Mahendragarh : केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण विभाग व भारत वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने 5 स्थानों पर वायु गुणवत्ता मापक यंत्र लगाने के प्रस्ताव को दी मंजूरी

- वायु गुणवत्ता मापक यंत्र की लागत व अन्य पर्यावरणीय मापदंडों की रक्षा हेतु केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण विभाग द्वारा 5.1 करोड़ के फंड जारी होने की प्रक्रिया शुरू
- स्टोन क्रेशरों से लगभग 2 करोड़ का जुर्माना वसूला जा चुका, बाकी का करोड़ों का जुर्माना वसूले जाने की प्रक्रिया जारी
Mahendragarh : जिले के अवैध स्टोन क्रेशरों व इससे होते पर्यावरण प्रदूषण के खिलाफ लंबी सामाजिक व कानूनी लड़ाई लड़ रहे सामाजिक कार्यकर्ता इंजीनियर तेजपाल यादव की याचिका तेजपाल वर्सेज स्टेट ऑफ हरियाणा पर 20 सितंबर को एनजीटी में सुनवाई हुई। इसमें चेयरपर्सन प्रकाश श्रीवास्तव, पर्यावरणीय मेंबर डॉक्टर ए सेंथिल विल व पर्यावरण मेंबर डॉक्टर अफरोज अहमद की खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए स्टोन क्रेशरों के खिलाफ महत्वपूर्ण आदेश दिए।
गौरतलब है कि सामाजिक इंजीनियर तेजपाल यादव की याचिका पर चल रहे इस केस में हाल ही में 20 सितंबर को एनजीटी में सुनवाई हुई। इसमें हरियाणा पर्यावरण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विनीत गर्ग, हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण विभाग के मेंबर सेक्रेटरी प्रदीप डागर, महेंद्रगढ़ जिले की जिला उपायुक्त मोनिका गुप्ता व चरखी दादरी जिले की जिला उपायुक्त मनदीप कौर भी उपस्थित रही। एनजीटी में हुई सुनवाई में एनजीटी के पिछले आदेशों पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण विभाग और भारत वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने महेंद्रगढ़ जिले के पांच स्थानों पर पांच वायु गुणवत्ता मापक यंत्र लगाने के प्रस्ताव को मंजूर किया और साथ ही कहा कि इसके लिए केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण विभाग द्वारा 5.1 करोड़ का फंड देने की प्रक्रिया भी जारी है।
हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने एनजीटी को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट के माध्यम से बताया कि एनजीटी के प्रति क्रेशर न्यूनतम 20 लाख रुपए के हिसाब से महेंद्रगढ़ व चरखी दादरी जिले के सभी स्टोन क्रेशरों पर करोड़ों का जुर्माना लगाए जाने के आदेश की अनुपालना में स्टोन क्रेशरों से जुर्माना वसूलने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस प्रक्रिया के तहत लगभग दो करोड़ का जुर्माना स्टोन क्रशरों से वसूला जा चुका है और बाकी जुर्माने की राशि वसूलने की प्रक्रिया भी अभी जारी है। हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने एनजीटी को सौंपी गई रिपोर्ट में बताया कि महेंद्रगढ़ जिले में विगत में चल रहे 133 स्टोन क्रेशरों में से 49 स्टोन क्रेशर पर्यावरणीय नियमों व दूरी मापदंडों की अवहेलना करते पाए गए, जिसमें से 24 स्टोन क्रशरों की एनओसी, हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण विभाग द्वारा रद्द की जा चुकी है और 32 क्रेशर बंद हो चुके हैं। वहीं दूसरी तरफ चरखी दादरी जिले के रिकॉर्ड में 104 स्टोन क्रेशरों में से 40 स्टोन क्रेशरों को दूरी नियमों और पर्यावरण नियमों की अवहेलना करते पाए जाने के एवज में हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण विभाग द्वारा बंद किया जा चुका है। 57 स्टोन क्रेशर मौके पर नहीं पाए गए, क्योंकि वह अपनी मशीन उखाड़ कर वहां से जा चुके हैं।
एनजीटी ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए कहा कि भारत वन एवं पर्यावरण मंत्रालय और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण विभाग द्वारा महेंद्रगढ़ जिले के पांच स्थानों पर 5 वायु गुणवत्ता मापक यंत्र लगाने के प्रस्ताव को मंजूर किया गया है। जिले में जितने भी क्रेशर हैं, उनमें से अधिकांश स्टोन क्रेशर नांगल चौधरी इलाके में है, इसलिए इस मसले पर महज लीपापोती व कोरी औपचारिकता करने की बजाय 5 वायु गुणवत्ता मापन यंत्रों में से 4 वायु गुणवत्ता मापक यंत्र नांगल चौधरी क्षेत्र में स्थित क्रेशर जोन जैसे खातौली अहीर, धोलेडा, गंगुताना, बायल जैसे क्रेशर प्रभावित क्षेत्रों में लगाए जाएं ताकि वायु गुणवत्ता का सही से मापन किया जा सके।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS