गैंगस्टर चीकू को पकड़ने के लिए पुलिस की बड़ी कार्रवाई, आगे पढ़ें

हरिभूमि न्यूज : नारनौल
जिला में डॉक्टर गैंग व चीकू गैंग के बीच टकराव और वर्चस्व की लड़ाई का खेल किसी से छिपा नहीं है। इसी बीच फरवरी-मार्च माह में अटेली व नांगल चौधरी पुलिस थाना में गांव मोहनपुर वासी सुरेंद्र चीकू पर केस दर्ज ओर हो गए।
इसी सिलसिले में शनिवार सुबह पुलिस गांव मोहनपुर में सुरेंद्र चीकू के मकन पर पहुंची। मकान की तलाशी के बाद जब ऊपरी मंजिल पर बने कमरे को लॉक पाकर चॉबी परिजनों से मांगी तो जरूर कुछ हंगामा हुआ। पुलिस भांप गई की हो ना हो इस कमरे में जरूर कुछ ना कुछ है। जब यह कमरा खुला तो पुलिस हैरान थी। गैंगस्टर सुरेंद्र उर्फ चीकू अंदर था। लॉक खुलते ही आधुनिक जिम दिखाई दी। दाहिने हाथ साइड किचन व दो कमरे थे। बाई साइड शौचालय था। सामने की दीवार पर मकान के बाहर चारों ओर के रास्तों की सीसीटीवी कैमरे की फुटेज चल रही थी। पुलिस को यहां लोहे के डम्बल से तोड़ा गया एक मोबाइल का कचरा मिला। करीब दो घंटे चली इस कार्रवाई के बाद सुरेंद्र चीकू को पुलिस गाड़ी में बैठाकर थाना में लेकर आई। पुलिस ने आरोपित चीकू को अदालत में पेश किया जहा उसे तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा है।
शुक्रवार शाम ही पुलिस कर्मचारियों को अगले दिन शनिवार सुबह सिटी पुलिस थाना में एकत्रित होने के निर्देश दिए गए थे। सुबह छह बजे एक के बाद एक पुलिस कर्मी एकत्रित होने लगे। इस दौरान सदर थाना एसएचओ धर्मवीर, नांगल चौधरी थाना एसएचओ मेहरचंद, निजामपुर पुलिस चौकी इंचार्ज रामेश्वरसिंह, महिला थाना एसएचओ राजकला, महावीर पुलिस चौकी इंचार्ज महावीरसिंह, नारनौल व महेंद्रगढ़ सीआईए इंचार्ज सहित 80 के करीब पुलिस कर्मी थे। यह पूरी टीम डीएसपी नरेंद्र सांगवान के नेतृत्व में करीब 15 गाडि़यों में सवार होकर सिंघाना रोड की ओर चले। गाड़ी में बैठे किसी भी पुलिस कर्मी को जानकारी नहीं थी कि यह काफिला कहां जा रहा है। शहर से करीब दस किलोमीटर दूर गांव मोहनपुर में पुलिस काफिला पहुंचा तो मामला समा में आया।
चीकू के मकान को घेरा, मकान के हर घर की ली तलाशी
डीएसपी ने गांव के निवर्तमान सरपंच को लेकर गेंगस्टर सुरेंद्र चीकू के मकान में प्रवेश किया। मकान के चारों ओर ऊपरी दीवार और उन पर गोलनुमा कटीली तारें बिछी थी। सीसीटीवी कैमरा लगे हुए थे। जैसे ही अंदर प्रवेश किया चीकू के परिजनों ने विरोध किया। डीएसपी ने अदालती आदेश दिखाया। डीएसपी ने सुरेंद्र के बारे में उसकी पत्नी से पूछा तो पत्नी ने जवाब दिया पता नहीं। तीन महीने से नहीं है। उसके छोटे-छोटे बच्चे है। कोई भी हथियार मकान में डाल दें तो हमारा नाम आएगा। डीएसपी ने कहा कि फोन करके सुरेंद्र को बुला लो। पत्नी ने जवाब दिया कोई फोन नहीं आता। हमारे पास छोटा फोन है। इसके बाद मकान की तलाशी आरंभ की। नीचे कमरों की तलाशी के बाद पुलिस ऊपर बने कमरे में पहुंची तो उसका लॉक था।
एसएचओ तोड़ने लगे ताला तो पत्नी व मां ने किया विरोध
पुलिस ऊपरी मंजिल पर बने कमरे के बाहर पहुंची। कोने के एक कमरे का लॉक था। चॉबी मांगी तो परिजनों ने चॉबी नहीं होने का हवाला दिया। सुरेंद्र की पत्नी गेट के सामने खड़ी हो गई और कहा कि चॉबी खोलने वाले को बुलाया। ताला तोड़ने नहीं दूंगी। इस बात का समर्थन उसकी सास सहित परिजनों ने किया। काफी देर हंगामा भी हुआ। एसएचओ धर्मवीर हथोड़े से उसे खोलने का प्रयास करने लगे तो परिजनों ने विरोध जताया।
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