गाय के गोबर से बनी खाद को किसानों तक पहुंचाएगी मनोहर सरकार

हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि प्रदेश के किसानों को जैविक खेती अपनाने एवं गौशालाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे। दलाल ने यह बात यहां रसायनिक डीएपी के विकल्प जैविक प्रोम के भविष्य की कार्य योजना पर आयोजित ऑनलाइन वेबीनार में वर्चुअल माध्यम से कही।
उन्होंने कहा कि गौ अनुसंधान केंद्र में तैयार और डीएपी के विकल्प जैविक प्रोम का सर्टिफिकेशन किया जाए। इस खाद के मानक प्रमाणित होने पर हरियाणा सरकार प्रमाणिक तौर पर तैयार खाद को किसानों तक पहुंचाएगी। यह जैविक खेती में एक जबरदस्त क्रांति का काम करेगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में हमें पारंपरिक गौ आधारित खेती पर जोर देना होगा। फास्फेट आधारित गाय के गोबर से बनी इस प्रोम खाद को पूरी तरह से किसी विश्वसनीय लैब से टेस्टिंग करवाई जानी चाहिए तथा खेतों में इसका एक ट्रायल के तौर पर प्रयोग करके किसानों को इस तरह के खाद की आवश्यकता से रूबरू कराना होगा। यह खाद निश्चित तौर पर रासायनिक डीएपी से काफी सस्ती व ज्यादा कामयाब साबित हो सकती है। अगर हम इस दिशा में कामयाब होते हैं तो निश्चित तौर पर हरियाणा देश में पहला राज्य होगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के हितो के लिए हर संभव कदम उठाने को कृत संकल्प है और जैविक खेती आज के समय की आवश्यकता है। गौशालाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए गाय के गोबर से जैविक खाद तैयार करने और गौमूत्र के प्रासंगिक उपयोग के लिए अनुसंधान पर अधिक जोर दिया जाएगा।
हरियाणा गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष श्रवण कुमार गर्ग ने कहा कि भारतीय संस्कृति में गाय के गोबर को भी धन माना गया है। हजारों वर्षों से हमारी कृषि गोबर, गोमूत्र पर आधारित रही है। विभिन्न संगठनों द्वारा जैविक खेती के विभिन्न आयामों पर कार्य चल रहा है।
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