पहली ही परीक्षा में फेल हो गया महेंद्रगढ़ का आटोमैटिक वेदर स्टेशन, नहीं दे सका बारिश की स्टीक जानकारी

पहली ही परीक्षा में फेल हो गया महेंद्रगढ़ का आटोमैटिक वेदर स्टेशन, नहीं दे सका बारिश की स्टीक जानकारी
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5 मिनट में आंकड़े प्रदान करने का दावा हवा हवाई, बताया 24 घंटे में धूलभरी आंधी के साथ होगी छुटपुट बूंदाबांदी, 15 मिनट बाद हो गई 20 एमएम बरसात।

हरिभूमि न्यूज : महेंद्रगढ़

कृषि विज्ञान केंद्र में किसानों व आम लोगों को मौसम संबंधी जानकारी देने के लिए लगाई गया वेदर स्टेशन पहली ही परीक्षा में फेल हो गया। इसके लगने के दूसरे दिन ही शाम को क्षेत्र में अच्छी बारिश हुई, मगर जब बारिश के संबंध में जानकारी मांगी गई तो संबंधित स्टेशन द्वारा अगले 24 घंटों में धूल भरी आंधी के साथ छिटपुट बूंदाबांदी की संभावना व्यक्त की थी, जबकि दावा हर 15 मिनट के अंदर में हो रहे मौसम के बदलाव की जानकारी को प्राप्त करने का किया गया था। वहीं 15 मिनट बाद ही क्षेत्र में 20 एमएम बरसात हो गई।

किसानों को मौसम संबंधी ताजा जानकारी देने के लिए चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्र में भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) द्वारा संचालित जिला कृषि मौसम इकाई (डीएएमयू) परियोजना के अंतर्गत ऑटोमैटिक वेदर स्टेशन (एडब्ल्यूएस) एक जुलाई को लगाया गया। इसमें दावा किया गया था कि यह कृषि विज्ञान केंद्र का अपना मौसम स्टेशन है, जो प्रत्येक 15 मिनट के अंतराल से मौसम से संबंधित आंकड़े प्रदान करेगा। जिसका उपयोग अनुसंधान कार्यों एवं कृषकों हेतु संचालित अन्य योजनाओं में भी काफी लाभदायक होगा। मगर हुआ इससे उलटा, इस बारे में जब शुक्रवार को केंद्र द्वारा मौसम संबंधी जानकारी मांगी गई तो अगले 24 घंटों में धूल भरी आंधी के साथ छिटपुट बूंदाबांदी होने की संभावना जताई गई। इस स्टेशन से जानकारी भी शाम को चार बजे बाद ही मांगी गई थी, जबकि शाम को पांच बजे से क्षेत्र में बारिश भी शुरू हो गई थी। देर शाम तक क्षेत्र में अच्छी बरसात हुई। महेंद्रगढ़ में शुक्रवार को 20.4 एमएम बारिश दर्ज की गई। जिसके कारण इस स्टेशन का कोई फायदा नजर नहीं आया तथा यह स्टेशन पहली ही परीक्षा में फेल हो गया।

ये जानकारी मिली शाम को पौने पांच बजे

कृषि विज्ञान केंद्र में लगे वेदर स्टेशन से जब शाम को चार बजे बाद जानकारी मांगी तो पौने चार बजे यह जानकारी प्रेषित की गई कि हरियाणा में मानसून की प्रगति: भारत मौसम विज्ञान विभाग, नई दिल्ली के अनुसार मानसून की उत्तरी सीमा अब भी बाड़मेर, भीलवाड़ा, धौलपुर, अलीगढ़, मेरठ, अम्बाला, अमृतसर पर ही बनी हुई है तथा पाश्चिमी हवायों के चलने के कारण मानसूनी हवाओं के आगे बढ़ने के लिए अनुकूल परिस्थितियां नहीं बन पा रही है। अब मानसून टर्फ रेखा हिमालय की तलहटियों की तरफ बढ़ी हुई है। वहीं शाम को पांच बजे बाद अच्छी बरसात हुई तथा महेंद्रगढ़ में 20.4 एमएम बारिश रिकार्ड की गई।

सटीक जानकारी करेगा प्रदान

इस बारे में डीएएमयू, कृषि विज्ञान केंद्र महेंद्रगढ़ के कृषि मौसम विशेषज्ञ डा. दिवेश चौधरी ने बताया कि उन्होंने जो जानकारी प्रेषित की थी, उसमें बारिश होने की संभावना व्यक्त की गई थी। ऐसे में केंद्र द्वारा सही जानकारी प्रदान की गई है। आगे भी सटीक जानकारी केंद्र द्वारा प्रदान की जाएगी।

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