनके परिवारों को सम्मानित करते हुए।

किसान नेता दलेवाल ने कहा कि राजनीतिक लोगआंदोलन करने वाले किसानों को अलग कर अपना फायदा उठा रहे हैं । एसवाईएल का मुद्दा भी गैर राजनीतिक संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत में उठाते हुए दलेवाल ने कहा कि एसवाईएल का मुद्दा है वह भी राजनीतिक लोग अपने फायदे को लेकर इसे जिंदा रखे हुए हैं। राजनीतिक फायदे के चलते पंजाब और हरियाणा के किसानों को लड़ाया जा रहा है। किसानों ने साफ किया कि जब तक संपूर्ण किसानों की मांगें पूर्ण नहीं होंगी किसान हार मानने वाले नहीं हैं। शारदा जमना लिंक नहर पर कार्य हो जाता तो कभी भी पानी के विषय को लेकर हरियाणा और पंजाब का झगड़ा नहीं होता। अभिमन्यू कुहाड़, इन्द्रजीत पंजाब, सतीश सरोहा, आतिंल खाप के प्रधान हवासिंह आंतिल, बाबा सुखदीप, सुदेश कंडेला, रमेश आंतिल आदि किसान नेता मौजूद थे।

राष्ट्रपति के नाम जिला प्रशासन को अपनी मांगों को लेकर सौंपे ज्ञापन में चेताया

किसानों ने जिला प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति को अपनी मांगों का एक मांग पत्र भी सौंपा विश्व में किसानों ने मांग रखी कि लखीमपुर खीरी में किसानों को न्याय दिया जाए जेल में बंद किसानों को रिहा किया जाए, केंद्रीय गृह राह्णय मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त किया जाए, स्वामीनाथन आयोग के फामूर्ले पर एमएसपी गारण्टी कानून बनाया जाए, किसानो को पूर्ण कर्ज मुक्त किया जाए, किसानों की जमीन का भूमि अधिग्रहण 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून के तहत किया जाए,मुक्त व्यापार समझौते पर रोक लगाई जाए किसानों ने सरकार को चेताया कि अगर किसानों की इन मांगों को जल्द से जल्द पूरा नहीं किया गया तो एक बार फिर से किसान आंदोलन वह शुरू कर देंगे और अब की बार किसान आंदोलन से भी ज्यादा समय अगर उन्हें दिल्ली की सीमाओं पर रुकना पड़े तो वो पीछे नहीं हटने वाले।

जल्द से जल्द बैठक कर आंदोलन की आगामी रणनीति तय की जाएगी : बलदेव

किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा ने कहा कि हरियाणा और पंजाब के किसानों को एक दूसरे का दुश्मन बना दिया ताकि वह अपनी मांगों को सरकार के सामने मिलकर उठा ना सके। आज पूरे देश में इस तरह की अलग-अलग राज्यों में पंचायतें की गई है और सभी पंचायतों के किसान नेता मुलाकात करेंगे और जल्द से जल्द एक बैठक कर आंदोलन की आगामी रणनीति तय की जाएगी इस पंचायत से सरकार को चेता रहे है कि जल्द से जल्द किसानों की मांगे नही मानी तो हम दोबारा से गांव गांव जाकर किसानों को इकट्ठा करेंगे ताकि एक बार फिर किसान आंदोलन को शुरू कर सकें।

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