बड़ा रेल हादसा होने से टला : सिग्नल ब्रेक कर डाउन लाइन पर पहुंची ट्रेन, अधिकारियों में मची खलबली

- दिल्ली जा रही पैसेंजर ट्रेन एक किलोमीटर तक चली दूसरी लाइन पर
- लोको पायलट ने बाद में ट्रेन रोककर वापस पहुंचाई उसी प्लेटफार्म पर, प्वाइंट नंबर 278 पर बदल गया ट्रेन का रूट
- दिल्ली-रेवाड़ी के बीच सवा घंटे तक बाधित रहा रेल यातायात
नरेन्द्र वत्स. रेवाड़ी। रेवाड़ी-दिल्ली रेल मार्ग पर बुधवार उस समय बड़ा रेल हादसा होने से टल गया, जब दिल्ली की ओर रवाना हुई पैसेंजर ट्रेन सिग्नल ब्रेक करने के बाद अप लाइन से डाउन लाइन पर चली गई। प्वाइंट नं. 278 से आगे निकल जाने के बाद जब लोको पायलट को ट्रेन के गलत ट्रैक पर जाने का आभाष हुआ, तो उसने ट्रेन रोककर उसे वापस प्लेटफॉर्म पर पहुंचाया। जिस ट्रैक पर ट्रेन चली गई थी, उसी ट्रैक पर दिल्ली की ओर से कुछ देर बाद ट्रेन आने वाली थी। घटना की सूचना मिलते ही रेल अधिकारियों और अभियंताओं में हड़कंप और खलबली मच गई। स्टेशन अधीक्षक मीठालाल मीणा व रेलवे के कई अभियंता प्वाइंट पर पहुंच गए। इस ट्रेन को करीब डेढ़ घंटे बाद दिल्ली की ओर रवाना किया गया। इस दौरान रेवाड़ी व दिल्ली के बीच रेल यातायात काफी समय तक बाधित रहा। रेल विभाग ने घटना की जांच शुरू कर दी है।
रेवाड़ी से बरेली जाने वाली पैसेंजर ट्रेन सुबह 11 बजकर 35 मिनट पर प्लेटफॉर्म नं. 2 से दिल्ली के लिए रवाना हुई थी। प्वाइंट नं. 278 पर तकनीकी खराबी या किसी अन्य कारण से ट्रेन अप लाइन की बजाय डाउन लाइन पर चली गई। जब तक लोको पायलट और को-पायलट को इसकी जानकारी मिलती, ट्रेन गलत ट्रैक पर काफी दूर निकल चुकी थी। इसके बाद ट्रेन को पहले रोका गया। चालक और गार्ड ने रेलवे स्टेशन पर सूचना देकर ट्रेन को वापस प्लेटफॉर्म पर लाने की इजाजत मांगी। इससे स्टेशन अधीक्षक से लेकर दूसरे अधिकारियों तक में हड़कंप मच गया। ट्रेन को बैक करते हुए वापस प्लेटफॉर्म पर लाया गया।
रेवाड़ी। दिल्ली ट्रैक का प्वाइंट नं. 278 जहां से ट्रैक बदल गया, घटना के बाद मौके पर मौजूद रेल अधिकारी व तकनीकी कर्मचारी।
मौके पर पहुंचे इंजीनियर व अफसर
ट्रेन के दूसरे ट्रैक पर जाने की सूचना से रेल विभाग के अधिकारी सकते में हैं। सूचना मिलने के बाद एसएस के साथ-साथ एएसएस, कई इंजीनियर व तकनीकी कर्मचारी मौके पर पहुंच गए। प्वाइंट नं. 278 के बॉक्स को खोलकर चेक किया गया। इसके बाद एक लाइन में तकनीकी खराबी भी पाई गई। मौके पर मौजूद तकनीकी कर्मचारी इस बात को लेकर काफी हैरान थे कि प्वाइंड पूरी तरह से कैंची को नहीं जोड़ पाया था। इसके बावजूद पूरी ट्रेन बिना डिरेलमेंट के पटरी से कैसे गुजर गई।
गार्ड और दोनों चालक ड्यूटी से हटाए
ट्रेन के वापस प्लेटफॉर्म पर आने के बाद इंजीनियर्स और तकनीकी कर्मचारियों ने प्वाइंट को ठीक करने के बाद ट्रेनों का संचालन शुरू किया। मेरठ जाने वाली ट्रेन के गार्ड और दोनों चालकों को ड्यूटी से हटाकर उनके स्थान पर दूसरे चालक और गार्ड भेज गए। ड्यूटी से हटाए गए चालकों और गार्ड का मेडिकल कराने की प्रक्रिया पूरी की गई। रेलवे विभाग के सूत्रों के अनुसार इस मामले में कई स्तर पर बड़ी लापरवाही मानी जा रही है। जांच के दौरान कई अधिकारियों और कर्मचारियों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है।
रेलवे ने शुरू की घटना की जांच
मामला बेहद गंभीर है। यह तकनीकी खराबी से हुआ या मानवीय भूल के कारण, इसकी जांच कराई जा रही है। जांच के बाद दोषी पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। -कैप्टन शशिकरण, प्रवक्ता, उत्तर-पश्चिम रेलवे।
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