मनरेगा, मिड डे मील व आंगनवाड़ी, आशा वर्कर भी बनवा सकते हैं ई-श्रमिक कार्ड

मनरेगा, मिड डे मील व आंगनवाड़ी, आशा वर्कर भी बनवा सकते हैं ई-श्रमिक कार्ड
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ई-श्रमिक कार्ड बनने के बाद उन्हें सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ मिलेगा। कार्डधारक के परिजनों को दुर्घटना में हुई मौत अथवा स्थाई रूप से विकलांग होने पर 2 लाख रुपए तथा आंशिक रूप से विकलांग होने पर एक लाख का अनुदान दिया जाता है।

असंगठित कामगारों का राष्ट्रीय स्तर पर डेटा एकत्र करने के लिए पंजीकरण किया जा रहा है। इसके लिए सभी असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले नागरिकों के ई-श्रमिक कार्ड बनाये जा रहे है।

सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मनरेगा, मिड डे मील, आशा, आंगनवाड़ी वर्कर, रेहड़ी-फड़ी वाले, दूध बेचने वाले, मछुवारे, प्रवासी मजदूर, दूकानदारों व अन्य असंगठित श्रमिकों के ई-श्रमिक कार्ड बनाए जा रहे हैं। यह कार्ड ऐसे सभी क्षेत्रों में काम करने वाले नागरिकों के बन सकते हैं जिनका कहीं ईपीएफ व पीएफ आदि ना कटता हो तथा वे इनकम टैक्स पेई ना हो। ऐसे पात्र श्रमिक अपने नजदीकी सीएससी सेंटर पर जाकर 31 दिसंबर तक अपना पंजीकरण अवश्य करवा लें।उन्होंने बताया कि ई-श्रमिक कार्ड बनने के बाद उन्हें सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ मिलेगा। कार्डधारक के परिजनों को दुर्घटना में हुई मौत अथवा स्थाई रूप से विकलांग होने पर 2 लाख रुपए तथा आंशिक रूप से विकलांग होने पर एक लाख का अनुदान दिया जाता है।

प्रवक्ता ने बताया कि पंजीकरण के लिए ई-श्रमिक कार्ड बनवाने के लिए कामगार की आयु 16 से 59 वर्ष के बीच होनी चाहिए। कामगार स्वयं भी ई-श्रम डॉट जीओवी डॉट इन पर पंजीकरण कर सकते हैं। इसके अलावा नजदीकी सीएससी सेवा केंद्रों पर भी जाकर मुफ्त में पंजीकरण करवा सकते हैं।

असंगठित कामगारों के ई-श्रमिक कार्ड पूरे भारत में स्वीकार्य होगा। पीएमएसबीवाई के तहत दुर्घटना बीमा कवरेज मिलेगा तथा विभिन्न प्रकार के सामाजिक सुरक्षा लाभों का वितरण ई-श्रमिक कार्ड के द्वारा किया जाएगा। आपदा या महामारी जैसी कठिन परिस्थितियों में केंद्र व राज्य सरकारों से मदद प्राप्त करने में आसानी होगी।

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