Mahendragarh : कैसे होगा स्वच्छ भारत का सपना साकार, सफाई व्यवस्था सिर्फ 69 कर्मचारियों पर निर्भर

Mahendragarh : कैसे होगा स्वच्छ भारत का सपना साकार, सफाई व्यवस्था सिर्फ 69 कर्मचारियों पर निर्भर
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महेंद्रगढ़ नगर पालिका स्वच्छता रैंकिंग में लगातार पिछड़ता जा रहा है। पिछले वर्ष शहर स्वच्छता रैंकिंग में 190 स्थान पर था। शहर के लगातार स्वच्छता रैंकिंग में पिछड़ने का एक कारण नगर पालिका के पास पर्याप्त सफाई कर्मचारियों का ना होना भी है।

महेंद्रगढ़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से स्वच्छ भारत अभियान (Swachh Bharat Mission) को शुरू हुए नौ वर्ष बीतने वाले हैं, लेकिन अभी तक शहर की सफाई व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हैं। प्रधानमंत्री का स्वच्छ भारत अभियान कागजों तक ही सीमित रह गया हैं। नगर पालिका में प्रधानमंत्री के सपने का साकार करने के लिए पर्याप्त सफाई कर्मचारी ही नहीं हैं। ऐसे में आखिरकार शहर सफाई कैसे होगी।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति महात्मा गांधी के स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने के लिए 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की थी। लेकिन प्रधानमंत्री का स्वच्छ भारत अभियान भाजपा नेताओं के फोटो सैंशन तक ही सीमित रह गया हैं। महेंद्रगढ़ नगर पालिका स्वच्छता रैंकिंग में लगातार पिछड़ता जा रहा है। पिछले वर्ष शहर स्वच्छता रैंकिंग में 190 स्थान पर था। शहर के लगातार स्वच्छता रैंकिंग में पिछड़ने का एक कारण नगर पालिका के पास पर्याप्त सफाई कर्मचारियों का ना होना भी है।

नगर पालिका में करीब 15 वर्ष पहले कच्चे सफाई कर्मचारियों भर्ती हुई थी। अभी तक नगर पालिका दोबारा कभी सफाई कर्मचारियों की भर्ती नहीं हुई है। फिलहाल नगर पालिका के पास 52 कच्चे तथा 17 पक्के सफाई कर्मचारी है। जिनमें से तीन कर्मचारियों को दरोगा बनाया हुआ है। वहीं सप्ताह में एक दिन प्रत्येक सफाई कर्मचारी का अवकाश मिलता है। प्रतिदिन मानें तो करीब 10 कर्मचारी अवकाश पर रहते है। इसके अलावा तीन सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा के आवास, दो कर्मचारियों की ड्यूटी एसडीएम ऑफिस तथा तीन सफाई कर्मचारियों को ड्यूटी मजिस्ट्रेट के आवास पर लगाई हुई है। ऐसे में करीब 50 कर्मचारियों पर पूरे शहर की सफाई व्यवस्था का जिम्मा होता है।

15 साल से नहीं हुई है सफाई कर्मचारियों की भर्ती

शहर की आबादी लगातार बढ़ती जा रही है, लेकिन आबादी के हिसाब से सफाई कर्मचारियों की भर्ती नहीं हो रही है। सफाई कर्मचारियों की कमी के चलते शहर की सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। वर्तमान महेंद्रगढ़ शहर के वोटरों की संख्या 21033 है। जबकि शहर की आबादी 50 से अधिक पहुंच चुकी है। तय मानक अनुसार 400 की आबादी पर एक सफाई कर्मचारी होना चाहिए। ऐसे में शहर में करीब 125 सफाई कर्मचारियों की आवश्यकता है। लेकिन सरकारी कार्यालय व अवकाश पर रहने वाले कर्मचारी को छोड़ दे तो करीब 50 सफाई कर्मचारियों पर पूरें शहर की सफाई का जिम्मा होता है।

इन स्थानों पर फैली होती है ज्यादा गंदगी

शहर में सैनी सभा के समीप, महिला आईटीआई गेट, सब्जी मंडी के पास, मौहल्ला वाल्मीकि, खटीकान, माता संतोषी देवी मंदिर, डुलाना रोड, डॉ. भगतवाली गली, सहित शहर के अनेक जगहों पर कूड़े के ढेर लगे रहते है।

अगस्त माह में आई थी टीमें

स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर अगस्त में शहरी एवं आवासीय मंत्रालयों की टीमों ने महेंद्रगढ़, नारनौल, अटेली, नांगल चौधरी, कनीना की नगर पालिकाओं का दौरा किया था। यहां टीम ने लोगों से फीडबैक भी ली थी। इसके अलावा शहरों का निरीक्षण कर वहां की सफाई व्यवस्था, शौचालयों, नालों की सफाई, अतिक्रमण, पानी निकासी का प्रबंध सहित अन्य जानकारी एकत्रित की थी। अब इसका परिणाम जारी होना बाकी है।

शहर में जगह-जगह गंदगी के लगे ढेर, लोग परेशान

शहर में सफाई को लेकर लोगों में रोष रहता है। शहर में बाजार व अन्य जगहों पर समय पर सफाई न होने के कारण लोग गलियों के कॉर्नर पर ही कूड़ा फेंक देते हैं। लोगों की मानें तो कई बार कई-कई दिन तक कूड़ा नहीं उठ पाता है।

सरकार को भेजी जाएंगी डिमांड

नगर पालिका अध्यक्ष रमेश सैनी ने बताया कि नगर पालिका में जल्द ही सफाई कर्मचारियों की भर्ती की जाएंगी। सभी पार्षदों के साथ बैठककर जितने सफाई कर्मचारियों की आवश्यता है उनकी डिमांड सरकार को भेजी जाएंगी। ताकि शहर को साफ-सुथरा रखा जा सकें।

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