हरियाणा में व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी लागू करने की तैयारी में मनोहर सरकार, कबाड़ हो जाएंगे आपके पुराने वाहन

योगेंद्र शर्मा : चंडीगढ़
हरियाणा की मनोहर सरकार जल्द ही डेढ़ दशक पुराने वालों को लेकर व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी ( Vehicle Scrap Policy ) पर कैबिनेट की मुहर लगवाने की तैयारी में है, वैसे, भी राज्य सरकार की ओर से एक दिसंबर को मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई गई है। परिवहन विभाग के आला अफसर इस संबंध में अपना होमवर्क पूरा कर मंत्री को अवगत करवा चुके हैं, हालांकि इस दिशा में पहले भी राज्य सरकार के आला-अफसर बेहद ही गंभीरता के साथ में काम कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार की ओर से घिसे-पिटे सरकारी वाहनों को भारतीय सड़कों से कम से कम करने के उद्देश्य से मसौदा तैयार कर लिया है। इस आशय की ड्राफ्ट अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।
जिसमें 15 साल से अधिक पुराने सरकारी वाहनों का पंजीकरण दोबारा से ( रिन्यू ) नवीनीकरण नहीं होगा। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से यह भी साफ कर दिया गया है कि 1 अप्रैल, 2023 से इसे लागू किया जाएगा। साथ ही निगम और परिवहन विभाग को भी 15 साल से पुराने बसों और गाड़ियों को कबाड़ करना अनिवार्य कर दिया गया है। मंत्रालय की ओर से साफ कर दिया गया है कि अधिसूचना पर एक माह के अंदर सुझाव मांगे हैं। परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने साफ कर दिया है कि संबंधित सभी सरकारी वाहन जिनके 15 साल पूर्ण हो गए हैं, उन्हें खत्म कर दिया जाएगा। इस क्रम में बताया गया है कि एक नीति राज्यों को इस बारे में भेजी गई है। कुल मिलाकर पर्यावरण बचाने और दुर्घटनाओं में कमी लाने की दिशा में कईं कदम उठा चुकी राज्य की मनोहर लाल सरकार पहले ही से ही राज्य में केंद्र की स्क्रैप पॉलिसी लाने का ऐलान कर चुकी है। अब उसी क्रम में जहां सरकारी वाहनों को केंद्र की नीति को अडॉप्ट करने की तैयारी है। वहीं दूसरी तरफ जल्द ही व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी राज्य में लागू करने पर होमवर्क पूर्ण हो चुका है, इसलिए इस बार की मंत्रीमंडल की बैठक में नई व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के ड्राफ्ट पर मुहर लगाने का काम हो सकता है।
इस क्रम में खुद मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कईं बैठकें हो चुकी हैं, सभी विभागों के आला अफसरों के साथ में भी चिंतन मंथन किया गया था। अफसरों का खुद मानना है कि व्हीकल-स्क्रैप पॉलिसी के आने से हरियाणा में व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। अब मुख्य सचिव भी चाहते हैं कि इसे लटकाया नहीं जाए और जल्द से जल्द इस पर मुहर लगवाई जाए। वैसे, पूर्व में हुई समीक्षा बैठकों के दौरान भी पॉलिसी को लाने का लक्ष्य प्रदूषण कम से कम करने का है। खराब और पुराने घटिया वाहनों को चरणबद्ध तरीके से इस्तेमाल से हटाने की व्यवस्था की रणनीति तैयार है। यह भी याद दिला दें कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने नूंह जिले के फतेहपुर गांव में नई पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा का उद्घाटन किया था। यह देश का पहला ऐसा आधुनिक प्लांट है, जो तकनीक का उपयोग कर वाहनों से अधिकतम संख्या में घटकों को उबारने और पुन: उपयोग करने के लिए तैयार करता है। वाणिज्यिक वाहनों को 10 वर्षों के बाद अनिवार्य परीक्षण की आवश्यकता होती है, जबकि यात्री वाहनों के लिए इसे 15 वर्ष निर्धारित किया है।
15 और 20 साल पुरानी गाड़ियों को किया जाएगा स्क्रैप
यहां पर यह भी बता दें कि स्क्रैप पॉलिसी के मुताबिक 15 और 20 साल पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप ( कबाड़ ) कर दिया जाएगा। कमर्शियल गाड़ी 15 साल बाद कबाड़ घोषित हो सकेगी, वहीं निजी गाड़ियों के लिए यह समय 20 साल रखा गया है। मतलब अगर आपकी कार 20 साल पुरानी है तो रद्दी माल की तरह कबाड़ में बेच दिया जाएगा। दावा है कि स्क्रैपिंग पॉलिसी से वाहन मालिकों का न केवल कम आर्थिक नुकसान होगा, बल्कि सेफ्टी भी होगीऔर सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी होगी। दूसरे अहम कारणों में सुरक्षा का हवाला भी दिया गया है। 15 से 20 साल पुराने वाहनों में सीट बेल्ट और एयरबैग आदि नहीं होते, इससे दुर्घटना होने पर गाड़ी सवार लोगों की जान जा सकती है। नए वाहनों में सुरक्षा मानकों पर ध्यान दिया जा रहा है। नए वाहनों से होने वाले एक्सीडेंट में सिर की चोट के मामले भी काफी कम हैं। पॉलिसी के जरिए 15 से 20 साल पुराने वाहनों को स्क्रैप्ड कर नए वाहन लेने के लिए लोगों को प्रेरित करने का मकसद है। पुराने वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगाने के लिए राज्यों को प्रेरित किया जा रहा है।
इस दिशा में कर रहे मंथन, उठाएंगे कदम : शर्मा
प्रदेश के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा का कहना है कि केंद्र की ओर से देशहित और पर्यावरण हित, जान माल की सुरक्षा को लेकर बेहद ही अहम नीतियां तैयार की जा रहीं हैं। इन कल्याणकारी नीतियों को सभी राज्यों को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर अडॉप्ट करना चाहिए, स्क्रैप पालिसी को लेकर हम पूरी तरह गंभीर हैं, इस दिशा में बेहद तेजी के साथ में प्रक्रिया चल रही है।
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