Mahendragarh-Narnaul News : मेडिकल कॉलेज निर्माण 92 फीसदी पूरा, अगले सत्र में कक्षाएं लगने की उम्मीद

सतीश सैनी/नारनौल। सपना साकार होने में अब बस कुछ माह की रूकावट है। जी हां, कोरियावास में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज का 92 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है। फंड भी पूरा है। बस फिनिसिंग कार्य की अप्रूव्ल मिलनी बाकी है। इसकी अप्रूव्ल मिलने के बाद आलुवालिया कांट्रैक्ट इंडिया लिमिटेड चार से पांच माह में मेडिकल कॉलेज प्रशासन के हैंडओवर कर देगी। अगर इस चार-पांच माह की समयावधि में मेडिकल उपकरण लगाने की प्रक्रिया आरंभ हो जाए तो उम्मीद है कि अगले सत्र में मेडिकल कॉलेज की कक्षाएं आरंभ हो सकती है। यहां सरकार की ओर से मेडिकल की पढ़ाई के लिए 100 सीटें सरकार ने निर्धारित की गई है। मतलब विद्यार्थियों को अपने ही गृह जिला में मेडिकल की पढ़ाई करने की सुविधा मिलना आरंभ हो जाएगी। वहीं जिला के लोगों को बेहतर चिकित्सा उपचार मिलने से उन्हें जयपुर, गुरुग्राम, दिल्ली, रोहतक जैसे महानगरों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
सितम्बर-2022 की बात है। जब निर्माण की पेमेंट छह-सात माह से नहीं हो रही थी। इसका निर्माण करने वाली कंपनी के पास जो पहले का मैटिरियल बचा था, उसी से पहले 100 फीसदी के मुकाबले 30 फीसदी रफ्तार से काम चलाया। कई बार कंपनी ने संबंधित विभाग व सरकार से इसकी डिमांड की भी की। दरअसल, कंपनी कोमेडिकल कॉलेज बिल्डिंग का निर्माण अगस्त-2022 में पूरा करना था। कंपनी को पैसा नहीं मिलने पर इसके निर्माण की रफ्तार धीमी हो गई। कंपनी प्रोजेक्ट मैनेजर की माने तो जब पेमेंट समय पर मिल गई होती तो अभी तक कार्य पूरा हो चुका होता। पेमेंट नहीं मिलने के मुद्दे को हरिभूमि ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। नतीजन कुछ दिनों बाद ही पेमेंट हुई और निर्माण कार्य फिर से रफ्तार पकड़ गया।
मेडिकल कॉलेज बनने पर यह मिलेगी सुविधा
गांव कोरियावास में मेडिकल कॉलेज की नींव मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने जनविकास रैली में 23 दिसंबर 2018 को रखी थी। अगस्त-2019 में गांव कोरियावास में 598 करोड़ की लागत से 80.53 एकड़ में बनने वाले मेडिकल कॉलेज का टेंडर ऑनलाइन किया गया। उस वक्त निर्माण की अवधि 24 महीने रखी गई थी। मेडिकल कॉलेज में 710 बेड का अस्पताल होगा। इसमें 650 बेड पीजी के लिए होंगे। मेडिकल कॉलेज एवं प्रशासनिक भवन में 600 विद्यार्थियों की क्षमता का परीक्षा भवन, 314 कमरों का लड़कियों का हॉस्टल, 320 कमरों का लड़कों के लिए हॉस्टल, 54 कमरों का सीनियर रेजिडेंट चिकित्सकों का हॉस्टल, 75 कमरों का जूनियर रेजिडेंट चिकित्सकों का हॉस्टल, 75 कमरों का नसार्ें का हॉस्टल, प्राचार्य निवास, 72 स्टाफ क्वार्टर, 16 कमरों का गेस्ट हाउस, शव परीक्षा कक्ष, शव कक्ष, विद्युत शव दाह भट्ठी, पुलिस थाना, बिजली का सब स्टेशन, कैंटीन, रैन बसेरा, सुलभ शौचालय आदि सुविधाएं मिलेगी। इसमें अतिरिक्त केंद्रीय कार्यशाला, पांच लेक्चरर हॉल, सभी यंत्रों से सुजज्जित प्रयोगशाला होगी। भविष्य में होने वाली आवश्यकताओं को देखते हुए हरियाणा पीडब्ल्यूडी विभाग को नारनौल बाइपास से मेडिकल कॉलेज तक पहुंचने के मार्ग को चौड़ा करने के लिए भी कहा गया है। उम्मीद है कि चार मार्गी सड़क का निर्माण भी होगा। यह भवन ग्रीन बिल्डिंग मापदंडों के आधार पर बनाई गई है। इसके अलावा म्यूजियम, ई-म्यूजियम, सेमिनार कक्ष, ई-क्लास रूम बनाए जा रहे है। सोलर पावर सिस्टम, अग्निशमन यंत्र, मेडिकल गैस पाइप लाइन, शॉपिंग कॉम्पलेक्स सहित सभी तरह की आधुनिक सुविधाओं से युक्त मेडिकल कॉलेज तैयार होगा जो अंतरराष्ट्रीय मापदंडों पर आधारित पूर्ण रूप से वातानुकूलित होगा। इस मेडिकल कॉलेज में डेंटल व नर्सिंग शिक्षा भी प्रदान की जाएगी। मेडिकल कॉलेज के हॉस्टिपल में 90 बिस्तरों का गहन चिकित्सा कक्ष होगा और एमआरआई तथा सीटी स्कैन सुविधा भी उपलब्ध होगी। इस भवन में बेसमेंट के अलावा 10 मंजिला भवन का निर्माण किया जाएगा। जिसका कुल क्षेत्रफल 28673 वर्ग मीटर होगा।
क्या कहते है मैनेजर
आलुवालिया कांट्रैक्ट इंडिया लिमिटेड के प्रोजेक्ट मैनेजर आरके राणा से हरिभूमि ने बातचीत की। प्रोजेक्टर मैनेजर ने बताया कि मेडिकल कॉलेज का 92 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है। महज आठ फिसदी कार्य बचा है। फिनिसिंग होनी बाकी है। इसके लिए बातचीत चल रही है। अप्रूव्ल मिलने के बाद चार से पांच माह में हमारा कार्य पूरा हो जाएगा। फंड की कोई कमी नहीं है। हम तो बस अप्रूव्ल मिलने का इंतजार कर रहे है।
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