माजरा एम्स को लेकर तकनीकी बाधाएं दूर, मुआवजे की फाइल बनकर तैयार, 507 भू-मालिकों को मिलेगी राशि

नरेन्द्र वत्स. रेवाड़ी
माजरा में प्रस्तावित एम्स में जमीन सरकार के नाम करने का मामला संसद तक में गूंज चुका है। विपक्षी दल भी भूमि अधिग्रहण को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठाते रहे हैं, परंतु हकीकत यह है कि अभी तक भूमि अधिग्रहण के रास्ते में कई तकनीकी बाधाएं आ रही थीं। एम्स समिति और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ राजस्व विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने इन सभी बाधाओं को दूर कर दिया है। मुआवजे से जुड़ी सभी अड़चनों को दूर करने के बाद इसकी फाइनल फाइल बनकर तैयार हो चुकी है। अब इस पर मुख्यालय की मुहर लगने की औपचारिकता शेष है। अंतिम सूची के अनुसार 507 भू-मालिकों को मुआवजा राशि मिलनी है।
जमीन को मुआवजे को लेकर सबसे बड़ी बाधा जमीनों के असली वारिशों की सूची तैयार करने को लेकर आ रही थी। मुआवजा सूची तैयार करते समय कई बुजुर्ग जमीन मालिकों का देहांत होने के बाद समिति और राजस्व अधिकारियों के सामने बाधाएं बढ़ती गईं, परंतु समिति के सदस्यों और गांव के युवाओं का एम्स निर्माण के प्रति उत्साह इन बाधाओं को एक-एक करके दूर करता चला गया। बुजुर्ग जमीन मालिकों की मौत के बाद जमीनों के करीब 50 नए वारिश बन गए थे, जिनके नाम जमीन कराने के बाद उसे नए सिरे से सरकरी पोर्टल पर अपलोड कराया गया। हाल ही में एक और किसान की मौत होने के बाद उसके 3 नए वारिश बन गए हैं, परंतु उनकी जमीन का इंतकाल अब बाधा नहीं बनेगा। कमेटी की ओर से जल्द ही उसकी औपचारिकताएं भी करा दी जाएंगी।
नाबालिग बच्चों के वारिश भी तय
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एम्स के लिए अधिग्रहित की जाने वाली जमीन के 8 वारिश नाबालिग हैं। उनके मुआवजे को लेकर भी पेंच फंसा हुआ था। इसके बाद यह तय हुआ था कि इन बच्चों का मुआवजा उनकी मां के खाते में ट्रांसफर किया जाए। मां नहीं होने की सूरत में पिता और मा-बाप नहीं होने की सूरत में दादा या दादी के खाते में डाला जाए। इनमें से 2 बच्चे ऐसे हैं, जिनकी मां नहीं है। उनकी मुआवजा राशि उनके पिता के खाते में डाली जाएगी।
कोमा में हैं जमीन के दो मालिक
इसी जमीन के हिस्सों के दो मालिक ऐसे हैं, जो कोमा में चल रहे हैं। उनके मुआवजे को लेकर भी डिसाइड करने में समिति को मेहनत करनी पड़ी। आखिरकार समिति के प्रयासों के उनके वारिश भी तय कर दिए गए। 2 दृष्टिहीन भू-मालिकों के मुआवजे को लेकर आई बाधाओं को भी दूर कर दिया गया है। इसके लिए एम्स समिति की ओर से सभी संबंधित लोगों को विश्वास में लेने के बाद ही वारिश तय किए गए हैं, ताकि आने वाले समय में कोई कानूनी बाधा नहीं आए।
प्रशासन के पास पहुंच चुके दस्तावेज
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एम्स के लिए बनाई गई समिति की ओर से जमीन संबंधित सभी दस्तावेज और अंतिम मुआवजा सूची राजस्व विभाग को सौंपी जा चुकी है। 11 अप्रैल को प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक के बाद जमीन से जुड़े दस्तावेजों को अंतिम मुहर लगवाने के लिए चंडीगढ़ मुख्यालय भेजा जाएगा। वहां से स्वीकृति मिलने के तुरंत बाद जमीनों की रजिस्ट्री सरकार के नाम कराने की प्रकिया शुरू कर दी जाएगी। इसी सप्ताह यह काम शुरू होने की प्रबल संभावनाएं हैं।
अधिकारियों को लेना है निर्णय
हमने जमीन के वारिशों को लेकर आ रही सभी अड़चनों को दूर करने के बाद दस्तावेज प्रशासन को सौंप दिए हैं। अब रजिस्ट्रियां सरकार के नाम शुरू कराने का निर्णय अधिकारियों को लेना है। - जगदीश, प्रधान, एम्स समिति।
सभी औपचारिकताएं पूरी
एम्स के लिए ली जाने वाली जमीन की लगभग सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं। डीसी यशेंद्र सिंह के निर्देश पर इस कार्य को तेजी से मुकाम तक पहुंचाया गया है। रजिस्ट्रियों का कार्य जल्द शुरू होने की उम्मीद है। - प्रदीप देशवाल, तहसीलदार।
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