Mahendragarh : बजट के अभाव में रुका लुवास रीजनल सेंटर का काम, आठ माह से बंद है निर्माण कार्य

Mahendragarh : बजट के अभाव में रुका लुवास रीजनल सेंटर का काम, आठ माह से बंद है निर्माण कार्य
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डब्ल्यूडी (बीएंडआर) विभाग की ओर से सरकार के करीब 11.50 करोड़ रुपये का बजट भेजा हुआ है, लेकिन अभी तक स्वीकृति नहीं मिल पाई। बारिश के बाद लुवास रीजनल सेंटर में बड़ी-बड़ी झाड़ियां खड़ी हैं, जिस कारण अंदर जाने से भी डर लगता है।

Mahendragarh News : सरकार से बजट नहीं मिलने के कारण करीब आठ माह से गांव रिवासा में बनाए जा रहे लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के रीजनल सेंटर का निर्माण कार्य रूका हुआ है। पीडब्ल्यूडी (बीएंडआर) विभाग की ओर से सरकार के करीब 11.50 करोड़ रुपये का बजट भेजा हुआ है, लेकिन अभी तक स्वीकृति नहीं मिल पाई। बारिश के बाद लुवास रीजनल सेंटर में बड़ी-बड़ी झाड़ियां खड़ी हैं, जिस कारण अंदर जाने से भी डर लगता है।

बता दें कि दक्षिणी हरियाणा के साथ-साथ राजस्थान के अनेक जिलों के पशुपालकों को लाभ देने के लिए शुरू किए गए लाला लाजपतराय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (LUVAS) के गांव रिवासा में रीजनल सेंटर का निर्माण किया जा रहा हैं। इस पशु विज्ञान केंद्र का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद दक्षिणी हरियाणा के महेंद्रगढ़, नारनौल, चरखी दादरी, भिवानी, रेवाड़ी, नूंह, गुरुग्राम के साथ-साथ राजस्थान प्रदेश के अलवर, राजगढ़, झुंझुनूं जिले के पशुपालकों को लाभ मिलेगा।

मार्च 2018 में पूर्व शिक्षामंत्री ने किया था भूमि पूजन

वर्ष 2016 में सीएम द्वारा इस केंद्र की घोषणा की गई थी। इसके बाद मार्च 2018 में तत्कालीन शिक्षामंत्री ने भूमि पूजन कर निर्माण कार्य शुरू करा दिया था। सीएम की घोषणा के दो वर्ष बाद रिवासा गांव के पंचायत घर में अस्थायी रूप से रीजनल सेंटर शुरू कर पशुओं की चिकित्सा एवं जांच भी शुरू कर दी गई थी, लेकिन तीन वर्ष बीतने के बाद भी अल्ट्रासाउंड से लेकर डी फ्रिज सहित लाखों रुपये के उपकरण भी जगह के अभाव में धूल फांक रहे हैं।

दिसंबर 2020 तक होना था तैयार

लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय से संबंधित इस पशु विज्ञान केंद्र का निर्माण तीन साल में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया था। 2020 में कोरोना के कारण इस प्रोजेक्ट को तैयार करने की अवधि भी छह माह बढ़ाकर दिसंबर-2020 तक पूरा करने का लक्ष्य दिया गया। करीब एक वर्ष का समय बीत जाने के बाद भी बजट के अभाव में भवन का काम पूरा नहीं हो सका था।

ये भवन बनकर हैं तैयार, अंतिम रूप दिया जाना बाकी

इस प्रोजेक्ट के लिए अभी तक लगभग 7.20 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। इसमें प्रशासनिक भवन, तीन ऑपरेशन थियेटर, कांफ्रेस रूम, एक मिनी ओटी, लैब, एक्स-रे रूम, स्टोर सहित 9 क्वार्टर बनकर तैयार हैं। इनमें चार क्वार्टर चिकित्सक, एक रीजनल डायरेक्टर, दो क्वार्टर तृतीय श्रेणी तथा दो क्वार्टर चतुर्थ श्रेणी के, फार्मर रूम बनकर तैयार हैं। इनमें केवल फिनिशिंग शेष है जो बजट के अभाव में अधूरे है। रीजनल सेंटर के परिसर में रोड, सीवरेज, लाइट कनेक्शन, मुख्य द्वार तथा पानी की सुविधा, चारदीवारी निर्माण का काम अभी शेष है। बाकि भवन निर्माण का काम भी 90 प्रतिशत ही पूरा हो सका है।

सरकार के पास भेजी है फाइल

पीडब्लूडी विभाग के एसडीओ कृष्ण कुमार ने बताया कि भवन का निर्माण कार्य 90 प्रतिशत पूरा हो चुका हैं। सरकार के पास बजट के लिए फाइल भेजी हुई हैं। बजट मिलते ही निर्माण कार्य दोबारा से शुरू किया जाएगा।

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