अविश्वास प्रस्ताव में मनोहर सरकार पास, भूपेंद्र सिंह हुड्डा फेल

अविश्वास प्रस्ताव में मनोहर सरकार पास, भूपेंद्र सिंह हुड्डा फेल
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सरकार के समर्थन में 55 सदस्यों ने वोटिंग की।वहीं बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार को घेरने के लिए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अविश्वास प्रस्ताव का दांव खेला था। जो सिरे नहीं चढ़ सका और विधानसभा के पटल पर औंधे मुंह गिर गया ।

हरियाणा विधानसभा बजट-सत्र के चौथे दिन बुधवार को सभी की नजरें अविश्वास प्रस्ताव पर टिकी हुई थींं लेकिन सत्तापक्ष की ठोस रणनीति के कारण शाम को यह प्रस्ताव औंधे मुंह गिर गया। हालांकि मुख्य विपक्ष कांग्रेस के नेता इसको लेकर खासे उत्साहित थे और पार्टी की ओर से शक्ति प्रदर्शन की खास तैयारी रखते हुए व्हिप जारी की गई थी। सत्तापक्ष भारतीय जनता पार्टी की ओर से भी इस संबंध में सभी विधायकों स्पष्ट दिशा निर्देश जारी करते हुए सदन में रहने के लिए कहा गया था। सदन में सभी को खड़े कर सिर गिनने का फार्मूला हिट रहा व विधायक पार्टी व्हिप से बंधे रहे।

सत्तापक्ष को 55 वोटें पड़ीं

इस तरह से सत्तापक्ष के विधायकों ने इसके आने के पहले जमकर विपक्ष पर हमले बोले साथ ही कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में 55 मत डाले हालांकि विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर कुर्सी संभाल रहे पंचकूला विधायक ज्ञानचंद गुप्ता भी भाजपा के पुराने नेता हैं लेकिन उनका वोट इस दौरान नहीं गिना जाता। सत्तापक्ष को 55 वोटें पड़ीं। दूसरी तरफ अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में कांग्रेसी विधायकों की ओर से 30 वोट डाले गए हैं। इसके अलावा दो विधायक बलराज कुंडू और सोमबीर सांगवान निर्दलीय विधायकों ने भी इसके समर्थन में मतदान किया। इस तरह से 32 वोट इसके समर्थन में गए। नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा, किरण चौधरी गीता भुक्कल, डा. रघुबीर कादियान, शमशेर गोगी, जगबीर मलिक, कुलदीप बिश्नोई, कुलदीप वत्स, शकुंतला खटक, जयवीर वाल्मीकि, मोहम्मद इलियास, आफताब अहमद, अमित सिहाग, बीबी बतरा, चिरंचीव राव, राजेंद्र जून, बलबीर सिंह, वरुण चौधरी, नीरज शर्मा, धर्म सिंह छोक्कर, सुभाष गांगोली, राव दान सिंह, मामन खान, मेवा सिंह, बिशनलाल, इंदूरराज नरवाल, रेणूबाला, शीशपाल केहरवाला, सुरेंद्र पंवार, रेणूबाला यह सभी कांग्रेसी विधायक थे, जिन्होंने कांग्रेस के अविश्वास पक्ष का सदन में खड़े होकर समर्थन किया। इनके अलावा सोमबीर सांगवान और बलराज कुंडू ने भी साथ दिया, इसीलिए विपक्ष के पास 32 वोट रहे।

अविश्वास के बहाने विपक्ष ने साधे कईं निशाने

हरियाणा विधानसभा में देर शाम को भले ही अविश्वास प्रस्ताव औंधे मुंह गिर गया है लेकिन नेता विपक्ष व भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने नेताओं के साथ में बैठकर ठोस ऱणनीति बनायी थी। इस बहाने जहां उनके सभी विधायक एक मंच पर दिखाई दिए। वहीं दूसरी तरफ सदन में नाराजगी जताने वाले जजपा नेताओं टोहाना से देवेंद्र बबली, जोगीराम सिहाग सहित कईं नेताओं ने खुलकर सदन में अपनी नाराजगी जाहिर की। वहीं कुछ यदा कदा अपनी नाराजगी जाहिर करते रगहे हैं। कुल मिलाकर जजपा और भाजपा नेताओं को इन विधायकों की मान मनौव्वल की स्थिति भी इस अविश्वास प्रस्ताव के कारण बन गई थी।कुल मिलाकर विपक्ष कांग्रेसी नेताओं को यह बहुत ही अच्छी तरह से था कि यह प्रस्ताव गिर जाएगा लेकिन इस बहाने उन्होंने राज्य के चैनलों, मीडिया के साथ साथ राष्ट्रीय मीडिया में भी हरियाणा को लेकर नई बहस छेड़ने का सफल काम किया। दूसरी तऱफ इस ऱणनीति के कारण भाजपा, जजपा सबी को व्हिप जारी करनी पड़ गई। सत्तापक्ष भाजपा का समर्थन करने वाले कई चेहरे जहां सदन में मौजूद रहे। वहीं गोपाल कांडा व कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई भी सदन में नजर आए। इस बहाने हरियाणा की राजनीति को गर्माने का काम विपक्ष की ओर से कर दिया गया है। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और गठबंधन वाली जननायक जनता पार्टी के नेताओं को विधायकों की अहमियत का पता लग गया। भले ही अविश्वास प्रस्ताव मैं कांग्रेस को कुछ सफलता हाथ नहीं लगी उसके बावजूद वे अपना सियासी मकसद पूरा करने में सफल रहे, क्योंकि जननायक जनता पार्टी और भाजपा के असंतुष्ट विधायकों ने अपनी नाराजगी दर्ज कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।

दो घंटे तक चली बहस, सीएम को बोलते वक्त खूब टोकाटाकी हंगामा

अविश्वास से पहले दो घंटे से ज्यादा वक्त बहस चली, जिसके बाद में सदन के नेता सीएम मनोहरलाल और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने विपक्ष के हमलों का जवाब दिया। इस दौरान भी जमकर शोरगुल व हंगामा हुआ। कुल मिलाकर विपक्ष इस बजट सत्र में अपना शक्तिप्रदर्शन करते हुए सत्तापक्ष को विपक्ष की अहमियत का अहसास कराने में सफल साबित हुए।

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